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बूस्टर डोज से पहले सभी को पूर्ण कोरोना टीकाकरण ही प्राथमिकताः ICMR

आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि कोविड-19 की बूस्टर खुराक इस समय वैज्ञानिक चर्चा के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में केंद्रीय विषय नहीं है और दो खुराक प्राप्त करना मुख्य प्राथमिकता है।

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Newstrack NetworkPublished By Deepak Kumar
Published on: 17 Sep 2021 6:13 AM GMT (Updated on: 17 Sep 2021 6:13 AM GMT)
Complete corona vaccination is the priority
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पूर्ण कोरोना टीकाकरण ही प्राथमिकता।

कई विकसित और धनी देशों ने कोविड-19 के खिलाफ बूस्टर डोज देने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार ने बीते दिन कहा कि कोविड-19 (Covid-19) की बूस्टर खुराक इस समय वैज्ञानिक चर्चा के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में केंद्रीय विषय नहीं है और दो खुराक प्राप्त करना मुख्य प्राथमिकता है। एक प्रेस ब्रीफिंग में सवाल का जवाब देते हुए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव (Balram Bhargava) ने कहा कि दोनों खुराक देना अत्यंत आवश्यक है और इसमें किसी तरह की बाधा नहीं होनी चाहिए।

ICMR के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने गुरुवार को कहा कि वैज्ञानिक शोधों में यह पता चला है कि वैक्सीन के दोनों खुराक के कुछ समय बाद इंसान के शरीर की एंटीबॉडी में कमी आने लगती है। सक्रमण के खिलाफ प्रतिरक्षा के अन्य रूप हैं जो जारी रह सकते हैं. उन्होंने कहा देश में कोरोना के दो डोज वैक्सीन कवरेज टॉप प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने कहा कि कई एजेंसियों ने अनुशंसा की है कि एंटीबॉडी के स्तर को नहीं मापा जाना चाहिए, लेकिन महत्वपूर्ण समझ ये है कि दोनों खुराक का पूर्ण टीकाकरण नितांत जरूरी है और इसे किसी तरह बाधित नहीं होना चाहिए।

कोरोना वैक्सीन का पूर्ण टीकाकरण प्रमुख प्राथमिकता

भार्गव का यह बयान ऐसे समय आया है जब देश की पहली खुराक टीकाकरण कवरेज 62 फीसदी तक पहुंच गई है और योग्य वयस्क आबादी का 20 फीसदी लोगों का पूरी तरह से टीकाकरण हो चुका है। हमें एक बात बहुत स्पष्ट रूप से याद रखनी होगी, कि बूस्टर खुराक इस समय वैज्ञानिक चर्चा में केंद्रीय विषय नहीं है। दो खुराक का पूर्ण टीकाकरण प्राप्त करना एक प्रमुख प्राथमिकता है। कई एजेंसियों ने कहा है कि एंटीबॉडी के स्तर को नहीं मापा जाना चाहिए क्योंकि आपके पास सेलुलर इम्युनिटी, एंटीबॉडी इम्युनिटी या म्यूकोसल इम्युनिटी हो सकती है जो बनी रहती है। दोनों खुराक का पूर्ण टीकाकरण बहुत आवश्यक है और उस सोच में कोई दो राय नहीं होनी चाहिए।

गुरुवार को, स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि हेल्थ ऑक्सीजन बनाने वाले 1,595 पीएसए संयंत्रों को चालू कर दिया गया है, और यह संयंत्र वर्तमान में देश भर के अस्पतालों में 2,088 मीट्रिक टन हेल्थ ऑक्सीजन मुहैया करा रहे हैं।

पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दी जा चुकी पहली खुराक

अब तक पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, गोवा, चंडीगढ़ और लक्ष्यद्वीप की संपूर्ण वयस्क आबादी को टीके की कम से कम पहली खुराक दी जा चुकी है। आंकड़ों के मुताबिक एक महीने में दी जाने वाली टीके की औसत दैनिक खुराक मई में 19.69 लाख से बढ़कर जून में 39.89 लाख, फिर जुलाई में 43.41 लाख और अगस्त में 59.19 लाख हो गई है। भूषण ने कहा कि सितंबर के पहले 15 दिनों में औसत दैनिक टीकाकरण प्रतिदिन 74.40 लाख रहा है।

3621 पीएसए संयंत्र होंगे स्थापित

स्वास्थ्य मंत्रालय के हेल्थ सेक्रेटरी राजेश भूषण ने बताया कि देश भर में 3,631 पीएसए संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं, जब ये सभी चालू हो जाएंगे, तो हमारे पास 4,571 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता हो जाएगी। केंद्रीय संसाधनों से 1,491 पीएसए प्लांट चालू किए जा रहे हैं, जिससे हमें 2,281 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन मिलेगी। राज्य और अन्य संसाधनों से - सीएसआर फंड, स्थानीय शहरी निकाय फंड और एमपीलैड फंड - 2,140 पीएसए चालू किए जा रहे हैं; एक बार जब वे पूरे हो जाएंगे तो 2,289 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध होगी।

कोरोना के कुल मामलो में 67.79 प्रतिशत केरल

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सचिव राजेश भूषण ने कहा क‍ि देश में पिछले हफ्ते सामने आए कोविड-19 के कुल मामलों में से 67.79 प्रतिशत केरल से थे। ये 2 लाख के करीब उपचाराधीन मरीजों वाला एक मात्र राज्य है। राजेश भूषण ने कहा क‍ि भारत के 34 जिलों में साप्ताहिक संक्रमण दर 10 प्रतिशत से ज्यादा जबकि 32 जिलों में यह 5-10 प्रतिशत के बीच है।

Deepak Kumar

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