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बढ़ रहा कोरोना का खतरा: दिल्ली में 99% नमूनों में डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि, सही हुई वैज्ञानिकों की चेतावनी!
Coronavirus: फेस्टिव सीजन को लेकर पहले ही वैज्ञानिकों की ओर से चेतावनी जारी करते हुए कहा गया था कि त्योहार के दिनों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है और कहीं न कहीं ये चेतावनी अब सही साबित होती दिखाई दे रही है।
Coronavirus: देश बीते डेढ़ साल से ज्यादा समय से कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus Mahamari) के खिलाफ जंग लड़ रहा है। इस साल की शुरुआत में महामारी का भयावह रूप देखने के बाद धीरे धीरे संक्रमण को काबू में किया गया, लेकिन अब एक बार फिर से भारत में कोरोना संक्रमण (Coronavirus Infection) का खतरा बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। फेस्टिव सीजन (Festive Season) को लेकर पहले ही वैज्ञानिकों की ओर से चेतावनी जारी करते हुए कहा गया था कि त्योहार के दिनों में कोविड-19 के मामलों (Covid-19 Cases In India) में बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है और कहीं न कहीं ये चेतावनी अब सही साबित होती दिखाई दे रही है।
दिल्ली में कुछ ऐसे ही हालात देखने को मिले हैं, जहां पर कोरोना संक्रमित मरीजों के नमूनों की जांच में करीब 99 प्रतिशत सैंपल्स में डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) की पुष्टि हुई है और साथ ही इसके Sars-CoV-2 वायरस का भी पता चला है। इसमें गौर करने वाली बात ये है कि दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने अक्टूबर महीने में जितने सैंपल की जांच कराई थी, उनमें डेल्टा वेरिएंट के मामले (Delta Variant Ke Mamle) अधिक पाए गए हैं। भारत में अक्टूबर महीने से त्योहारी सीजन शुरू हो जाता है। जिस दौरान कोरोना के मामले बढ़ने की चेतावनी वैज्ञानिकों ने पहले ही जारी की है।
आपको बता दें कि इस साल की शुरुआत में भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) की स्थापना के बाद से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से 7 हजार 300 से अधिक कोरोना वायरस मरीजों के सैंपल की जांच की जा चुकी है। दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में 54% नमूनों और मई में 82% नमूनों में डेल्टा वैरिएंट का पता चला था। इस दौरान दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर चरम पर थी। अप्रैल, मई के दौरान अकेले दिल्ली से एक दिन में 28 हजार मामले सामने आ रहे थे। उस समय कोरोना के कुल 39 फीसदी सैंपल्स में डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि हुई थी।
देश में सबसे ज्यादा मिल रहे डेल्टा के केसेस
गौरतलब है कि Sars-Cov-2 के डेल्टा वेरिएंट ने लोगों को तेज से संक्रमित किया था। यही वेरिएंट दिल्ली में सबसे भयावह लहर की वजह बना। शोधकर्ताओं की मानें तो अभी भी देश में पाए जाने वाला सबसे अधिक वेरिएंट डेल्टा (B1.617.2) ही है। इसके बाद AY.4 डेल्टा स्ट्रेन सबसे अधिक पाया जा रहा है।
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