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राजनाथ सिंह ने स्वीडन रक्षा प्रमुखों को किया आमंत्रित, कहा- यूपी, तमिलनाडु में निवेश का अच्छा मौका
देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत में विनिर्माण केंद्र स्थापित करने के लिए प्रमुख स्वीडन रक्षा कंपनियों को आमंत्रित किया है।
नई दिल्ली: देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने भारत में विनिर्माण केंद्र स्थापित करने के लिए प्रमुख स्वीडन रक्षा कंपनियों (Sweden defense companies) को आमंत्रित किया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि सैन्य उपकरणों और प्लेटफार्मों के उत्पादन के निवेश हेतु भारत एक आकर्षक जगह है। भारत-स्वीडन रक्षा उद्योग सहयोग पर एक सम्मेलन के दौरान संबोधन में उन्होंने कहा कि सरकार ने रक्षा उद्योगों को न केवल भारतीय आवश्यकताओं को पूरा करने बल्कि वैश्विक मांगों को पूरा करने में मदद करने के लिए सुधारों की एक श्रृंखला शुरू की है।
रक्षा मंत्री ने स्वचालित मार्ग से 74 फीसद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में सरकारी मार्ग से 100 फीसद तक की अनुमति देने का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी केंद्रित एफडीआई नीति भारतीय उद्योगों को विशिष्ट और सिद्ध सैन्य प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में स्वीडिश उद्योगों के साथ सहयोग करने में सक्षम बनाएगी।
भारतीय विक्रेताओं की भागीदारी में वृद्धि होगी
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के पास 41 आयुध कारखानों, 9 रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, 12 हजार से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के साथ विशाल रक्षा औद्योगिक आधार है। रक्षा मंत्री ने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान, 'मेक इन इंडिया' और 'मेक फॉर द वर्ल्ड' जैसी भारत की नीतियां स्वीडिश-भारतीय साझेदारी के लिए मार्ग प्रशस्त करती हैं। इस तरह के एक साझेदारी मॉडल से स्वदेशीकरण पर प्रोत्साहन के माध्यम से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारतीय विक्रेताओं की भागीदारी में वृद्धि होगी।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का मिशन 'आत्मनिर्भर भारत'
रक्षा मंत्री बोले, 'स्वीडन और भारतीय रक्षा उद्योगों के लिए सह-उत्पादन और सह-विकास की भारी गुंजाइश है। भारतीय उद्योग स्वीडिश उद्योगों को भी कलपुर्जों की आपूर्ति कर सकता है।' उन्होंने कहा कि भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का मिशन 'आत्मनिर्भर भारत' लागत प्रभावी गुणवत्ता वाले उत्पादों का उत्पादन के लिए हैं और इसका मूल आदर्श - 'मेक इन इंडिया' और 'मेक फॉर द वर्ल्ड' है।
रक्षा मंत्री ने यह भी उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में विश्व स्तरीय सार्वजनिक और निजी जहाज निर्माण कंपनियों के पारिस्थितिकी तंत्र के साथ एक मजबूत जहाज निर्माण उद्योग है। उन्होंने कहा कि भारतीय शिपयार्ड द्वारा निर्मित जहाज वैश्विक मानकों के हैं और अत्यधिक लागत प्रभावी हैं।
उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में काफी संभावनाएं
उन्होंने कहा कि 'मैं इस अवसर पर स्वीडिश फर्मों को उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के समर्पित रक्षा गलियारों में निवेश करने के लिए आमंत्रित करता हूं, जहां वे राज्य सरकारों द्वारा दिए जा रहे अनूठे प्रोत्साहनों और भारत में अत्यधिक कुशल कार्यबल की उपलब्धता से बहुत लाभ उठा सकते हैं।'