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जानिए कितना खतरनाक है आंध्र में मिला N440K वैरिएंट, तीसरी लहर से बचने के उपाय

देश में कोरोना का लगातार संक्रमण बढ़ता जा रहा है। दूसरी लहर का प्रकोप बढ़ने से मौतों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है।

Vijay Kumar Tiwari
Written By Vijay Kumar TiwariPublished By Shweta
Published on: 5 May 2021 7:56 AM IST (Updated on: 6 May 2021 12:19 PM IST)
कोरोना संक्रमित मरीज
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कोरोना संक्रमित मरीज (फोटो सौजन्य से सोशल मीडिया) 

हैदराबाद : देश में कोरोना का लगातार संक्रमण बढ़ता जा रहा है। दूसरी लहर का प्रकोप बढ़ने से मौतों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है। इसी दौरान एक और डराने वाली खबर लोगों के सामने आ रही है, जो आम लोगों के लिए चिंता का विषय है। फिलहाल वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के द्वारा इस पर काम किया जा रहा है।

अब तक मिली जानकारी के अनुसार आंध्र प्रदेश में कोरोनावायरस का एक नया स्ट्रेन मिला है जो बाकी स्ट्रेन के मुकाबले ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। क्योंकि यह नया स्ट्रेन आंध्र प्रदेश में मिला है, इसलिए इसे एपी स्ट्रेन (AP Strain) का नाम दिया गया है। हालांकि वैज्ञानिक भाषा में इसे N440K वैरीएंट कहा जा रहा है।

N440K वैरीएंट की खोज हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मॉलेक्युलर बायोलॉजी (CCMB) के वैज्ञानिकों ने की है। सीसीएमबी के निदेशक डॉ राकेश मिश्रा (Dr. Rakesh Mishra) ने इस एपी स्ट्रेन के बारे में कुछ जरूरी बातें शेयर की है, जिसे आपको भी जानना जरूरी है। ताकि आप कोरोनावायरस के दिन प्रतिदिन बढ़ रहे खतरे से सावधान रहें और अपनी सुरक्षा अपने से कर सकें।

डॉ. राकेश मिश्रा ने कहा कि इस नए स्ट्रेन से ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है। यह N440K स्ट्रेन पहले से ही फैल रहा है और आंध्र प्रदेश में भी पिछले कई महीनों से इसका असर दिख रहा है। उन्होंने कहा कि यूके स्ट्रेन और डबल म्यूटेंट स्ट्रेन को लेकर ज्यादा चिंतित है जो इस स्ट्रेन (N440K) को रिप्लेस कर रहे हैं। ये दो स्ट्रेन, खासतौर से यूके स्ट्रेन ज्यादा संक्रामक कहा जा रहा है।

कौन सा स्ट्रेन कहां ज्यादा

डॉ. राकेश मिश्रा ने यह भी कहा कि यूके वैरिएंट और डबल म्यूटेंट वैरिएंट दोनों ही दक्षिण भारत में फैल रहे हैं। इनमें से यूके स्ट्रेन ज्यादा संक्रामक है। उत्तर भारत जैसे दिल्ली, पंजाब में यूके वैरिएंट फैल रहा है। तो वहीं, गुजरात, महाराष्ट्र में डबल म्यूटेंट ज्यादा फैल रहा है।

8 शेर कोविड पॉजिटिव पाए जाने पर डॉ. राकेश मिश्रा ने कहा कि शेरों में लक्षण दिखे थे। पर अब स्थिति काबू में है। हो सकता है कि संक्रमण चिड़ियाघर में आने वाले लोगों से या फिर कर्मचारियों से उनमें फैला हो। इस पर काम चल रहा है और सुधार भी दिख रहे हैं।

तीसरी लहर के बारे में

राकेश मिश्रा ने कहा कि लॉकडाउन लगाकर हम दूसरी लहर को रोक सकने के साथ साथ बिगड़ रहे हालात पर काबू पा सकते हैं। लॉकडाउन की वजह से लोग घरों में ही रहेंगे, जिससे मामलों में कमी आ सकती है। साथ ही कहा कि तीसरी लहर इस बात पर भी निर्भर करेगी कि देश में हम लोग वैक्सीनेशन कितनी तेजी व प्रभावी तरीके से करते हैं।

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