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Delhi School Reopen: स्कूल खोलने की मांग को लेकर 12वीं का छात्र पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, जानें पूरा मामला

Delhi School Reopen: दिल्ली के एक स्कूल के 12वीं क्लास के छात्र ने स्कूलों को दोबारा खोलने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है।

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Newstrack Network / NetworkPublished By Shreya
Published on: 14 Aug 2021 2:46 PM IST
Supreme Court
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सुप्रीम कोर्ट (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Delhi School Reopen: कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus) की वजह से देशभर में स्कूलों को बंद करने का फैसला किया गया। बाद में इन स्कूलों को खोलने की अनुमति भी दे दी गई, लेकिन दूसरी लहर में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कई राज्यों ने स्कूलों को फिर बंद कर दिया। अब जब दूसरी लहर का प्रकोप कम हो चुका है और नए मामलों की संख्या भी कम हो गई है तो ऐसे में राज्यों में स्कूलों को फिर से खोलने पर विचार किया जा रहा है। कई प्रदेश में स्कूल खोलने का एलान भी हो चुका है।

हालांकि अभी भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में सरकार स्कूलों को न खोलने के पक्ष में है। लेकिन इस बीच राजधानी के एक स्कूल के क्लास 12th के छात्र ने स्कूलों को फिर से खोलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रूख किया है। जी हां, बच्चे ने स्कूलों को फिर से खोलने की अनुमति देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया)

सरकार ने स्कूल न खोलने का किया है निर्णय

दरअसल, राज्य में कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए लंबे समय से स्कूल बंद हैं। स्कूल न खुलने की वजह से बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से ही पढ़ाया जा रहा है। ऐसे में बच्चों के मन में लगातार ये सवाल उठ रहा है कि दिल्ली के स्कूल कब तक खुलेंगे (Delhi Ke School Kab Tak Khulenge)। हालांकि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal Government) इस बारे में पहले ही अपना पक्ष साफ कर चुकी है कि जब तक वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है, उससे पहले स्कूलों को खोलकर हम कोई भी खतरा नहीं उठाना चाहते हैं।

क्या है इस छात्र का कहना?

ऐसे में कक्षा 12वीं के छात्र ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है। इस बच्चे का कहना है कि जरूरी शिक्षा से वंचित छात्र-छात्राएं ऑनलाइन क्‍लासेस की समस्याओं की वजह से शारीरिक और मानसिक कष्ट से गुजरने को मजबूर हैं। इसलिए स्कूलों को फिर से खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए।

वहीं, दूसरी ओर बच्चों के माता-पिता और टीचर्स का भी यह मानना है कि ऑनलाइन क्लासेस पढ़ाई का बिल्कुल सही विकल्प नहीं है, क्योंकि खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी और गैजेट्स की कमी के कारण छात्रों की पढ़ाई खराब हो रही है। साथ ही कम्‍यूनिकेशन और बातचीत की कमी व एक्‍स्‍ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज न होने से स्टूडेंट्स के मानसिक और शारीरिक विकास पर असर पड़ेगा। हालांकि अधिकतर राज्य व केंद्र शासित प्रदेश स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं हैं।

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Shreya

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