TRENDING TAGS :
कोरोना से हुई एक और नई समस्या, फैल रही जबरदस्त कोविड एंग्जायटी
कोविड एंग्जायटी की सबसे बड़ी वजह नेगेटिव जानकारियां और समाचार हैं। इस कोविड एंग्जायटी से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हैं।
लखनऊ: कोरोना संक्रमण (Corona Virus) के इस भयानक दौर में बीमार और स्वस्थ, दोनों ही तरह के लोगों में जबरदस्त कोविड एंग्जायटी (Covid Anxiety) धर कर गई है। कोविड एंग्जायटी यानी बीमारी को लेकर बेहद चिंता और निराशा की अवस्था। लोगों को जिस तरह चारों ओर से निराशाजनक और बेहद विचलित करने वाली सूचनाएं और जानकारियां मिल रही हैं, उससे लोग मानसिक (Mentally) तौर पर बीमार पड़ रहे हैं, जिसका असर सीधे शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health) पर पड़ रहा है।
किसी भी माहौल का प्रभाव मानसिक रूप से स्वस्थ और अस्वस्थ दोनों तरह के लोगों पर पड़ सकता है, लेकिन, जो पहले से ही बीमार या अतिसंवेदनशील हैं उनकी समस्या ज़्यादा बड़ी है। सामान्य चिकित्सकों और मनोचिकित्सकों ने चेताया है कि लोगों की मनोदशा पर पड़ रहा असर लंबे समय में नई समस्याओं को खड़ा कर सकता है। कोरोना संक्रमण के इस बेहद भयानक दौर में कोरोना के मरीजों, उनके परिवारवालों और जो लोग स्वस्थ हैं, सभी की मनोदशा पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इस कोविड एंग्जायटी (Covid Anxiety) से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हैं।
क्या है कोविड एंग्जायटी की वजह?
कोविड एंग्जायटी की सबसे बड़ी वजह नेगेटिव जानकारियां और समाचार हैं। हमारे पास लगातार नकारात्मक जानकारियां (Negative Information) आ रही हैं, जिससे शरीर में तनाव (Tension) पैदा करने वाला तंत्र सक्रिय हो जाता है और इससे व्यक्ति 'हाइपर अराउज़ल' ('Hyper Arrowsel') यानी बेहद तनावपूर्ण स्थिति में पहुँच जाता है। ये स्थिति लगातार बनी रहने के कारण मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) पर बुरा असर पड़ता है क्योंकि हमारे नर्वस सिस्टम, न्यूरॉन्स और न्यूरो केमिकल्स की सामान्य अवस्था पटरी से उतर जाती है। शरीर और मस्तिष्क पूरी तरह अपने को सुरक्षित करने के मोड में आ जाता है।
हाइपर अराउज़ल स्थिति में दिमाग़ अलार्म देने लगता है कि बहुत मुश्किल और संकटपूर्ण स्थिति है। ठीक वही स्थिति जैसे आप अचानक आक्रामक जानवरों से घिर गए हों। इससे शरीर के सारे सिस्टम एकदम से सक्रिय हो जाते हैं कि इस हालत में क्या करना है।
निगेटिव विचारों से हो रही ये स्थिति
आज के दौर में ये स्थिति नकारात्मक सूचनाओं को लगातार ग्रहण करने और मस्तिष्क में नेगेटिव विचार आने से हो रही है भले ही आप बीमार हों या स्वस्थ हों। ऐसे में शरीर वो हार्मोन्स रिलीज़ करने लगता जिनसे शरीर में तनाव पैदा हो जाता है। ये कुछ लम्हों तक रहे तो ठीक है लेकिन लगातार होने से मामला गड़बड़ा जाता है। शरीर की संघर्ष करने की क्षमता घट जाती है और मस्तिष्क अवसाद (Depression) और निराशा (Disappointment) की चपेट में आ जाता है।
दरअसल, महामारी के मौजूदा समय में सभी लोग जबरदस्त चिंता और तनाव से घिरे हुए हैं। लोगों में हताशा और नाउम्मीद की स्थिति है। इनका असर ये है कि चिंता, घबराहट, बेचैनी, दिमाग़ में नेगेटिव बातें घूमती रहती हैं। चिड़चिड़ापन, उदासी, अनिंद्रा जैसी परेशानियां होने लगती हैं। ये स्वास्थ्य के लिए खतरनाक स्थिति है।
क्या करें उपाय
- महामारी से जुड़ी सूचना और जानकारी सीमित करिये। ये तय करिये की आपको कितनी सूचना और जानकारी की जरूरत है। ज्यादा सूचना से बचें।
- आप ज्यादा संवेदनशील हैं तो बेहतर है कि समाचार देखना और पढ़ना बन्द कर दीजिए। सोशल मीडिया का इस्तेमाल बन्द कर दीजिए।
- यदि कोई व्यक्ति बार-बार कोरोना पर नकारात्मक बातें करता है जिससे आपको परेशानी हो रही है तो उससे बातें मत करिए।
- अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से बात करते रहें और एक-दूसरे का हौसला बढ़ाएं।
- नियमित दिनचर्या का पालन करें। सुबह उठकर साँस लेने वाले व्यायाम करें। किताबें पढ़ें, संगीत सुनें, हंसी मजाक वाली फिल्म देखें।
- रोज 8 से 10 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए।
- अपनी पसंद का कोई काम करें।
- प्रोटीन युक्त पौष्टिक आहार अवश्य लें।
- योग और प्राणायाम ऐसे समय में बेहद फायदेमंद हो सकते हैं।