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Crypto Currency News: भारत में तगड़ा चल रहा है क्रिप्टोकरेंसी का खेल, बना सबसे बड़ा बाजार
दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते क्रिप्टो बाजारों में एशिया के तीन देश टॉप पर हैं जिनमें क्रमश: वियतनाम, भारत और पाकिस्तान का नाम आता है।
Crypto Currency News। क्रिप्टोकरेंसी के बारे में भारत में पहले तो ज्यादातर लोगों को बहुत कुछ पता नहीं है और इनमें में बहुत से लोग क्रिप्टोकरेंसी को किसी तरह का स्कैम मानते हैं। सरकार ने भी क्रिप्टोकरेंसी को न वैधानिक दर्जा दिया है और न इसके लेनदेन पर बैन लगाया है। इन हालातों के बावजूद भारत में क्रिप्टोकरेंसी का लेनदेन बहुत तेजी से बहुत बड़ी तादाद में चल रहा है।
दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते क्रिप्टो बाजारों में एशिया के तीन देश टॉप पर हैं जिनमें क्रमश: वियतनाम, भारत और पाकिस्तान का नाम आता है। यही नहीं, दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है। अब तो भारत की एक क्रिप्टो कंपनी को बिजनेस बढाने के लिए 260 अरब डालर का भारी भरकम निवेश भी मिला है।
जुलाई, 2020 और जून, 2021 के बीच मध्य और दक्षिणी एशिया और ओशेनिया देशों में क्रिप्टोकरेंसी बाजार में 706 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यहां क्रिप्टो मार्केट वैल्यू 572.5 बिलियन डॉलर (लगभग 42,62,844 करोड़ रुपये) तक पहुंच गई। ये क्षेत्र दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते क्रिप्टो बाजारों के रूप में उभरे हैं। इन देशों में एशिया में टॉप तीन देश शामिल हैं - वियतनाम, भारत और पाकिस्तान।
इन देशों में पिछले एक वर्ष में तेजी से क्रिप्टो विस्तार हुआ है। मार्केट रिसर्च फर्म चेनालिसिस की रिपोर्ट के अनुसार, इन देशों में जमीनी स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी को अपनाया जा रहा है। यही नहीं, दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है। भारत में क्रिप्टो लेनदेन का 42 प्रतिशत हिस्सा रहा जिसकी वैल्यू 10 मिलियन डॉलर (लगभग 74 करोड़ रुपये) से अधिक रही। क्रिप्टोकरेंसी में बड़े फंड की पेमेंट करने का ट्रेंड इस बात की ओर इशारा करता है कि एशिया के कई देशों में स्मार्ट मनी अपनाने का ट्रेंड बढ़ रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और वियतनाम के बाजार पाकिस्तान की तुलना में बहुत बड़े हैं। दूसरी बात यह है कि
क्रिप्टो करेंसी की तरफ रुझान बढ़ाने में क्रिप्टो माइनिंग, एक्सचेंज प्लेटफॉर्म और गैम्बलिंग ऐप्स का काफी योगदान है। साथ ही क्रिप्टो स्पेस में दूसरे रूप में भी गैर कानूनी गतिविधियों में बढ़ोत्तरी हुई जो इसकी वृद्धि का भी कारण बनी हैं।
क्रिप्टो एक्टिविटी पर रूस और चीन ने भले ही बैन लगा दिया मगर कुछ देश क्रिप्टोकरेंसी को लेकर ख़ास उत्साहित हैं।
उदाहरण के लिए, अफ्रीका ने पिछले एक साल में अपने क्रिप्टो मार्केट में 1,200 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जैसा कि चेनालिसिस की एक अलग रिपोर्ट ने दावा किया था। जुलाई, 2020 और जून, 2021 के बीच केन्या, नाइजीरिया, तंजानिया और दक्षिण अफ्रीका में क्रिप्टो मार्केट 105.6 बिलियन डॉलर (लगभग 775 करोड़ रुपये) की वैल्यू तक पहुंच गया था। मध्य, उत्तरी और पश्चिमी यूरोप का क्षेत्र दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो इकोनॉमी बन गया है। जुलाई, 2020 और जून, 2021 के बीच इस क्षेत्र में 1 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 74,46,016 करोड़ रुपये) से अधिक के ट्रांजेक्शन हुए।
सोने पर असर
क्रिप्टोकरेंसी का एक बहुत बड़ा असर सोने पर पड़ा है। जानकारों का कहना है कि लोग निवेश और जल्दी पैसा बनाने के लिए क्रिप्टो का रुख कर रहे हैं। पहले लोगों के पास निवेश के लिए सोना, रियल एस्टेट और शेयर बाजार का ही विकल्प होता था। लेकिन जबसे क्रिप्टोकरेंसी का विकल्प मिल गया है तबसे ये भी निवेश और स्पेकुलेशन का बढ़िया टूल बन गया है। क्रिप्टो की ओर लोगों का रुझान बीते एक साल में जबरदस्त रूप से बढ़ा है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार सोने के भाव नीचे गिरने के एक कारण क्रिप्टोकरेंसी भी है क्योंकि लोगों का पैसा सोने की बजाये क्रिप्टो में जा रहा है। सोने के व्यापारी का कहना है कि दो साल पहले जो ट्रेंड था उसके हिसाब से सोना बहुत नीचे जा चुका है हालाँकि इसमें चीन की अर्थव्यवस्था का भी प्रभाव पड़ा है।
क्रिप्टो एक्सचेंज को मिली 260 अरब डालर की फंडिंग
भारत क्रिप्टो का कितना बड़ा बाजार बना है ये क्रिप्टो एक्सचेंज की स्थापना और उनमें हो रहे भरी निवेश से पता चलता है। दुनिया की एक बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनी 'कॉइन स्विच कुबेर' को बड़े ग्लोबल निवेशकों से 260 अरब डालर का निवेश प्राप्त हुआ है। इसके निवेशकों में अमेरिका की वेंचर कैपिटल कंपनी एंडरसन होरोवित्ज शामिल है जो भविष्य की टेक्नोलॉजी में पैसा लगाने के लिए जानी जाती है।
कॉइन स्विच कुबेर को मिले निवेश के चलते यह कंपनी भारत की सबसे कीमती क्रिप्टो कंपनी हो गयी है। कंपनी नए निवेश का इस्तेमाल नए भारतीय यूजर्स को अपने साथ जोड़ने, नए क्रिप्टो प्रोडक्ट लांच करने, अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने और अलग क्षेत्रों में बिजनेस फैलाने के लिए करेगी। कॉइन स्विच कुबेर के सीईओ आशीष सिंघल हैं जो इसके सह संस्थापक भी हैं। उन्होंने 2017 में ये कंपनी शुरू की थी और भारत में इसने जून 2020 में कारोबार शुरू किया। आज इसके पास एक करोड़ से ज्यादा यूजर हैं।