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Covid-19 Booster Dose: ओमिक्रोन संक्रमण से बचाव के लिए सहायक कोरोना टीके की बूस्टर डोज़, शोध के चलते हुआ खुलासा
Covid-19 Booster Dose: एक शोध में यह दावा किया गया है ओमिक्रोन संक्रमण से बचाव हेतु कोविड टीके की बूस्टर डोज़ सबसे अधिक कारगर है।
कोरोना टीके की बूस्टर डोज़: Photo - Social Media
New Delhi: कोरोना वायरस (Coronavirus) के ओमिक्रोन संक्रमण (Omicron infection) ने दुनियाभर में भारी तबाही मचाई। इस दौरान बड़ी संख्या में महामारी फैलने के साथ ही कई लोगों की मौत हुई। कोरोना महामारी के आगमन के बाद से लगातार इसपर शोध कार्य जारी है। इस दौरान पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) द्वारा किए गए एक एक हालिया अध्ययन के चलते शोधकर्ताओं ने बताया है कि ओमिक्रोन संक्रमण के बाद से लोगों में कोविड वैक्सीन की दोहरी खुराक लगने के 6 महीने बाद के एंटीबॉडी स्तर में भारी कमी आई है। इस शोध के चलते यह दावा किया गया है ओमिक्रोन संक्रमण से बचाव हेतु कोविड टीके की बूस्टर डोज़ सबसे अधिक कारगर है।
एनआईवी पुणे (NIV Pune) द्वारा किए गए इस शोध अध्ययन के निष्कर्ष हाल ही में जर्नल ऑफ ट्रैवल मेडिसिन (Journal of Travel Medicine) में प्रकाशित किए गए हैं। इस अध्ययन में व्यक्तियों के तीन समूह शामिल थे, जो कि कोविड टीके की दोनों खुराक ले चुके थे। एनआईवी पुणे द्वारा इन लोगों पर सघन शोध के बाद अपने परिणाम सार्वजनिक किए गए हैं।
न्यूट्रलाइज़िंग एंटीबॉडी प्रतिक्रिया
अध्ययन के मद्देनज़र यह साफ़ हुआ कि जिन लोगों को अनजाने में कोविड के टीकों की मिश्रित खुराक दी गई थी, उनमें डेल्टा और अन्य कोविड 19 वेरिएंट के खिलाफ एक बेहद ही व्यवस्थित न्यूट्रलाइज़िंग एंटीबॉडी प्रतिक्रिया देखी गई।
पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी: Photo - Social Media
बूस्टर डोज़
एनआईवी पुणे ने दोनों कोविड 19 टीके लगने के बाद बूस्टर खुराक (booster dose) को ओमिक्रोन संक्रमण से बचाव में सबसे अधिक कारगर बताया है, यह काफी हद तक लोगों को संक्रमण की चपेट में आने से रोक सकती है। आपको बात दें कि भारत में फ्रंटलाइन कर्मियों जैसे पुलिसकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी, आदि और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बूस्टर डोज़ लगाने की शुरुआत बीते समय में ही की जा चुकी है।
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