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सावधान नए वेरियंट से: चौथी लहर में डेल्टाक्रॉन आया सामने, भारत में तेजी से बढ़ रहे मामले

Coronavirus Deltacron: देश में डेल्टाक्रान के 568 मामले जांच के दायरे में हैं। सबसे ज्यादा 221 मामले कर्नाटक में पाए गए हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Vidushi Mishra
Published on: 23 March 2022 10:42 AM IST
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डेल्टाक्रान (फोटो-सोशल मीडिया) 

Deltacron: भारत में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। एक दिन में करीब 11 फीसदी मामले बढ़ गए हैं। जिस तरह से पिछली लहरों में कोरोना संक्रमितों की संख्या बेहद तेजी से बड़ी थी उसे देखते हुए अब चौथी लहर की आशंका और भी प्रबल हो गयी है। इस बीच कोरोना वायरस के बारे में एक नई जानकारी सामने आई है।

बताया जाता है कि वायरस के डेल्टा और ओमीक्रान वेरियंट का एक कोरोना जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इन्साकाग) और जीएसएड ने संकेत दिया है कि देश में डेल्टाक्रान के 568 मामले जांच के दायरे में हैं। सबसे ज्यादा 221 मामले कर्नाटक में पाए गए हैं।

इसके बाद तमिलनाडु में 90, महाराष्ट्र में 66, गुजरात में 33, पश्चिम बंगाल में 32, तेलंगाना में 25 और नई दिल्ली में 20 केस मिले हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि साउथ कोरिया में व्यापक रूप से फैला डेल्टाक्रान का अन्य देशों में फैलाव अपेक्षित था।

डेल्टाक्रान के लक्षण

Deltacron Symptom

- सिर दर्द

- तेज बुखार और बाद में पसीना या ठंड लगना

- गले में खराश

- लगातार खांसी

- थकान

- स्वाद और गंध की शक्ति खत्म हो जाना

डेल्टा और ओमीक्रान का हाइब्रिड वेरिएंट है डेल्टाक्रॉन

एक्सपर्ट्स का कहना है कि डेल्टाक्रान एक सुपर-म्यूटेंट वायरस है। ये एक हाइब्रिड स्ट्रेन है, जिसे सबसे पहले साइप्रस के शोधकर्ताओं ने खोजा था। वैज्ञानिकों का कहना है कि डेल्टाक्रान कितना खतरनाक है इसपर कई स्टडी चल रही हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, जनवरी 2022 में फ्रांस में इस वायरस के फैलने की शुरुआत हुई थी और पहला मामला सामने आया था। इसके बाद इस साल फरवरी में पेरिस स्थित पास्चर इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों ने जानकारी दी कि अलग अलग क्षेत्रों में इस हाइब्रिड वेरियंट के अलग अलग स्वरूप हो सकते हैं। वैज्ञानिकों ने कहा है कि यूके और अमेरिका में रिपोर्ट किए गए डेल्टाक्रान में अन्य देशों में पाए जाने वाले वेरियंट में कुछ अंतर हैं।

अभी बहुत कुछ पता नहीं

डेल्टा या ओमीक्रान की तुलना में डेल्टाक्रॉन किस तरह असर डालेगा, इसके बारे में निश्चित तौर पर कुछ पता नहीं है लेकिन एक अनुमान है कि इस हाइब्रिड का स्पाइक प्रोटीन ओमिक्रान से आता है सो संभावना है कि यह उस तरह से असर डालेगा। अमेरिकी शोधकर्ताओं का कहना है कि डेल्टाक्रान के खिलाफ एंटीबाडीज को काम करना चाहिए क्योंकि ओमिक्रान के मामलों में भी ऐसा ही देखा गया था।

क्या करना चाहिए

भले ही कोरोना से सम्बंधित प्रतिबन्ध हटा लिए गए हों लेकिन लोगों को अपने और दूसरों के बचाव के लिए न्यूनतम सावधानियां तो जरूर बरतनी चाहियें। ये सावधानियां हैं – मास्क लगाना, सैनिटाइज़र का इस्तेमाल और भीड़ से दूर रहना। इसके अलावा वैक्सीन और बूस्टर शॉट्स भी जरूरी हैं।



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Vidushi Mishra

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