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Delhi: 69000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों का हल्ला बोल, राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग के कार्यालय में की तालाबंदी

Delhi: उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री विधानसभा में झूठ बोलकर यह कहते हैं कि उन्हें राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की कोई भी रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 21 Dec 2021 2:49 PM GMT (Updated on: 21 Dec 2021 2:49 PM GMT)
Delhi: 69000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों का हल्ला बोल, राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग के कार्यालय में की तालाबंदी
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Delhi:उत्तर प्रदेश के 69000 सहायक शिक्षक भर्ती (69000 sahayak shikshak bharti) के आरक्षण पीड़ित ओबीसी, एससी वर्ग के अभ्यर्थियों ने मंगलवार को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग नई दिल्ली पहुंचकर आयोग में तालाबंदी की।आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों का कहना है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले की रिपोर्ट 29 अप्रैल 2021 को बेसिक शिक्षा विभाग को भेज चुका है।

यह रिपोर्ट लागू की जाए इस संबंध में रिमाइंडर भी राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग(National Backward Classes Commission) की तरफ से 3 बार भेजा जा चुका है। लेकिन उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी 6 माह से अधिक का समय बीत गया अभी तक इस रिपोर्ट को लागू नहीं कर रहे हैं।

बेसिक शिक्षा मंत्री विधानसभा में झूठ बोलते

अभ्यर्थियों का कहना है की उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री विधानसभा में झूठ बोलकर यह कहते हैं कि उन्हें राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (National Backward Classes Commission) की कोई भी रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है। जैसे ही राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की भर्ती में आरक्षण घोटाले से संबंधित कोई रिपोर्ट प्राप्त होती है तो वह उस रिपोर्ट को लागू कर देंगे तथा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सभी शिकायतकर्ताओं को न्याय दे देंगे।

वह कई बार बेसिक शिक्षा मंत्री से डेलिगेशन के रूप में मिले हैं। हर बार उन्होंने आयोग की रिपोर्ट मिलने की बात स्वीकारी है तथा जल्द से जल्द न्याय दे दिया जाएगा यह भी कहा है, लेकिन विधानसभा में और मीडिया के सामने बेसिक शिक्षा मंत्री रिपोर्ट ना मिलने की बात कहते हैं जो पूरी तरह से गलत है।

16.6 प्रतिशत आरक्षण

उनका कहना है की 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में ओबीसी वर्ग की 18598 सीट थी। जिनमें से ओबीसी वर्ग को मात्र 2637 सीट ही दी गई है।ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत की जगह मात्र 3.86 फीसदी आरक्षण दिया गया है। इसी प्रकार एससी वर्ग को इस भर्ती में 21 प्रतिशत की जगह 16.6 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।इस प्रकार इस भर्ती में आरक्षित वर्ग की लगभग 18000 सीटों पर आरक्षण घोटाला हुआ है।

इस भर्ती में उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने आरक्षण नियमावली 1994 तथा बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 का उल्लंघन किया है। भर्ती में अनारक्षित की कट ऑफ 67.11 से नीचे ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत तथा एससी वर्ग को 21 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया गया है जिसे दिया जाना चाहिए क्योंकि यह संवैधानिक है l

भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार ने वर्ष 2014 में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया और आज उसी संवैधानिक दर्जे की भर्ती में आरक्षण घोटाले की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार नहीं मान रही है। जिस कारण अभ्यर्थियों में आक्रोश एवं नाराजगी है।

आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी कई बार इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री दिनेश चंद्र शर्मा ,प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ,पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई तथा सभी विधायक एवं सांसद से मिलकर उन्हें इस भर्ती में आरक्षण घोटाले से संबंधित ज्ञापन भी दे चुके हैं, लेकिन हर बार बीजेपी के नेताओं की तरफ से यही कहा जाता है कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ न्याय किया जाएगा। यह बीजेपी की सरकार है यह सरकार सबके साथ न्याय करती है आप सभी अभ्यर्थी निश्चिंत रहें निश्चित रूप से आरक्षण पीड़ित सभी अभ्यर्थियों को न्याय दिया जाएगा लेकिन न्याय कब मिलेगा यह कोई भी नेता बताने को तैयार नहीं।

आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी लखनऊ में 6 महीने से इको गार्डन में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। अब उन्हें लगने लगा है कि यह बीजेपी अभ्यर्थियों को झूठा आश्वासन देकर आचार संहिता लगने तक इस मामले को आश्वासन देकर टाल रही है। जिस कारण अभ्यर्थियों का आक्रोश एवं नाराजगी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। उनका कहना है की जहां कहीं भी बीजेपी के बड़े नेताओं की रैली होती है आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी वही जाकर प्रदर्शन करने लगते हैं।

अपना दल की सांसद एवं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल भी इस मुद्दे को बार बार उठा रही है तथा आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर सहित सभी विपक्षी पार्टियों के नेता इस मुद्दे को निरंतर उठा रहे हैं।

लेकिन मीडिया में बेसिक शिक्षा मंत्री कहते हैं कि विपक्ष इन अभ्यर्थियों को बरगला रहा है तथा इस भर्ती में कोई भी घोटाला नहीं हुआ है। आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष भगवान सिंह साहनी से पांच सदस्यीय डेलिगेशन के रूप में मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा तथा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष भगवान सिंह साहनी ने अभ्यर्थियों को पूरी तरह से आश्वासन दिया कि आपके साथ न्याय किया जाएगा तथा वह इस संबंध में अति शीघ्र बेसिक शिक्षा मंत्री से बात करेंगे।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में तालाबंदी करने वालों में प्रमुख रूप से मनोज प्रजापति, प्रदीप बघेल, सुनीता दक्ष, राजेश चौधरी, लालजी वर्मा ,अभय यादव, रोहित चौधरी, अवनीश पटेल ,धर्मेंद्र पाल, विजय वेद विकास यादव, राहुल मौर्य आशीष यादव आदि शामिल थे।

Vidushi Mishra

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