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जम्मू-कश्मीर : विधानसभा चुनाव कराने की कोशिशों में केंद्र, परिसीमन आयोग करेगा सर्वदलीय बैठक

6 जुलाई को जम्मू&कश्मीर में सर्वदलीय बैठक करने का फैसला लिया गया

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Newstrack NetworkPublished By Sushil Shukla
Published on: 30 Jun 2021 11:50 AM GMT
जम्मू-कश्मीर : विधानसभा चुनाव कराने की कोशिशों में केंद्र, परिसीमन आयोग करेगा सर्वदलीय बैठक
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जम्मू-कश्मीर परिसीमन की सांकेतिक फोटो

जम्मू-कश्मीर (Jammu&Kashmir) में विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज होती नजर आ रही हैं। बुधवार को दिल्ली में परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) की बैठक हुई। बैठक में 6 जुलाई को जम्मू&कश्मीर में सर्वदलीय बैठक करने का फैसला लिया गया। आयोग की अध्यक्ष रंजना देसाई, सदस्य और मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा बैठक में शामिल हुए। आयोग के तीसरे सदस्य जम्मू-कश्मीर के राज्य चुनाव आयुक्त वर्चुअल तरीके से बैठक से जुड़े। जम्मू कश्मीर को लेकर पीएम के सर्वदलीय बैठक के बाद परिसीमन आयोग की पहली बैठक थी।

परिसीमन आयोग ने जम्मू-कश्मीर से जुड़े दलों की सर्वदलीय बैठक बुलाने पर चर्चा की। परिसीमन आयोग द्वारा आगे का रास्ता भी तय किया गया। इसके साथ ही राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों के साथ आयोग अलग-अलग भी बात करेगा। सर्वदलीय बैठक के बाद अब परिसीमन आयोग 6 जुलाई को जम्मू का दौरा करेगा। इस दौरान वह जिलाधिकारियों से भी मुलाकात करेगा।

आयोग जम्मू-कश्मीर के दौरे पर

6 जुलाई से 9 जुलाई तक परिसीमन आयोग जम्मू-कश्मीर के दौरे पर रहेगा। इस दौरान राजनीतिक दलों और जनता के प्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत होगी।

यह बन सकती है स्थिति

परिसीमन आयोग के सूत्रों के मुताबिक, राजनीतिक दलों के साथ होने वाली बैठक में कुल 114 विधान सभा क्षेत्रों का खाका रखा जाएगा। चर्चा इस पर भी होगी कि किन क्षेत्रों को तराश कर नए क्षेत्र गढ़े गए हैं और किन आधारों पर सुरक्षित क्षेत्र तय किए गए हैं।

ऐसी है तैयारी

अब विधानसभा में कुल 114 सीटें होंगी। 90 पर चुनाव हो सकेंगे और 24 पाक अधिकृत कश्मीर की सीटें खाली रहेंगी।

सुरक्षित सीटें भी होंगी निर्धारित

परिसीमन आयोग बाकी प्रदेशों की तरह अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए सुरक्षित सीटें भी सुनिश्चित करेगा। जम्मू कश्मीर विधानसभा के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि सीटें सुरक्षित होंगी। वैसे आयोग चुनाव क्षेत्रों को नए सिरे से परिसीमन करते हुए ये भी ध्यान में रख रहा है कि प्राकृतिक समानता, प्रशासनिक सीमाएं, संचार व्यवस्थाएं और सबसे महत्वपूर्ण आम जनता को सुविधा जरूर हो।

इतिहास में झांकें तो 1995 में जम्मू कश्मीर विधान सभा क्षेत्रों का परिसीमन 1981 की आबादी के आधार पर किया गया था। साल 2001 में वहां की विधान सभा ने उस परिसीमन को मानने और उसी आधार पर चुनाव कराने को 2026 तक टाल दिया था, लेकिन अब जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटा दिया गया है। अब होने वाले परिसीमन के लिए रास्ता साफ है।

Sushil Shukla

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