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Coronavirus Vaccine: दिसंबर तक सभी को लग जाएगा टीका, भारत में आने वाली हैं 4 और वैक्सीन
Coronavirus Vaccine: वीके पॉल ने बताया कि 2021 के आखिरी महीने तक देश में वैक्सीन की 200 करोड़ डोज का उत्पादन हो जाएगा।
Coronavirus Vaccine: देश में इस समय कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) की दूसरी लहर से तबाही मचा कर रख दी है। हालांकि बीते कुछ दिनों में संक्रमण के नए मामलों में भारी कमी आई है और रिकवरी रेट बढ़ा है। कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में सबसे बड़ा हथियार वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) है। सरकार यह बात को अच्छी तरह जानती है और सभी लोगों को वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए एक के बाद एक कई बड़े फैसले ले रही है।
सरकार की तरफ से बताया गया है कि देश में आने वाले कुछ महीने के अंदर चार और कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हो जाएंगी, तो वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि दिसंबर 2021 तक सभी नागरिकों का वैक्सीनेशन हो जाएगा। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा कि वैक्सीन का उत्पादन में लगातार बढ़ोतत्री की जा रही हैं। आगे 4 और वैक्सीन आएंगी।
उन्होंने बताया जो चार वैक्सीन आएंगी उनमें बायो- ई की वैक्सीन, जायडस की डीएनए पर आधारित वैक्सीन, भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन और जिनेवा की वैक्सीन शामिल हैं। वीके पॉल ने बताया कि 2021 के आखिरी महीने तक देश में वैक्सीन की 200 करोड़ डोज का उत्पादन हो जाएगा।
डॉ. पाल ने जानकारी दी कि सरकार कोरोना सुरक्षा योजना के तहत जायडस कैडिला, बायो ई और जिनेवा की कोरोना वैक्सीन के देश में मैन्युफैक्चरिंग के लिए फंडिंग कर रही है। इसके साथ ही राष्ट्रीय लैब्स से उन्हें टेक्निकल सपोर्ट भी दिया जा रहा है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि भारत बायोटेक की नाक से दी जाने वाली सिंगल डोज वैक्सीन के लिए भी केंद्र सरकार की तरफ से फंडिंग की जा रही है और यह दुनियाभर के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है। यह सभी वैक्सीन 'मेड इन इंडिया' होंगी।
डॉ. पॉल ने कहा कि वैक्सीन के लिए फाइजर और मॉडर्ना से भी बातचीत की जा रही है। बता दें कि फाइजर ने जुलाई से अक्टूबर तक वैक्सीन की पांच करोड़ डोज देने की पेशकश की है, लेकिन उसने कुछ छूट मांगी है और उसकी केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ कई दौर की बातचीत हो गई है। इस पर जल्द ही सरकार अपना पक्ष रख सकती हैं।
डॉ. पॉल ने कहा कि रूस की कोविड वैक्सीन स्पूतनिक-V का भी देश में जल्द ही उत्पादन शुरू होगा, क्योंकि भारतीय कंपनियों के लिए टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के काम को पूरा किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि सरकार रूस से बातचीत कर रही है कि डॉक्टर रेड्डीज लैब के साथ तालमेल करके 6 अन्य कंपनियां स्पूतनिक वैक्सीन का उत्पादन करें। इससे उत्पादन में तेजी भी आएगी और वैक्सीन की कीमत भी अधिक नहीं होगी।
नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि भारत बायोटेक की वैक्सीन की उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 3 अन्य कंपनियां भी जल्द को-वैक्सीन बनाना शुरू करेंगी। इसके अलावा बायोटेक के अपने प्लांट्स की क्षमताएं भी बढ़ रही है। ऐसे 4 कंपनियों में को-वैक्सीन का उत्पादन किया जाएगा। संभावना है कि उत्पादन क्षमता बढ़कर अक्टूबर तक 10 करोड़ डोज हर महीने हो जाएगी। इसके साथ 3 पब्लिक सेक्टर यूनिट्स मिलकर दिसंबर तक 4 करोड़ डोज का प्रोडक्शन करेंगी।
200 करोड़ डोज का होगा प्रोडक्शन
डॉक्टर पॉल ने बताया कि सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया भी अपनी क्षमता को 11 करोड़ डोज हर महीने करने जा रहा है। अभी 6.5 करोड़ डोज का प्रति महीने उत्पादन सीरम करता है। उन्होंने बताया कि सरकार के प्रयासों की बदौलत इस साल के अंत तक देश में वैक्सीन की 200 करोड़ डोज के उत्पादन का अनुमान है।
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