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Fast Delivery On Blinkit: ऑनलाइन स्टोर्स में लड़ाई फ़ास्ट डिलीवरी की, ग्रोफर्स ने अपना नाम ही बदल दिया

Fast Delivery On Blinkit: ई-कॉमर्स (e-commerce) में अब लड़ाई डिलीवरी में लगने वाले समय की है। ग्रोफर्स (Grofers) के सीईओ अलबिंदर ने कहा कि कंपनी ने दस मिनट में डिलीवरी पहुंचाना शुरू भी कर दिया।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shashi kant gautam
Published on: 13 Dec 2021 5:47 PM IST
Fast Delivery On Blinkit: Battle For Fast Delivery In Online Stores, Grofers Changes Its Name
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डिलीवर पलक झपकते: ऑनलाइन डिलीवरी स्टोर ग्रोफर्स हुआ ब्लिंकिट: photo - social media

Lucknow News: ई-कॉमर्स (e-commerce) में अब लड़ाई डिलीवरी में लगने वाले समय की है। सिर्फ भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में ई-कॉमर्स स्टोर (e-commerce store) इसी रेस में लगे हैं। इसी रेस में आगे बढ़ने के ख्याल से ऑनलाइन डिलीवरी स्टोर ग्रोफर्स (Online Delivery Store Grofers) ने री-ब्रांडिंग करके अपना नाम 'ब्लिंकिट' (blinkit) कर दिया है। ब्लिंक (blink) यानी पलक झपकना और ब्लिंकिट के मतलब पलक झपकते हाजिर। नए नाम का मतलब है कि अब डिलीवर पलक झपकते (deliver in the blink of an eye) होगी।

ग्रोफर्स (Grofers) के सीईओ और सह संस्थापक अलबिंदर ढींढसा (Albinder Dhindsa) ने कहा है अब कंपनी ने अपने संसाधनों को क्विक कॉमर्स की तरफ मोड़ दिया है। ढींढसा ने एक ब्लॉग में लिखा कि अब हम एक नई कंपनी के रूप में आगे बढ़ रहे हैं और हमारा नया मिशन स्टेटमेंट होगा –तत्काल कॉमर्स। ढींढसा ने कहा है कि क्यू-कॉमर्स या क्विक कॉमर्स (Q-Commerce or Quick Commerce) ही भविष्य की चीज है जहाँ हर चीज ग्राहक को तत्काल उपलब्ध होगी। इन्तजार जैसी कोई चीज रहेगी ही नहीं।

कंपनी ने दस मिनट में डिलीवरी पहुंचाना शुरू भी कर दिया- अलबिंदर

अलबिंदर ने कहा कि कंपनी ने दस मिनट में डिलीवरी पहुंचाना शुरू भी कर दिया। इसका मतलब ये है कि जिन शहरों में ग्रोफर्स है वहां हर मोहल्ले में डिलीवरी पहुँचाने वालों का मजबूत नेटवर्क बना हुआ है। क्विक डिलीवरी में ग्रोफर्स देश के 12 शहरों में दस लाख आर्डर प्रोसेस भी कर चुका है। डिलीवरी के लिए अब ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों को लगाया जा रहा है। इसकी वजह ये है कि दो किलोमीटर के भीतर डिलीवरी करने के लिए संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है सो कंपनी कार्बन न्यूट्रल बनना चाहती है। अलबिंदर के अनुसार, कंपनी 'डार्क स्टोर'(dark store) टेक्नोलॉजी पर काम करती है जिसमें जब भी कोई आर्डर आता है उसे तत्काल पैक करके डिलीवरी के लिए भेज दिया जाता है।

photo - social media

मौजूदा समय में ब्लिंकिट के 211 डार्क स्टोर हैं

डार्क स्टोर में लोकल दुकानदारों के साथ पार्टनरशिप की जाती है ताकि वो भी ई कॉमर्स क्रांति का हिस्सा बन सकें। मौजूदा समय में ब्लिंकिट के 211 डार्क स्टोर हैं और हर 8 घंटे पर एक स्टोर इसमें जुड़ता जा रहा है। इस सघन नेटवर्क का मतलब है कि कंपनी से जुड़े 5 करोड़ ग्राहकों से दस मिनट की दूरी पर कंपनी के नेटवर्क का एक स्टोर बना हुआ है। ज्यादा स्टोर होने का मतलब तेज डिलीवरी (fast delivery) और डिलीवरी करने वालों के लिए कम दूरी की यात्रा है।

photo - social media

ऑनलाइन डिलीवरी प्लेटफार्म में ग्रोफर्स का मुकाबला बिग बास्केट से है। ग्रोफर्स में ज़ोमैटो ने भी निवेश कर रखा है और अब खबर है कि ज़ोमैटो फ़ास्ट डिलीवरी के लिए 500 मिलियन डालर का और निवेश करेगा।



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Shashi kant gautam

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