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Coronavirus In India: देश में फिर से बढ़ने लगे कोरोना वायरस के मामले, क्या यह तीसरी लहर का असर है?
Coronavirus In India: देश में एक बार फिर से तेज़ी से बढ़ने लगे कोरोना वायरस के मामले
Corona virus India: जिस तरह से दुनिया भर में कोरोनावायरस ने तबाही मचाई है ऐसे में लोगों के मन में एक डर बैठ गया है और लोगो के मन में बस यहीं सवाल है कि कोरोनावायरस इस देश और दुनिया से कब जाएगा, वैज्ञानिक लगातार कोशिश कर रहे हैं कि किसी तरह से इस वायरस का तोड़ ढूंढा जाए फिलहाल राहत की बात यह है कि हमारे वैज्ञानिकों के द्वारा कोरोनावायरस के असर को कम करने के लिए वैक्सीन बना ली गई है लेकिन फिर भी यह वायरस समय-समय पर अपने नए स्वरूप के साथ तबाही मचा रहा है वहीं भारत की अगर बात की जाए तो तीसरी लहर की संभावना एक्सपर्ट्स ने जताई थी जिसका असर शायद दिखने भी लगा है। एक बार फिर से देश में कोरोनावायरस के मामले बढ़ने लगे हैं पिछले 24 घंटे में देश में 41195 नए कोरोनावायरस के मामले सामने आए हैं वही 490 लोगों ने अपनी जान भी गंवा दी है। कोरोना की दूसरी लहर के खत्म होने से पहले ही तीसरी लहर का अंदाजा लगा लिया गया था बताया जा रहा है कि कोरोना की यह तीसरी लहर पहली और दूसरी लहर से भी खतरनाक होगी। और इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों में देखने को मिलेगा।
क्या तीसरी लहर भारत में आ चुकी है?
जिस तरह से कोरोनावायरस की पहली और दूसरी लहर ने पूरे देश में कोहराम मचाया है ऐसे में हाल ही में बढ़ रहे कोरोनावायरस के मामले ने एक बड़ा सवाल खड़ा किया है क्या देश में कोरोनावायरस की तीसरी लहर ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है? एक्सपर्ट्स की माने तो उन्होंने अंदाजा लगाया था कि भारत में जल्द ही तीसरी लहर का प्रकोप भी देखने को मिलेगा वहीं अगस्त की शुरुआत होते ही एक बार फिर से कोरोनावायरस के मामले बढ़ने लग गए हैं ताजा आंकड़ों की अगर बात की जाए तो पिछले 24 घंटे में कोरोनावायरस के 40195 मामले पूरे देश से निकल कर आए हैं वही 490 लोगों ने अपनी जान भी गंवा दी है। यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री के डाटा के अनुसार 37 ऐसे शहर है जहां पर कोविड-19 के मामले पिछले एक हफ्ते में बढ़े हैं। वहीं कई प्रदेशों में स्कूल और कॉलेज भी खोलने की तैयारी चल रही है अब ऐसे में कोरोनावायरस की तीसरी लहर से निपटना काफी मुश्किल हो सकता है।
क्यों खतरनाक है तीसरी लहर पहली और दूसरी से?
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि साल 2020 की शुरुआत में कोरोनावायरस की पहली लहर ने देश को अपनी चपेट में लिया जिसमें कई लोगों ने अपनी जान गवा दी वहीं देश लॉकडाउन की स्थिति में चला गया वही साल 2020 मार्च के अंत से कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने अपना असर दिखाना शुरू किया जो पहली से भी खतरनाक थी आखिर क्या अंतर है पहली दूसरी और तीसरी कोरोनावायरस की लहर में क्यों यह एक दूसरे से ज्यादा खतरनाक रूप ले रही हैं? वायरस पर स्टडी करने वाले वायरोलॉजी एक्सपर्ट का कहना है कि वायरस अपने जेनेटिक मैटेरियल, राइबोस न्यूक्लिक एसिड (RNA), में लगातार बदलाव करता रहता है जिसकी वजह से वायरस के नए-नए रूप सामने आते हैं इन्हें ही वायरस का न्यू वैरिएंट/ स्ट्रेन कहते हैं। लगातार वायरस में होने वाले बदलाव की वजह से वह और भी खतरनाक बनता जाता है और उसके अंदर फैलने की क्षमता भी अधिक हो जाती है जिस वजह से आने वाली हर लहर पिछली लहर से खतरनाक साबित हो रही है। देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने जिस तरह से तबाही मचाई थी वह मंजर शायद ही कोई भूल पाए वहीं एक्सपर्ट्स ने तीसरी लहर के भी संकेत दे दिए थे जिसका असर भी शायद कुछ जगह पर देखने को मिलने लगा है।
बरतनी होगी सावधानी
पहली लहर के अंत के बाद दूसरी लहर का अधिक खतरनाक होना शायद हमारी ही गलती का परिणाम था अनलॉक के बाद से लोगों ने सावधानी बरतना छोड़ दिया वहीं वैक्सीनेशन ड्राइव की भी जनवरी में शुरुआत हुई, लोगों ने मास्क लगाना छोड़ दिया और बाजार भी पूरी तरह से खुल गए थे मानो इस देश से नहीं बल्कि दुनिया से कोरोनावायरस पूरी तरह से खत्म हो चुका हो जिसका परिणाम हमने दूसरी लहर में भुगता। अस्पतालों में बेड नहीं मिले और ना ही लोगों को समय पर ऑक्सीजन मिल पाई जिससे हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी। श्मशान और कब्रिस्तान तो मानो जैसे लाशों से पट गए हों, लेकिन अगर तीसरी लहर के प्रकोप से बचना है तो हमें पहले से ही सावधानी बरतनी होगी सरकार द्वारा दी गई गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करना होगा साथ ही सरकार को भी तीसरी लहर के लिए अपनी कमर कस लेनी चाहिए कहीं ऐसा ना हो की यह तीसरी लहर दूसरे लहर से भी ज्यादा तबाही मचा दे।