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दिल्ली वक्फ बोर्ड की HC में बड़ी जीत, निजामुद्दीन मरकज की 4 मंजिलों को खोलने की मिली अनुमति

Nizamuddin Markaz: दिल्ली हाईकोर्ट ने निजामुद्दीन मरकज की 4 मंजिलों को खोलने की इजाजत दे दी है। इसके अलावा हाईकोर्ट ने मस्जिद में नमाजियों की संख्या पर दिल्ली पुलिस द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को भी खत्म कर दिया है।

Krishna Chaudhary
Written By Krishna ChaudharyPublished By Deepak Kumar
Published on: 16 March 2022 7:57 PM IST
Nizamuddin Markaz
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निजामुद्दीन मरकज।

New Delhi Nizamuddin Markaz: कोरोना (Covid-19) के पहले लहर के दौरान काफी सुर्खियों में रहा दिल्ली का निजामुद्दीन मरकज (Nizamuddin Markaz) एक बार फिर चर्चाओं में है। दरअसल, मरकज (Nizamuddin Markaz) को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में बड़ी जीत मिली है। हाईकोर्ट ने निजामुद्दीन मरकज (Nizamuddin Markaz) की 4 मंजिलों को खोलने की इजाजत दे दी है। इसके अलावा हाईकोर्ट ने मस्जिद में नमाजियों की संख्या पर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को भी खत्म कर दिया है। हालांकि इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन (follow corona guideline) करना अनिवार्य होगा। दरअसल मार्च 2020 में कोरोना महामारी के पहली लहर के दौरान यहां तब्लिगी जमात का आयोजन किया गया था, तब से ही मरकज भवन की मस्जिद को नियमों के उल्लंघन के मामले में बंद कर दिया गया था।

क्या है मामला

मार्च 2020 में कोरोना के पहले वेव (Corona First Wave) के दौरान निजामुद्दीन मरकज (Nizamuddin Markaz) में आयोजित तब्लिगी जमात कार्यक्रम (Tablighi Jamaat Program) और वहां पर विदेशियों के ठहरने के संबंध में कई मामले दर्ज किए गए थे। महामारी रोग एक्ट, आपदा प्रबंधन एक्ट, विदेशी एक्ट और आईपीसी के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस साल 15 मार्च को दिल्ली वक्फ बोर्ड (Delhi Waqf Board) को मरकज भवन को फिर से खोलने की अनुमति दिल्ली पुलिस (Delhi Police) द्वारा प्रदान की गई। निजामुद्दीन थाने के एसएचओ ने इस दौरान अनुमति में कुछ शर्तें लगाई थीं, जिसमें नमाज अदा करने आने वाले नमाजियों की संख्या 100 कम रखने को कहा गया था। वक्फ बोर्ड ने दिल्ली पुलिस के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती में दे दी।

क्या कहा हाईकोर्ट ने

मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस मनोज कुमार ओहरी (Justice Manoj Kumar Ohri) ने इबाबदत के लिए आने वालों की संख्या सीमित करने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कहा कि संख्या का यह अनुमान किसका था? जस्टिस ओहरी (Justice Manoj Kumar Ohri) ने कहा कि जब मरकज प्रबंधन कोविड प्रोटोकॉल (markaz management covid protocol) का पालन करने की बात कही है, तब इसे श्रध्दालुओं के विवेक पर छोड़ देना चाहिए। इस दौरान उच्च न्यायालय (HC) कहा कि मरकज प्रबंधन यह सुनिश्चित करेगा कि श्रद्धालु के उन विशेष मंजिल पर जाने के दौरान कोविड प्रोटोकॉल और सामाजिक दूरी बनी रहे। बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने एक हलफनामा दायर कर मरकज के पूरी तरह फिर से खोलने का विरोध किया था। हालांकि केंद्र ने कहा था कि धार्मिक अवसरों पर कुछ लोगों को नमाज अदा करने की इजाजत दी सकती है।

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