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Corona Cases In India: इस दीपावली पर चाहकर भी मुस्करा नही पा रहे हैं लोग

Corona Cases In India: अगर सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो अकेले उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) में कोविड-19 से 17 लाख से अधिक लोग पीड़ित हुए।

Ramkrishna Vajpei
Report Ramkrishna VajpeiPublished By Ragini Sinha
Published on: 1 Nov 2021 11:01 AM IST
Corona virus cases in india
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इस दीपावली पर चाहकर भी मुस्करा नही पा रहे हैं लोग  (social media)

Corona Cases In India: दीपावली (diwali2021) पर्व 4 नवंबर को है। लेकिन इस बार दीपावली को लेकर बाजारों में बहुत अधिक उत्साह नहीं दिख रहा है। इसकी बहुत बड़ी वजह है कि लोग अभी तक कोविड-19 के सदमे से उबर नहीं पाए हैं। हालांकि सरकारी स्तर पर वृहद टीकाकरण अभियान (Corona tikakaranabhiyan) चलाकर एक बड़ी आबादी को सुरक्षित कर दिया गया है। लोग अब कोविड-19 प्रोटोकाल (corona protocol) को भी भूलने लगे हैं । लेकिन जिन घरों ने इस महामारी में अपने घरों से प्रियजनों को खोया है उन घरों के लोगों में इस दीपावली (diwali pae utsah नहीं) पर कोई खास उत्साह नहीं है। उनकी दीपावली फीकी हो चुकी है।

कोविड-19 से 17 लाख से अधिक लोग पीड़ित

अगर सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो अकेले उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) में कोविड-19 से 17 लाख से अधिक लोग पीड़ित हुए और इसमें शायद ही कोई घर ऐसा बचा रहा हो जिसमें कोविड-19 (Covid 19 cases in india) से कोई पीड़ित न हुआ हो। लेकिन सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 22.900 लोग इस महामारी से काल कवलित हुए। जिन घरों के लोग इस बीमारी के शिकार होकर आक्सीजन व इलाज के अभाव में बड़े शहरों से लेकर गांव मजरे तक दमतोड़ दिये उनकी दीपावली (diwali 2021) काली हो चुकी है।

यह एक ऐसी महामारी थी जिसने शायद ही किसी मोहल्ले या एरिया को अपने प्रभाव से छोड़ा । इस डर के मारे लोग दीपावली पर रस्म अदायगी कर रहे हैं । लेकिन खुशी का दिखावा करने से परहेज कर रहे हैं। यही वजह है कि इस सजावट के लिए सजायी जाने वाली झालरों का बाजार सूना पड़ा है। बाजारों में दीपावली पर होने वाली रौनक फीकी है। दुकानदारों, व्यवसायियों ने अपनी तरफ से दीपावली पर बिक्री के सारे प्रयास किये हैं। लेकिन लोग उस रफ्तार में जा नहीं रहे हैं। इसकी मूल वजह कोरोना का दिया ऐसा गहरा घाव है, जो सालों तक उन्हें सामान्य नहीं कर सकेगा। जिसने अपने प्रियजनों को एक एक घर से तीन तीन चार चार लोगों को खोया है। जिस घर से कमाने वाला जवान आदमी चला गया है। जो परिवार आज अपनी रोजमर्रा की जिंदगी से जूझ रहे हैं वह सिर्फ पांच दिये खरीद कर दीपावली की रस्म अदायगी कर रहे हैं।

उत्साह की कमी के पीछे कोरोना का सच सामने आया

कोरोना से होने वाली मौतों का भयानक सच दीपावली जैसे त्योहार पर खुलकर दिख रहा है। हालांकि इसके पीछे महंगाई का तर्क भी दिया जा रहा है। लेकिन जब लोगों से बात की गई तो उत्साह की कमी के पीछे कोरोना का सच सामने आया। किसी को मां के खोने का गम है तो किसी को बीवी, किसी का बेटा चला गया तो किसी का भांजा, किसी की बहन तो किसी की भाई या भाभी। कैसे मनाएं दीपावली। जब मन में दर्द की हूक है।

Ragini Sinha

Ragini Sinha

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