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Coronavirus 3rd Wave: बच्चों के इलाज की गाइडलाइंस जारी, ना दी जाए रेमडेसिविर, स्टेरॉयड देने से भी बचें
गाइडलाइंस में कहा गया है कि इलाज के दौरान स्टेरॉयड के इस्तेमाल पर ध्यान दिया जाना बेहद जरूरी है। इसका इस्तेमाल सही समय पर और सही मात्रा में बेहद जरूरी है।
Coronavirus: देश में कोरोना की दूसरी लहर (Coronavirus Second Wave) से जो तबाही मची थी उसे भुलाया नहीं जा सकता। अब दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर (Covid-19 Third Wave) की आशंका जताई जा रही है, जिसमें कहा जा रहा है कि ये बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक होगा। इसे देखते हुए सरकारों ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसी क्रम में केंद्र सरकार ने बच्चों के इलाज संबंधी गाइडलाइंस जारी की है।
आपको बता दें कि कुछ रिपोर्ट्स में आशंका जताई जा रही है कि कोरोना की तीसरी लहर (Coronavirus 3rd Wave) बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती है। हालांकि, सरकार का कहना है कि अभी तक इस तरह का कोई डेटा या सबूत नहीं है जो इस आशंका के सही साबित होने का संकेत दे। फिर भी सरकार ने बच्चों के इलाज को लेकर अलग से विस्तृत गाइडलाइंस जारी की है। आईये जानते हैं बच्चों के इलाज के लिए क्या सरकार की गाइडलाइन -
रेमेडेसिविर के इस्तेमाल का सुझाव नहीं
स्वास्थ्य मंत्रालय ( Ministry of Health ) की तरफ से बच्चों के इलाज में रेमडिजिविर इंजेक्शन ( Remdesivir Injection ) का इस्तेमाल न करने की सलाह दी गई है। गाइडलाइंस में कहा गया है कि इलाज के दौरान स्टेरॉयड ( steroids ) के इस्तेमाल पर ध्यान दिया जाना बेहद जरूरी है। इसका इस्तेमाल सही समय पर और सही मात्रा में बेहद जरूरी है। साथ ही बिना चिकित्सकीय सलाह के स्टेरॉयड का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं किया जाना चाहिए।
सोच-समझकर हो सिटी स्कैन (CT Scan) का इस्तेमाल
इसके साथ ही सिटी स्कैन ( CT Scan ) का इस्तेमाल भी उचित तरीके से करने की सलाह दी गई है। गाइडलाइंस ( Corona Guidelines For Children ) में कहा गया है कि डॉक्टरों को बच्चों का सिटी स्कैन करवाते वक्त बेहद संवेदनशीलता बरतनी चाहिए। वहीं रेमडिजिविर इंजेक्शन को लेकर कहा गया है कि एफिकेसी डेटा की कमी के कारण बच्चों में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
वैक्सीन ट्रायल (Vaccine Trial) की दी जा चुकी है अनुमति
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए से बच्चों के वैक्सीनेशन ( Vaccinations for Children) को लेकर भी प्रयास किए जा रहे हैं। भारत की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन की निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ( Bharat Biotech ) को बच्चों में ट्रायल की अनुमति दी जा चुकी है। भारत बायोटेक की ओर से ये ट्रायल 525 वॉलंटियर्स पर किया जाएगा। इस ट्रायल में 2 ये 18 साल के बच्चों को शामिल किया जाएगा।