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Crude Oil Price: फिर उछलीं कच्चे तेल की कीमतें, नहीं बढ़ रहा प्रोडक्शन

Crude Oil Price: ओपेक प्लस के तेल उत्पादक देशों ने अपने कच्चे तेल उत्पादन में प्रति दिन 30 लाख बैरल से अधिक की कमी कर रखी है। उधर प्रतिबंधों के कारण ईरान अपने तेल का निर्यात नहीं कर पा रहा है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Vidushi Mishra
Published on: 13 Jan 2022 6:19 AM GMT
Crude oil
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कच्चे तेल (फोटो-सोशल मीडिया)

Crude Oil Price: कच्चे तेल की कीमतें फिर आगे बढ़ने लगीं हैं और अब दो माह के उच्चतम स्तर पर हैं। इसकी वजह टाइट सप्लाई और लॉकडाउन की घटती सम्भावना है। आज ब्रेंट क्रूड आयल की कीमत 84.14 डालर प्रति बैरल थी।

दरअसल, ओपेक प्लस के तेल उत्पादक देशों ने अपने कच्चे तेल उत्पादन में प्रति दिन 30 लाख बैरल से अधिक की कमी कर रखी है। उधर प्रतिबंधों के कारण ईरान अपने तेल का निर्यात नहीं कर पा रहा है। वैसे अंतर्राष्ट्रीय दबाव में ओपेक प्लस के देश हर महीने अपना प्रोडक्शन बढ़ा तो रहे हैं लेकिन तकनीकी कठिनाइयों की वजह से कई देश अपना बढ़ा हुआ कोटा पूरा नहीं कर पा रहे हैं।

चीन, भारत और इंडोनेशिया में ओमीक्रान का बड़ा ख़तरा

विश्लेषकों के अनुसार, अगर चीन में तेज मंदी नहीं आती है, ओमीक्रान चला जाता है और ओपेक प्लस द्वारा उत्पादन बढ़ाने की क्षमता सीमित रहती है तो ब्रेंट क्रूड की कीमत इस साल की पहली तिमाही में ही 100 डालर तक पहुँच जायेगी। लेकिन इस परिदृश्य में अभी कई और पहलू हैं जैसे कि चीन, भारत और इंडोनेशिया में ओमीक्रान का बड़ा ख़तरा।

अमेरिकी पेट्रोलियम संस्थान (एपीआई) उद्योग समूह के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिकी कच्चे तेल का स्टॉक 11 लाख बैरल कम हुआ है। यूएस एनर्जी इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि वर्ष 2022 में अमेरिकी तेल डिमांड 840,000 बैरल प्रति दिन बढ़ेगी। अभी तक अनुमान था कि ये वृद्धि 700,000 बैरल प्रति दिन रहेगी। यानी अमेरिका में तेल की डिमांड बढ़ने वाली है जिसकी वजह बेहतर आर्थिक परिदृश्य है। अमेरिकी सरकार ने अगले साल के लिए अपने पहले पूर्वानुमान में कहा है कि 2023 में अमेरिकी कच्चे तेल का उत्पादन 610,000 बैरल प्रति दिन बढ़कर 12.41 मिलियन बैरल प्रति दिन होने की उम्मीद है।

ओपेक देशों ने तेल का उत्पादन घटाया

एनर्जी इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन की मासिक रिपोर्ट के अनुसार 2023 में अमेरिका में पेट्रोल की मांग 90,000 बैरल प्रति दिन बढ़कर 91 लाख 50 हजार बैरल प्रतिदिन होने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल अमेरिकी तेल मांग 2023 में 330,000 बैरल प्रतिदिन बढ़कर 2 करोड़ 9 लाख बैरल होने की उम्मीद है।

तेल के दामों को ओपेक के देश कंट्रोल करते हैं। महामारी आने के बाद चूँकि दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियाँ ठप हो गईं थीं और लॉकडाउन लग गए थे सो तेल की डिमांड तेजी से गिर गयी थी। इसके चलते ओपेक देशों ने तेल का उत्पादन घटा दिया। महामारी की हालत सुधरने के बावजूद वर्ष 2021 में प्रोडक्शन को बढ़ाया नहीं गया। अंतर्राष्ट्रीय दबाव और आग्रह के बावजूद प्रोडक्शन बहुत कम बढ़ाया गया है।

बता दें कि ओपेक की स्थापना सितम्बर 1960 में बगदाद में हुई थी और इसमें सिर्फ पांच देश – ईरान, इराक, कुवैत, सऊदी अरब और वेनेज़ुएला शामिल थे। अब इसमें 13 देश शामिल हैं। ओपेक प्लस में रूस समेत कुछ और देश इसमें शामिल हैं।

Vidushi Mishra

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