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कांग्रेस में घमासान के बीच CWC की बैठक आज, पार्टी अध्यक्ष के चुनाव पर हो सकता है बड़ा फैसला

CWC Ki Baithak: देश के विभिन्न राज्यों में कांग्रेस में चल रही उठापटक के बीच आज होने वाली कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shreya
Published on: 16 Oct 2021 5:20 AM GMT (Updated on: 16 Oct 2021 8:06 AM GMT)
कांग्रेस में घमासान के बीच CWC की बैठक आज, पार्टी अध्यक्ष के चुनाव पर हो सकता है बड़ा फैसला
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सोनिया-राहुल गांधी (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

CWC Ki Baithak: देश के विभिन्न राज्यों में कांग्रेस (Congress) में चल रही उठापटक के बीच आज होने वाली कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं (Congress Ke Asantusht Neta) का समूह जी-23 काफी दिनों से कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक (Congress Karya Samiti ki Baithak) बुलाने की मांग करता रहा है। इस समूह का दबाव पड़ने के बाद ही आनन-फानन में यह बैठक बुलाई गई है।

इस बैठक में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद जताई जा रही है। खास तौर पर पांच राज्यों में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav 2022), किसान आंदोलन (Kisan Andolan), महंगाई (Mehngai), पेट्रोल- डीजल (Petrol Diesel Ka Dam) व गैस की कीमतों (LPG Gas Cylinder Ke Dam) में बढ़ोतरी, सरकारी संपत्तियों की बिक्री और लखीमपुर हिंसा (Lakhimpur Kheri Hinsa) के मामलों पर चर्चा हो सकती है।

वैसे बैठक में सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा पार्टी अध्यक्ष और संगठनात्मक चुनावों पर चर्चा होगी। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि कार्यसमिति की बैठक (Karya Samiti ki Baithak) के दौरान पार्टी अध्यक्ष के चुनाव (Congress Adyaksh Ka Chunav) का कार्यक्रम पेश किया जा सकता है। कोरोना महामारी (Corona Virus Mahamari) के कारण लंबे समय से पार्टी अध्यक्ष का चुनाव टलता रहा है मगर अब इसके लिए दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।

कपिल सिब्बल (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

असंतुष्ट नेताओं के दबाव पर बैठक

हाल के दिनों में कांग्रेस की पंजाब, छत्तीसगढ़ और राजस्थान इकाई में मतभेद की बातें सामने आई हैं। खास तौर पर पंजाब में जबरदस्त उठापटक दिखी । जिसके कारण कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा (Amarinder Singh Ka Istifa) देना पड़ा। चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) की अगुवाई में नई सरकार बनने के बाद भी पार्टी में उठापटक खत्म नहीं हुई है। बाद में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने भी इस्तीफा दे दिया था। हालांकि अब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात के बाद वह अध्यक्ष पद पर आगे भी काम करने पर राजी हो गए हैं।

पंजाब में घमासान के बाद (Punjab Congress Crisis) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाने की मांग की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि जब पार्टी में अध्यक्ष ही नहीं है तो पता नहीं पार्टी के बड़े फैसले कौन ले रहा है। सिब्बल के बयान (Kapil Sibal Ke Bayan) को पार्टी के अन्य असंतुष्ट नेताओं का भी समर्थन मिला था, जिसके बाद पार्टी की ओर से कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाए जाने की घोषणा की गई थी।

कमलनाथ और अंबिका सोनी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

असंतुष्ट नेताओं को साधने की कवायद

वैसे कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों के दौरान असंतुष्ट नेताओं के सुर नरम पड़े हैं। पार्टी हाईकमान की ओर से मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता कमलनाथ और अंबिका सोनी को असंतुष्ट नेताओं से संपर्क साधने का जिम्मा सौंपा गया है। इन दोनों नेताओं ने हाल के दिनों में कई असंतुष्ट नेताओं से संपर्क साधा है, जिसका असर भी दिख रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि असंतुष्ट नेताओं के तेवर उतने आक्रामक नहीं होंगे, जैसी उम्मीद जताई जा रही थी।

वैसे इतना तो तय है कि असंतुष्ट नेताओं की ओर से संगठनात्मक चुनाव का मुद्दा जरूर उठाया जाएगा। असंतुष्ट नेता पिछले साल जुलाई से ही संगठनात्मक चुनाव की मांग उठाते रहे हैं। ऐसे में उनका इस मांग से पीछे हटना मुश्किल दिखता है।

पेश हो सकता है अध्यक्ष का चुनाव कार्यक्रम

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अध्यक्ष पद के चुनाव (Congress Adyaksh Ka Chunav) का जिम्मा संभालने वाली समिति के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री की ओर से बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव (Congress President Election) का कार्यक्रम पेश किया जा सकता है। वैसे कुछ नेताओं का यह भी कहना है कि पार्टी को अगले साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ना है जिनमें उत्तर प्रदेश जैसा महत्वपूर्ण राज्य भी शामिल है। ऐसे में पांच राज्यों में होने वाले चुनाव तक इस मुद्दे को टाला भी जा सकता है।

हाल के दिनों में पार्टी के कई महत्वपूर्ण नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा देकर दूसरे दलों की सदस्यता ली है। ऐसे में पार्टी नेताओं के लगातार इस्तीफे पर भी बैठक में चर्चा की जा सकती है। वैसे इतना तो तय है कि बैठक के दौरान महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के बाद मोदी सरकार को घेरने वाला प्रस्ताव जरूर पारित किया जाएगा।

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