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Coronavirus: खांसी और छींक से 10 मीटर दूर तक फैल सकता है वायरस, नई एडवाइजरी जारी

किसी भी संक्रमित व्यक्ति के खांसी और छींक से वायरस के फैलने का सबसे प्रमुख कारण।

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Newstrack Network NetworkPublished By Monika
Published on: 20 May 2021 10:00 AM GMT (Updated on: 20 May 2021 10:07 AM GMT)
Coronavirus spread 10 meters due to cough and sneeze
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कोरोना वायरस टेस्टिंग (सांकेतिक फोटो ) सौ. से सोशल मीडिया 

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (coronavirus) की दूसरी लहर पहले से कई गुना खतरनाक है । इससे बचाव के लिए लोग नए नए तरीके अपना रहे है, तो दूसरी तरफ वैज्ञानिक कोरोना वायरस पर ऐसे ऐसे खोल कर रहे हैं जिसे सुन लोगों को हर छोटी बड़ी चीजों से बचान करना पड़ रहा हैं । हाल ही में केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय की ओर से कोरोना संक्रमण के मद्देनजर जरुरी एडवाइजरी (new Advisory) जारी की है ।

इस एडवाइजरी में कहा गया है कि भारत में महामारी के प्रकोप के बीच एक बार फिर उन सामान्य नियमों को याद रखने की जरूरत है जिसके जरिए सार्स-CoV-2 वायरस का ट्रांसमिशन सीमित कर सकते हैं ।

इस एडवाइजरी में कहा गया है कि ऑफिस और घरों में बेहतर वेंटिलेशन से संक्रमण का खतरा कम किया जा सकता है । इसमें ये भी कहां गया है कि अगर अच्छी वेंटिलेशन मिल रही है तो एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में संक्रमण के ट्रांसमिट होने की आशंका कम हो जाती है । लोग लगातार मास्क से लेकर हैण्ड वाश , हाथों को लगातार सेनेटाईज कर रहे हैं । सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन कर रहे हैं ।

हवा को लेकर दी एडवाइजरी

इस एडवाइजरी से तो शायद कुछ लोग वाकिफ होंगे लेकिन इस नई एडवाइजरी में जो बात कही गई है वो चौकाने वाली है । ऑफिस और घरों में वेंटिलेशन के सन्दर्भ में सलाह दी गई है। इसमें फैन की दिशा को लेकर बात बताई गई है कि पंखे को किस दिशा में रखना चाहिए कि वह बाहर की दूषित हवा को अंदर ना लाए । एडवाइजरी में ऑफिस, ऑडिटोरियम, शॉपिंग मॉल आदि में गैबल फैन सिस्टम और रूफ वेंटिलेटर के उपयोग की सिफारिश की गई है ।

इतनी दूर तक गिर सकती है ड्रॉपलेट्स

यही नहीं वायरल एरोसोल और ड्रॉपलेट्स के जरिए भी एक व्यक्ति से अन्य लोगों में ट्रांसवर हो सकता है । एरोसोल हवा में 10 मीटर तक जा सकता है। एक संक्रमित व्यक्ति जब छींकता है तो 2 मीटर के दायरे में ड्रॉपलेट्स गिरती है । वहीं संक्रमित व्यक्ती में लक्षण ना भी हो, तो भी उसके पर्याप्त ड्रॉपलेट्स निकल सकते है । संक्रमित व्यक्ति द्वारा सांड छोड़ने , बात करने , हंसने , खांसने या छींकने से भी लार और नाक के जरिए ड्रॉपलेट्स और एरोसोल बन सकता है , जो सामने खड़े व्यक्ति में ट्रांसमिशन फैला सकता है । इसे लिए कहां गया है कि डबल मास्क या एन95 मास्क का ही प्रयोग करें । वायरस के ट्रांसमिशन को रोकने के लिए सभी को एडवाइजरी को ध्यान में रखते हुए इसका पालन करना चाहिए ।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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