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पिछले दो महीनों में 100 से अधिक बार उत्तर भारत में आए भूकंप के झटके, जानिए क्या है वजह?
ऐसे में सवाल यह है कि आखिरी उत्तर भारत के क्षेत्रों में भूकंप के झटके (Earthquake In India) अधिक क्यों आते हैं। जैसे आपने कई बार देखा होगा कि कई बार भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदुकुश में होता है।
Earthquake In India: राजस्थान के कुछ शहरों में शुक्रवार को भूकंप के झटके (Earthquake In India) महसूस किए गए हैं। प्रदेश के सीकर भूकंप से धरती हिली, जिसके बाद सोशल पर भूकंप के वीडियो वायरल हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों में कई भूकंप के झटके महसूस किए गए और उत्तर भारत में इनकी संख्या काफी है। दिल्ली और एनसीआर के क्षेत्र आए दिन भूकंप के खबरें आती रही हैं। और भारत के अलावा उत्तर भारत से जुड़े पड़ोसी देश अफगानिस्तान आदि में भी भूकंप की घटनाएं सामने आई हैं।
ऐसे में सवाल यह है कि आखिरी उत्तर भारत के क्षेत्रों में भूकंप के झटके (Earthquake In India) अधिक क्यों आते हैं। जैसे आपने कई बार देखा होगा कि कई बार भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदुकुश में होता है। ऐसे में जानते हैं कि आखिर इस क्षेत्र में ज्यादा भूकंप क्यों आते हैं और इसका क्या कारण है।
उत्तर भारत में भूकंप आने की वजह जाने से पहले जानते हैं आखिर भूकंप किस वजह से आता है। दरअसल,पृथ्वी कई लेयर में बटी होती है और जमीन के नीच कई तरह की प्लेट होती है, ये प्लेट्स आपस में फंसी रहती है। लेकिन कभी कभी यह प्लेट्स खिसक जाती है, जिस वजह से भूकंप के झटके आते हैं। कई बार ज्यादा कंपन हो जाता और भूकंप की तीव्रता बढ़ जाती है। इससे धरती में कई जलजले भी आ चुके हैं।
भारत में पृथ्वी के भीतर परतो में होने वाली भोगौलिक हलटल के आधार पर कुछ जोन निर्धारित किए गए हैं, और कुछ जगह अधिक होती है कुछ जगह कम होती है। इन संभावनाओं के आधार पर भारत को 5 जोनों में बांटा गया है। जो बताता है कि भारत में कहां सबसे ज्यादा भूकंप आने का खतरा रहता है। इसमें जोन-5 में सबसे ज्यादा भूकंप आने की संभावना रहती है और जोन 4 में भूकंप उससे कम और 3 में उससे भी कम होती है।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल देश में और उसके आसापास के क्षेत्रों में 18 फरवरी 2022 तक 166 बार भूकंप के झटके दर्ज किए गए हैं। इन भूकंप के झटके रिक्टर पैमाने पर 2 से लेकर 6 तीव्रता तक के इसमें सिर्फ 7 ही भूकंप के झटके ऐसे हैं जो 5 से लेकर 6 तीव्रता के बीच हैं। वहीं 5 से 6 रिक्टर पैमाने की तीव्रता वाले 7 भूकंप के झटके भारत में नहीं आए हैं, ये अफगनिस्तान, ताजिकिस्तान और म्यांमार में आए हैं।
दिल्ली एनसीआर में आए सबसे ज्यादा भूकंप के झटके
दिल्ली-एनसीआर का इलाका सीस्मिक ज़ोन-4 में आता है और यही वजह है कि उत्तर-भारत के इस क्षेत्र में सीस्मिक गतिविधियाँ तेज़ रहती हैं। इसका मतलब ये है कि भारत में दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में काफी भूकंप आते हैं. साथ ही यह भी कहा जाता है कि दिल्ली हिमालय के पास है जो भारत और यूरेशिया जैसी टेक्टॉनिक प्लेटों के मिलने से बना था और इस वजह से भूकंप का खतरा बना रहता हैं.