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Lockdown: मौजूद हालात में ज्यादा कारगर नहीं ये उपाय, बचा सिर्फ एक रास्ता

नाइट कर्फ्यू या सप्ताह के एक-दो दिन के लॉक डाउन से संक्रमण की गति धीमी हो सकती है लेकिन उसे खत्म नहीं किया जा सकता है।

Ramkrishna Vajpei
Written By Ramkrishna VajpeiPublished By Ashiki
Published on: 13 April 2021 10:37 PM IST
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File Photo 

लखनऊ: मौजूदा दौर में कोरोना संक्रमण का प्रकोप अपने चरम पर है। केंद्र व राज्य सरकार ने इस पर काबू पाने की कोशिश में लगी हुई हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण के नित नये केस का आंकड़ा बढ़ने और लोगों की मौत होने के बावजूद बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिन्हें कोरोना संक्रमण के खतरे का अंदाजा नहीं है और वह लापरवाही बरत कर तमाम दूसरे लोगों को संक्रमित करने में अपना अहम योगदान दे रहे हैं।

लोग कह रहे हैं इतने भयावह हालात हो चुके हैं कि अब सरकार को लाक डाउन कर देना चाहिए यह बात बिल्कुल गलत है। एम्स नई दिल्ली के प्रोफेसर डॉ संजय राय का मानना है कि नाइट कर्फ्यू या लॉकडाउन कोरोना की समस्या का समाधान नहीं है। यह ठीक है कि पिछले साल दुनियाभर के तमाम देशों ने बचाव के लिए लॉकडाउन के सख्त कदम उठाए थे लेकिन उससे यह सीख मिली कि इस तरह के सख्त कदम से भी कोरोना के संक्रमण को रोका नहीं जा सकता। हां कुछ समय के लिए इस की गति धीमी जरूर की जा सकती है। लेकिन इसका खामियाजा बड़े पैमाने पर आर्थिक संकट के रूप में सामने आता है।

कोरोना की शुरुआत में एक विशेषज्ञ ने यह कहा था कि सरकारों को यह तय करना होगा कि लोगों को भूख से मरने दे या कोरोनावायरस से। कोरोना से बचाव के लिए जो दूसरे उपाय किए जा रहे हैं वह कारगर हैं लेकिन जरूरी है कि जनता इसके बारे में जागरुक हो और कोविड-19 का पूरी तरह से पालन करे।

लॉकडाउन कोरोना वायरस का उपाय नहीं !

नाइट कर्फ्यू या सप्ताह के एक-दो दिन के लॉक डाउन से संक्रमण की गति धीमी हो सकती है लेकिन उसे खत्म नहीं किया जा सकता है। यदि जनता जागरूकता के साथ कोविड-19 संक्रमण के प्रति गंभीर रुख अपनाती है और पूरी तौर पर मास्क और 2 गज की दूरी का अपने परिवार में भी इस्तेमाल करती है, तो कोरोनावायरस के संक्रमण की दर को बहुत हद तक नीचे लाया जा सकता है।

मास्क पहनना अनिवार्य

इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन के प्रोफेसर डॉ संजय राय का यह मानना है कि लाकडाउन इसका समाधान नहीं वह कहते हैं इसका कोई वैज्ञानिक साक्ष्य भी नहीं। लेकिन मास्क पहनना अनिवार्य करने से इसके संक्रमण की रफ्तार को काफी हद तक कम किया जा सकता है। पिछले साल भी लोगों से जब मास्क का अनिवार्य रूप से पालन कराया गया तो धीरे धीरे कोरोना के संक्रमण की दर में जबरदस्त कमी आई और एक समय ऐसा लगने लगा कि कोरोना से जंग हम जीतने के करीब हैं, लेकिन उसके बाद लोगों ने एक बार फिर लापरवाही बरती जिसका खामियाजा इस समय कोरोना विस्फोट के रूप में सामने आया और एक भयावह स्थिति उत्पन्न हुई।

डॉक्टर संजय राय के मुताबिक कोरोना से सुरक्षित रहने का सबसे बेहतर उपाय बचाव के नियमों का सख्ती से पालन है। यदि हर जगह सभी लोग मास्क पहनें। घर से बाहर तभी निकले जब आवश्यक हो, तो यह सबसे ज्यादा कारगर है। यह बात वैज्ञानिक शोधों में भी साबित हो चुकी है और यह देखा गया है कि जब सभी लोग मास्क का इस्तेमाल करने लगते हैं तो संक्रमण तेजी से कम होने लगता है। इसलिए अनावश्यक रूप से बाहर सड़क व बाजारों में भीड़ लगाने से बचना होगा। हर किसी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। बचाव के नियमों का पालन कर जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभानी होगी। इसके अलावा सड़कों पर सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल कम करने के लिए यात्राओं को सीमित करना होगा। कंपनियों को जहां तक संभव हो सके work-from-home को बढ़ावा देना होगा, ताकि बचाव के साथ कामकाज और स्थापित आर्थिक गतिविधियों को जारी रखा जा सके।



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Ashiki

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