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देश में बना रहेगा वैक्सीन का संकट, विदेशी कंपनियां भी डिमांड तुरंत पूरा करने में सक्षम नहीं

देश में वैक्सीन की कमी जारी है। विशेषज्ञों के मुताबिक दुनिया के अन्य वैक्सीन निर्माता भी इस संकट से निजात नहीं दिला पाएंगे।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shreya
Published on: 13 May 2021 2:32 PM IST
देश में बना रहेगा वैक्सीन का संकट
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वैक्सीनेशन करवाती युवती (फोटो-न्यूजट्रैक)

नई दिल्ली: देश में कोरोना के टीकों (Corona Vaccine) को लेकर पैदा हुआ संकट दुनिया के अन्य देशों की वैक्सीन से भी दूर होता नहीं दिख रहा है। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), महाराष्ट्र (Maharashtra), दिल्ली (Delhi), तेलंगाना (Telangana) और राजस्थान (Rajasthan) समेत 10 राज्यों ने विदेशों से टीका खरीदकर वैक्सीन का संकट (Vaccine Shortage) दूर करने का फैसला किया है। मगर विशेषज्ञों का मानना है कि दुनिया के अन्य वैक्सीन निर्माता भी भारत को इस संकट से निजात नहीं दिला पाएंगे।

उनका मानना है कि दुनिया के बाजारों में भी भारत जैसी ही स्थितियां दिख रही हैं। इसके साथ ही वैक्सीन निर्माताओं ने दुनिया के विभिन्न देशों से पहले ही इतना ऑर्डर ले रखा है कि वे उसी की आपूर्ति करने में परेशान हैं।

कई राज्य विदेशों से टीका मंगाने में जुटे

केंद्र सरकार ने 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों को टीका लगाने के लिए 1 मई की तारीख तय की थी, मगर विभिन्न राज्यों में टीके का संकट होने के कारण यह मुहिम तेजी नहीं पकड़ पा रही है। वैक्सीन के संकट के कारण ही कई राज्यों में तमाम बूथों को बंद करना पड़ा है।

सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक के मालिक (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute of India) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) दोनों ही कंपनियां देश में वैक्सीन की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने में कामयाब होती नहीं दिख रही हैं। ऐसे में कई राज्य ग्लोबल टेंडर (Global Tender) के जरिए विदेशों से टीके की जरूरत पूरा करने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

वैश्विक बाजार भी नहीं कर सकता पूरी आपूर्ति

दूसरी ओर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक बाजार भी देश में बढ़ती टीके की डिमांड (Vaccine Demand) को पूरा करने में सक्षम नहीं दिख रहा है। पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन (Public Health Foundation) के चेयरमैन डॉक्टर के एस रेड्डी (Dr. KS Reddy) का कहना है कि विभिन्न राज्यों की टीके की डिमांड पूरा होना मुश्किल दिख रहा है क्योंकि वैश्विक बाजार में भी टीके की उपलब्धता सीमित है।

इसलिए विभिन्न राज्यों को वैश्विक बाजार से भी तत्काल टीका मिलने की उम्मीद कम ही दिख रही है। उनका कहना है कि रूस के टीके स्पूतनिक की उपलब्धता है और इसे खरीदने की प्रक्रिया पहले से ही शुरू की जा चुकी है। संभव है कुछ राज्य स्पूतनिक की कुछ और आपूर्ति पाने में कामयाब हो जाएं।

वैक्सीन (फोटो- न्यूजट्रैक)

विदेशी कंपनियों के पास पहले से कॉफी ऑर्डर

विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक बाजार में चीनी टीके की काफी उपलब्धता है, लेकिन चीन के टीके को भारत में अभी तक मंजूरी ही नहीं मिली है। एक्स्ट्राजेनेका के पास जरूर टीकों के स्टॉक की संभावना जताई जा रही है क्योंकि यूरोप के कई देशों ने उसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।

अमेरिका ने पहले जॉनसन एंड जॉनसन के टीके पर रोक लगाई थी मगर अब रोक हटा दी गई है। फाइजर और मॉडर्ना अपने टीकों की सप्लाई कई देशों में कर रहे हैं और उनके पास काफ़ी ऑर्डर भी है। इसलिए ये कंपनियां भी डिमांड को तुरंत पूरा करने की स्थिति में नहीं दिख रही हैं।

देश में उत्पादन शुरू करने पर बातचीत

केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया का भी कहना है कि देश में टीके की किल्लत दूर करने के लिए विदेशी कंपनियों से बातचीत की जा रही है मगर विदेशी कंपनियों के सामने भी आपूर्ति की दिक्कत है।

उन्होंने कहा कि विदेशी कंपनियों ने भी कई देशों से आर्डर ले रखा है और पूरी क्षमता से उत्पादन करने के बावजूद वे विभिन्न देशों का आर्डर जल्द पूरा करने में सक्षम नहीं दिखाई दे रही हैं। यही कारण है कि फाइजर तथा जॉनसन एंड जॉनसन से देश में उत्पादन शुरू करने के संबंध में भी बातचीत की जा रही है।

Shreya

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