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ED ने दिल्ली सहित 9 जगहों पर छापे मारे, बैंक के करोंड़ों रुपए की हेराफेरी का है मामला

दिल्ली में आज प्रवर्तन निदेशालय ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए शक्ति भोग के सीएमडी कृष्ण कुमार के घर छापा मारा है.

Deepak Raj
Published By Deepak Raj
Published on: 5 July 2021 9:41 AM GMT
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Delhi News। दिल्ली में आज प्रवर्तन निदेशालय ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए शक्ति भोग के सीएमडी कृष्ण कुमार के घर छापा मारा है जिसके के साथ कई संदिग्ध दस्तावेज भी बरामद किए। शक्ति भोग के मालिक पर पैसों की हेरफेर को लेकर मामला दर्ज था। सीएमडी के मालिक ने बैंक से 2013 से लेकर 2017 तक करोंड़ों रुपए बैंक से कर्ज के तौर पर लिए थे। जिसका भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है। जिसके कारण 2015 में बैंक ने इसे एनपीए घोषित कर दिया था।


ED ने 9 ठिकानों पर छापेमारी की

आपको बता दें की प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मैसर्स शक्ति भोग फूड्स लिमिटेड (M/s Shakti Bhog Foods Limited) के सीएमडी केवल कृष्ण कुमार (Kewal Krishan Kumar) को गिरफ्तार कर लिया है। एजेंसी ने एक बयान में बताया कि उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत रविवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले ईडी ने दिल्ली और हरियाणा में केवल कृष्ण कुमार के 9 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान कई संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य एजेंसी के हाथ लगे थे।



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सीबीआई ने केवल कृष्ण कुमार के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी और आपराधिक व्यवहार के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी। इसी के आधार पर ईडी ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। उन पर अपनी कंपनियों के जरिए धन की हेराफेरी का आरोप है। गिरफ्तारी के बाद केवल कृष्ण कुमार को रविवार को स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्होंने 9 जुलाई तक ईडी की कस्टडी में भेज दिया गया।

जानिए क्या है मामला

शक्ति भोग फूड्स लिमिटेड दिल्ली की कंपनी है जो शक्ति भोग ब्रांड से आटा, चावल, बिस्कुट और कुकीज बनाती है। इस साल की शुरुआत में सीबीआई ने 10 बैंकों को 3,269.42 करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोप में कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। एफआईआर में कंपनी के सीएमडी केवल कृष्ण कुमार और डायरेक्टर सिद्धार्थ कुमार और सुनंदा कुमार को नामजद किया था।

एफआईआर के मुताबिक इस धोखाधड़ी का खुलासा जून 2019 में फॉरेंसिंक ऑडिटर्स की रिपोर्ट में हुआ था। यह लेनदेन अप्रैल 2013 से मार्च 2017 के बीच किया गया। इस अकाउंट पर 2016 करोड़ रुपये का बकाया है और यह मार्च 2015 में एनपीए बना था। फॉरेंसिक रिपोर्ट के मुताबिक अकाउंट स्टेटमेंट्स और स्टॉक स्टेटस में गड़बड़ी की गई।

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