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Cyclone Yaas से नहीं हुई 1 भी मौत, NDRF ने किया दावा, जानें तौकते से कितना हुआ नुकसान
Cyclone Yaas: NDRF के डीजी ने दावा किया है कि चक्रवात यास में किसी की मौत नहीं हुई है।
Cyclone Yaas: मई महीने में इस साल के पहले चक्रवात तौकते (Cyclone Tauktae) की दस्तक होने के बाद दस दिन के अंदर ही देश में दूसरे चक्रवाती तूफान यास (Cyclone Yaas) की एंट्री हो गई। यानी दस दिन में भारत को दो समुद्री तूफानों का सामना करना पड़ा। इन दोनों ही चक्रवातों ने देश के अलग अलग राज्यों में काफी ज्यादा तबाही मचाई का काम किया। आर्थिक नुकसान से लेकर जानमाल की हानि भी देखने को मिली।
अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान तौकते (Cyclone Tauktae) की बात करें तो इसमें कम से कम 193 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। इस तूफान के दौरान सबसे बड़ी घटना रही जहाज बार्ज की, इस दुर्घटना के चलते मौतों के आंकड़ों में वृद्धि हुई। वहीं इसके तुरंत बाद बंगाल की खाड़ी में तूफान यास की एंट्री हो गई, इसमें भी बंगाल, ओडिशा और झारखंड में काफी नुकसान हुआ। हालांकि एनडीआरएफ (NDRF) का दावा है कि इस तूफान से किसी की भी मौत नहीं हुई है।
चक्रवात यास से नहीं हुई कोई मौत
जाहिर है कि चक्रवाती तूफान तौकते में इतनी संख्या में लोगों के मारे जाने के बाद केंद्र और राज्य सरकारें पूरी तरह से यास को लेकर अलर्ट थीं। पिछली गलती को न दोहराते हुए केंद्र ने राज्यों के साथ आपदा प्रबंधन स्थापित किया। जिसका लक्ष्य था समुद्री तूफान यास से किसी को कोई नुकसान न पहुंचे। अब इसमें बड़ी सफलता हाथ लगी है। एनडीआरएफ के डीजी एस एन प्रधान ने दावा किया कि चक्रवात यास से कोई मौत नहीं हुई है।
एनडीआरएफ के डीजी एस एन प्रधान ने बताया कि बंगाल में NDRF ने 15 लाख से अधिक लोगों को और ओडिशा में सात लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम किया। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए किसी लिटमस टेस्ट से कम नहीं था। घायल होने वाले लोगों की संख्या काफी कम थी, जो कि चमत्कार से कम नहीं था। हालांकि ओडिशा के क्योंझर और मयूरभंज जिलों में दो लोगों की मौत हुई हैं।
राज्यों में लगाई गई थीं NDRF की 106 टीमें
एस एन प्रधान ने कहा कि चक्रवात प्रभावित 6 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में एनडीआरएफ की 106 टीमें लगाई गई थीं। पश्चिम बंगाल में 46, ओडिशा में 52, झारखंड में 8, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में 3-3 टीमें, जबकि एक टीम अंडमान द्वीप समूह में तैनात की गई थीं।
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (NDRF) ने बंगाल में 873 लोगों और ओडिशा में 93 लोगों को रेस्क्यू करने का काम किया, जिससे लोगों को सुरक्षित बचाया जा सका। रिपोर्ट के मुताबिक, सैनिकों ने लैंडफॉल होने के बाद अन्य राहत कार्यों में राज्य प्रशासन और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की मदद करने के साथ ही बंगाल में 206 किलोमीटर, जबकि ओडिसा में 634 किलोमीटर सड़कों को साफ करने का काम किया।
चक्रवात तौकते में 193 लोगों ने गंवाई अपनी जान
गौरतलब है कि चक्रवात तौकते के चलते महाराष्ट्र और गुजरात में भीषण तबाही हुई थी। इसके साथ ही गोवा समेत अन्य राज्य भी इस चक्रवात से प्रभावित हुए थे। यही नहीं इस तूफान में कम से कम 193 लोगों की मौत हो गई थी। जानकारी के मुताबिक, तौकते की वजह से गुजरात में मुख्य रूप से दीवार और इमारत गिरने के चलते 67 लोगों ने अपनी जान गंवा दी, जबकि सबसे ज्यादा हताहत महाराष्ट्र हुआ।
महाराष्ट्र में ओएनसीजी के बार्ज पी-305 डूबने की वजह से 70 लोगों की जान चली गई थी। यह जहाज तूफान के चलते अरब सागर में डूब गया था। जिसके बाद इसके पायलट पर केस भी दर्ज कराया गया है। इसके अलावा चक्रवात तौकते से कर्नाटक में नौ और गोवा में तीन लोगों की मौत हुई।
ऐसा कहा जा सकता है कि चक्रवात तौकते के चलते हुई तबाही के बाद सबक लेने से समुद्री तूफान यास में लोगों की जान बचाने में सफलता हासिल हो सकी।
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