×

किसानों के मसीहा थे चौधरी देवीलाल, ठुकरा दिया था PM का पद

किसानों के मसीहा, देश के उपप्रधामंत्री और हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके चौधरी देवीलाल की आज पुण्यतिथि है।

Ashiki
Published By Ashiki
Published on: 6 April 2021 9:26 AM GMT
chudhari devilal
X

फाइल फोटो 

लखनऊ: किसानों के मसीहा, देश के उपप्रधामंत्री और हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके चौधरी देवीलाल की आज पुण्यतिथि है। ऐसे में उनकी याद आना स्वाभाविक है। भारतीय राजनीति में ताऊ के संबोधन से लोकप्रिय चौधरी देवीलाल के निधन को आज बीस साल हो गये। 6 अप्रैल, 2001 को देवीलाल का निधन हुआ था।

ठुकरा दिया था PM का पद

हरियाणा के जनक कहे जाने वाले ताऊ देवीलाल का नाम भारतीय राजनीति में बतौर किसान नेता दर्ज है। चौधरी देवीलाल एक ऐसे राजनेता थे जिन्होंने अपने लिए PM का पद ठुकराते हुए कहा था- 'मैं सबसे बुजुर्ग हूं। मुझे सब ताऊ कहते हैं। मुझे ताऊ बने रहना ही पसंद है और मैं प्रधानमंत्री का पद विश्वनाथ प्रताप सिंह को सौंपता हूं।'

1987 में हरियाणा का दूसरी बार मुख्य मंत्री बनने के बाद उन्होंने देशभर के विपक्षी दलों को कांग्रेस के खिलाफ एक मंच पर इकठ्ठा किया और देश में जनता दल के गठन में अहम भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री पद का ताज अपनी जगह किसी दूसरे शख्स को पहनाने वाली शख्सियत देवीलाल का जन्म 1914 को हुआ था। मिजाज से अक्खड़ और दबंग माने जाने वाले देवीलाल की गिनती उन चुनिंदा नेताओं में होती है, जो देश को आजादी मिलने से पहले और बाद में राजनीति में सक्रिय तौर से शामिल रहे।

देश की राजनीति में किंगमेकर की भूमिका

देश की आजादी की लड़ाई में चौधरी देवीलाल ने लाला लाजपत राय के साथ प्रदर्शनों में भी कंधे से कंधा मिलाया। 1952 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने देवीलाल का इमरजेंसी के दौरान कांग्रेस से मोहभंग हो गया था। वह जनता पार्टी में शामिल हो गए। चंडीगढ़ से लेकर दिल्ली तक सत्ता के गलियारों में उनकी बनी रही। खासतौर से 1987 से लेकर 1991 तक भारतीय राजनीति में वह किंगमेकर की भूमिका में रहे।

जमीनी पकड़ वाले नेता

सिरसा के चौटला गांव के जाट किसान घर से संबंध रखने वाले देवीलाल का समृद्ध राजनीतिक परिवार है। उनके बेटे, पोते तथा परपोते राजनीतिक में सक्रिय है। इसके बावजूद भी ग्रामीण जनता से हमेशा उनका संपर्क बना रहा। कहा जाता है कि देवीलाल अचानक से किसी गांव में पहुंचकर भोजन, हुक्का पीते हुए ठेठ गंवई अंदाज में लोगों से बातचीत करते थे। उनके इसी अंदाज ने उन्हें जननायक का दर्जा दिलाया था।

Ashiki

Ashiki

Next Story