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दूतावासों में ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर पहुंची कांग्रेस, विदेश मंत्री ने कहा- सस्ती लोकप्रियता
राजधानी दिल्ली में मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाने की आम शिकायत के बीच विदेशी दूतावासों में ऑक्सीजन संकट ने हंगामा खड़ा कर दिया है।
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाने की आम शिकायत के बीच विदेशी दूतावासों में ऑक्सीजन संकट ने हंगामा खड़ा कर दिया है। कांग्रेस ने फिलीपींस के दूतावास में ऑक्सीजन सिलिंडर पहुंचाया तो विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसे सस्ती लोकप्रियता का नाटक करार दिया है। इस बीच न्यूजीलैंड दूतावास ने भी कांग्रेस से ऑक्सीजन सिलिंडर की मांग कर सनसनी फैला दी है।
पूरा देश इन दिनों मेडिकल ऑक्सीजन आपूर्ति के घोर संकट से जूझ रहा है। हर रोज हजारों लोग बगैर ऑक्सीजन और दवा के दम तोड़ रहे हैं। इस बीच राजधानी दिल्ली में मौजूद विदेशी दूतावासों ने भी ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति के त्राहिमाम संदेश जारी किए हैं।
न्यूजीलैंड दूतावास ने कांग्रेस की यूथ विंग के अध्यक्ष बी वी श्रीनिवास को टैग करते हुए ऑक्सीजन की गुहार लगाई है। सोशल मीडिया पर न्यूजीलैंड दूतावास का मैसेज वायरल होने के बाद राजनीतिक हलकों में सनसनी फैल गई। इस मैसेज को हालांकि न्यूजीलैंड दूतावास ने लगभग 45 मिनट बाद डिलीट कर दिया है लेकिन इससे पहले फिलीपींस दूतावास का मामला चर्चा में आ चुका है।
युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी वी श्रीनिवास ने एक दिन पहले फिलीपींस दूतावास में ऑक्सीजन संकट से संबंधित एक वीडियो सोशल मीडिया में साझा किया है। इस वीडियो में साफ देखा जा रहा है कि ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर पहुंची एक वैन दूतावास में प्रवेश कर रही है।
यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता ऑक्सीजन सिलिंडरों से सप्लाई लेने का तरीका दूतावास के लोगों को समझा रहे हैं। श्रीनिवास के इस वीडियो को टैग करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर को टैग करते हुए लिखा है कि जब विदेश मंत्रालय सो रहा है तब कांग्रेस के युवा कार्यकर्ता दूतावास की त्राहिमाम गुहार पर पहुंच कर मदद कर रहे हैं।
पूर्व मंत्री के इस बयान पर विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने पूरी पड़ताल कर ली है। फिलीपींस दूतावास ने कोई मदद नहीं मांगी थी। वहां कोई कोविड रोगी भी नहीं है। यह जबरिया मदद की जा रही है। इसका मकसद सस्ती लोकप्रियता हासिल करना है।
ऐसा तब किया जा रहा है जब देश में लोगों को इसकी सर्वाधिक जरूरत है। जयराम जी, विदेश मंत्रालय कभी नहीं सोता है। विदेश मंत्रालय कभी झूठ भी नहीं फैलाता, हमें मालूम है कि ऐसा कौन करता है।
दूसरी ओर न्यूजीलैंड दूतावास का मैसेज डिलीट होने के बाद कई लोगों ने सोशल मीडिया पर स्क्रीन शॉट साझा किया है और दावा किया कि इसे दबाव में डिलीट कराया गया है।