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Report: डेल्टा वैरिएंट निकला अल्फा से ज्यादा खतरनाक
WHO के चीफ टेड्रोस अदहानोम के मुताबिक डेल्टा वैरिएंट सबसे ज्यादा खतरनाक व स्प्रेड होने वाला वायरस है...
कोरोना देश-दुनिया में आया है तब से लोगों के ऊपर एक प्रकार से कहर बन कर टूटा है। कोरोना 17 नवंबर, 2019 को चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था, लेकिन चीन के अधिकारियों ने आधिकारिक तौर पर कोरोना संक्रमण के पहले मामले की पुष्टि 8 दिसंबर, 2019 को की। साथ ही बताया कि यह संक्रमण वुहान के हुआनन सीफूड मार्केट से फैला है। हालांकि एक साल बाद भी इसके फैलने की असली वजह का पता नहीं चल सका है।
डेल्टा वेरिएंट अल्फा से ज्यादा खतरनाक है
कोरोना को दुनिया में फैले हुए डेढ़ साल से ऊपर हो गया है, इन डेढ़ सालों में कोरोना के कई नए रूप यानी वेरिएंट सामने आ चुके हैं। इनमें से हर वेरिएंट का अपना अलग प्रभाव है. कोई ज्यादा खतरनाक है तो कोई कम खतरनाक है। हम आपको बता दें कि कोरोना के अभी तक जो वेरिएंट सामने आए हैं, वो अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा, डेल्टा प्लस, कप्पा, लैम्ब्डा, इटा और आइओटा वेरिएंट हैं। अगर बात करें इन वेरिएंट्स में सबसे ज्यादा तबाही किसने मचाई है, तो सबसे पहले अल्फा ने जहां दुनिया को अपनी गिरफ्त में लिया था और कई जिंदगियां मौत के मुंह में समा गई थी, वहीं आंकड़ों की बात करें तो डेल्टा वेरिएंट अल्फा से ज्यादा खतरनाक है। डब्ल्यूएचओ(WHO) के चीफ टेड्रोस अदहानोम के मुताबिक डेल्टा वेरिएंड सबसे ज्यादा खतरनाक व स्प्रेड होने वाला वायरस है।
यूके में 61% संक्रमण के मामले डेल्टा वेरिएंट के मिले
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (PHE) के अनुसार यूके में 61% संक्रमण के मामले डेल्टा वेरिएंट से पाए गए हैं। PHE के मुताबिक डेल्टा वेरिएंट अल्फा वेरिएंट के मुकाबले 2.61 समय दर से ज्यादा हॉस्पिटल में जाने का रिस्क पैदा करता है। इस वेरिएंट के प्रभाव को देखते हुए WHO ने इसे मई 2021 में वेरिएंट ऑफ ग्लोबल कंसर्न( variant of globel concern) घोषित किया है।
भारत के साथ दूसरे देशों को भी डेल्टा ने लिया चपेट में
केंद्र सरकार के मुताबिक भारत में दूसरी लहर में 90 प्रतिशत लोग डेल्टा वेरिएंट से प्रभावित थे। वहीं भारत के बाद इस डेल्टा ने यूके और यूएसए में अपने पैर पसारे। सीडीसी( central deises control) के मुताबिक यूएसए में यह वेरिएंट मार्च महीने में पाया गया था। जहां अप्रैल में इस वेरिएंट का असर 0.1 % था, वहीं जून तक इस वेरिएंट का प्रभाव बढ़कर 20.6% हो गया था। वहीं यूके में अप्रैल महीने में डेल्टी वेरिएंट मिला था। PHE के अनुसार यूके में 60% से 95% तक संक्रमण के लिए डेल्टा वेरिएंट जिम्मेदार है। यूके और यूएसए के साथ ही रसिया भी इस नए वेरिएंट से जूझ रहा है। रूस में 89.3% नए केस डेल्टा वेरिएंट के पाए गए हैं। फ्रांस भी इस वेरिएंट के प्रभाव से बच नहीं पाया है। फ्रांस में 10% केस डेल्टा वेरिएंट के पाए गए हैं। इंडोनेशिया के जकार्ता और कुड्डूटॉउन डेल्टा के नए हॉटस्पॉट बन गए हैं। इन जगहों पर जून 24 को 12,985 मामले सामने आए हैं, जिसमें 83% केस डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित हैं।
वैक्सीनेशन के बाद डेल्टा ने किया संक्रमित
गौर करने वाली बात यह है कि एक और जहां दुनिया भर में वैक्सीनेशन जोरों पर है। वहीं इजराइल ने जहां देश में अधिकतर लोगों को वैक्सीनेट किया है, वहीं यहां 90प्रतिशत लोग डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित पाए गए हैं। हैरानी की बात यह है कि इनमें से 50 प्रतिशत लोग वे हैं, जिन्हे फाइजर की वैक्सीन लग चुकी थी। खास बात यह है कि जहां कोरोना ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी थी, वहीं फिजी आइलैंड में एक भी कोरोना के केस सामने नहीं आए थे, लेकिन अप्रैल में डेल्टा वेरिएंट का पहला केस सामने आया था। हालात यह हैं कि हर 9 दिन में केस दुगनी रफ्तार से बढ़ रहा है। अफ्रीका महाद्वीप के दक्षिणी अफ्रीका, कोंगो,नाबिया, यूगांडा जैसे देश डेल्टा के हब बन चुके हैं। इन देशों में डेल्टा के मामले 20 प्रतिशत बढ़े हैं।
कोविड मरीजों में कोविड वैक्सीनेशन का सर्वे किया
पब्लिक हेल्थ स्कॉटलैंड और यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग की रिसर्च के अनुसार 1 अप्रैल से 6 जून 2021 के बीच 19,543 कोविड मरीजों में कोविड वैक्सीनेशन का सर्वे किया। जिसमें पाया गया कि फाइजर वैक्सीन जहां अल्फा वेरिएंट के खिलाफ 92 प्रतिशत काम करता है, वहीं डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ यह वैक्सीन 79 प्रतिशत कारगर है। वहीं एस्ट्रेजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन अल्फा के प्रति 73 प्रतिशत तो डेल्टा के प्रति 60 प्रतिशत काम करती है।
सबसे पहले डेल्टा वेरिएंट कहां मिला
आपको बता दें कि दूसरी लहर में तबाही मचाने वाला डेल्टा वेरिएंट ( B.1.617.2) सबसे पहले भारत की आर्थिक राजधानी महाराष्ट्र में अक्टूबर 2020 में रिपोर्ट किया गया है। यह वेरिएंट अल्फा, बीटा और गामा के बाद सबसे ज्यादा दुनिया में फैल चुका है। WHO के मुताबिक डेल्टा वेरिएंट अभी तक दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में फैल चुका है, जिसको लेकर डब्ल्यूएचओ चेतावनी भी दे चुका है। रिसर्च के अनुसार यूके के अल्फा वेरिएंट से डेल्टा वेरिएंट 40-60% ज्यादा प्रभावित करने वाला है। फरवरी महीने से भारत में दूसरी लहर आने के बाद से ही डेल्टा वेरिएंट ने अपनी तबाही दिखाना शुरू कर दिया था। वहीं यूके और यूएसए में 10 प्रतिशत केस डेल्टा के देखने मिले। इस वेरिएंट की खास बात यह है कि यह बिना वैक्सीनेशन वालों के साथ ही सिंगल वैक्सीन डोज वालों को भी अपनी चपेट में लिया है।
अल्फा के मुकाबले लोगों को तेजी से संक्रमित करता है डेल्टा वेरिएंट
डेल्टा वेरिएंट इतना खतरनाक है कि इस वेरिएंट से संक्रमित एक व्यक्ति से एक दिन में 90 तो वहीं 15 दिन में 1350 व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता है। वहीं पहली लहर में मिला अल्फा वेरिएंट जहां एक दिन में 20-30 लोगों को संक्रमित करता था। 8 लाख से ज्यादा सीक्वेंसी में अल्फा वेरिएंट सामने आया है। लेकिन
100 से अधिक देशों में पहुंचा डेल्टा वेरिएंट
कोरोना का डेल्टा वेरिएंट 100 से ज्यादा देशों में फैल चुका है. WHO साउथ-ईस्ट एशिया की रीजनल डायरेक्टर डॉ. पूनम क्षेत्रपाल सिंह के मुताबिक जितनी तेजी से यह फैल रहा है, जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह सबसे प्रमुख कोविड 19 स्ट्रेन हो जाएगा. कोविड 19 के जो भी वेरिएंट हैं, डेल्टा उनमें सबसे तेजी से फैलता है. यह कोरोना का डेल्टा वेरिएंट ही था ,जिसने दूसरी लहर के दौरान भारत में सबसे ज्यादा तबाही मचाई थी, लेकिन अब यह वेरिएंट पूरी दुनिया के लिए खतरा बनता जा रहा है. डेल्टा स्वरूप कम से कम 98 देशों में पाया गया है और उन देशों में तेजी से फैल रहा है जहां कम और ज्यादा टीकाकरण हुआ है.
भारत में कोरोना की दूसरी लहर में नदी में शव मिलने से हुई थी सनसनी
बता दें देश में मई-जून के महीनों में की गई जीनोम सिक्वेंसिंग के नतीजे बताते हैं कि 90% संक्रमण डेल्टा वेरिएंट के कारण ही हो रहा है। जिसके कारण कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने भारत में तबाही मचा रखी थी। आए दिन लोगों के संक्रमित और मौतों की खबर सामने आ रही थी। डेल्टा वेरिएंट ने देश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी। डेल्टा ने कई लोगों को काल के गाल में समा दिया। हद तो तब हो गई जब इस वायरस ने कई अपनों के चेहरे से पर्दा उठा दिया। डेल्टा वेरिएंट ने कई घरों व कई परिवार को तबाह कर दिया है। सबसे ज्यादा दिल दहला देने वाली तस्वीरें भी इस वेरिएंट में देखने मिली।
बिहार और यूपी में गंगा नदी में शव तैरते सामने आए थे
ज्ञात हो बिहार के बक्सर जिले में गंगा नदी में तैरते हुए 71 शवों की मिले थे। वहीं बक्सर के बाद यूपी के बलिया और गाजीपुर में भी करीब 100 शव नदी में मिले थे। ये तस्वीरें सामने आने के बाद शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया था। वहीं शव सामने आने के बाद पुलिस ने जेसीबी के जरिए नदी से शवों को निकाला और उन्हें जमीन में गड़वाया था।
दीपक कुमार