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भारतीय वैक्सीन का दुनिया में बढ़ा भरोसा, लाइन में कई विदेशी कंपनियां, ये है वजह
दुनिया में बढ़ेगा भारत का रुतबा, कई विदेशी कंपनी काम करने को इच्छुक
फाइल फोटो, साभार-सोशल मीडिया
कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए भारत में तेजी से टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। जिससे इस बीमारी से लोगों को बचाया जा सके। देश में अभी भी करोड़ों लोग ऐसे हैं जिन्हें वैक्सीन लगनी है। देश में अभी भले ही वैक्सीन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया धीमी हो लेकिन दुनिया के कई देशों का भारतीय वैक्सीन पर भरोसा बढ़ता जा रहा है। भारत में अभी तीन कोरोना वैक्सीन है, रूस की स्पुतनिक का निर्माण भी भारत में शुरू हो चुका है। अमेरिका की जानसन एंड जानसन को लेकर बातचीत चल रही और सही दिशा में आगे बढ़ रही है। इसके साथ ही अमेरिका की दिग्गज वैक्सीन निर्माता कंपनियों फाइजर व माडर्ना का नाम भी जल्द जुड़ने की संभावना है।
संपर्क में कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां
कोरोना वैक्सीन की शोध में लगी दुनिया की छड़ बड़ी कंपनियां भारतीय वैक्सीन निर्माता कंपनियों के संपर्क में हैं। इसमें जापान, अमेरिका, कनाडा, यूरोप की कंपनियां शामिल हैं। हालांकि अभी इनकी बातचीत फाइनल नहीं हुई है, जिसमें कई समय लग सकता है। जानकारी के मुताबिक यूरोप और अमेरिका स्थित जितनी वैक्सीन निर्माण से जुड़ी कंपनियां हैं, वह अब ज्यादा आर्डर लेने की स्थिति में नहीं हैं। दूसरी तरफ भारत के पास अब भी कई विश्वस्तरीय वैक्सीन निर्माता कंपनियों के पास काफी अतिरिक्त क्षमता है। इसलिए इन देशों की वैक्सीन निर्माता कंपनी भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर वैक्सीन बनाने का काम करना चाहती है। बता दें दुनिया की कुल वैक्सीन की 60 फीसदी वैक्सीन हिंदुस्तान में बनाई जाती है।
भारत में तीन कोविड वैक्सीन मौजूद
अभी भारत में कोरोना वायरस की तीन वैक्सीन उपलब्ध है। इनमें से एक सीरम इंस्टीट्यूट (SII) की कोविशील्ड है। बाकी दो वैक्सीन भारत बायोटेक की स्वदेश में विकसित कोवैक्सीन और रूस की स्पुतनिक है। इसके अलावा सरकार ने हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल-ई से एक नई कोविड वैक्सीन की 30 करोड़ डोज बुक की हैं। यह वैक्सीन अभी क्लीनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में है, हालांकि पहले दो चरणों में वैक्सीन ने अच्छा प्रदर्शन किया है। बायोलॉजिकल-ई की वैक्सीन, भारत में विकसित दूसरी वैक्सीन होगी।
कई पड़ोसी देशों को वैक्सीन का इंतजार
भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने जैसे कहर परपाया वैसे ही घरेलू स्तर पर वैक्सीन की कमी को दूर करने के लिए अप्रैल महीने में भारत ने देश से वैक्सीन निर्यात पर रोक लगा दी है। जिसके बाद पड़ोसी देशों को वैक्सीन की सप्लाई रोक दी गई। अब नेपाल, बांग्लादेश, भूटान समेत दुनिया के कई देश भारत निर्मित वैक्सीन की पहली डोज देने के बाद दूसरी डोज के लिए भारत सरकार की तरफ टकटकी लगाए हुए हैं।
पीएम मोदी और कमला हैरिस की हुई बातचीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल 3 जून को अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस से टेलिफोन पर बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मैं ग्लोबल वैक्सीन शेयरिंग के लिए अमेरिकी रणनीति के हिस्से के रूप में भारत को वैक्सीन आपूर्ति के आश्वासन की गहराई से सराहना करता हूं। हमने भारत-अमेरिका वैक्सीन सहयोग को और मजबूत करने के लिए चल रहे प्रयासों पर भी चर्चा की। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'कुछ देर पहले अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से बात की। मैं वैश्विक वैक्सीन साझाकरण के लिए अमेरिकी रणनीति के हिस्से के रूप में भारत को टीके की आपूर्ति के आश्वासन की गहराई से सराहना करता हूं। मैंने उन्हें अमेरिकी सरकार, कारोबारियों और प्रवासी भारतीयों से मिले समर्थन और एकजुटता के लिए भी धन्यवाद दिया।