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राष्ट्रपति आवास पर पथराव-आगजनी से कांपा श्रीलंका, हजारों लोगों का धावा
Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में गहराते आर्थिक संकट के साथ हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। रोजमर्रा की जरूरी चीजों की कीमतें आसमान पर चढ़ने के कारण आम लोगों का जीना दूभर हो गया है।
Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में गहराते आर्थिक संकट के साथ हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। रोजमर्रा की जरूरी चीजों की कीमतें आसमान पर चढ़ने के कारण आम लोगों का जीना दूभर हो गया है। एक कप चाय की कीमत 100 रुपए तक पहुंच गई है जबकि अन्य जरूरी चीजों की कीमतें भी इतनी बढ़ चुकी हैं कि लोग उन्हें खरीदने में असमर्थ हो गए हैं। श्रीलंका सरकार के लचर रवैए के खिलाफ लोगों की नाराजगी बढ़ती जा रही है और सड़कों पर आम लोगों के गुस्से का असर दिखने लगा है।
सरकार की ओर से उचित कदम न उठाए जाने से नाराज हजारों लोगों ने राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे के आवास पर प्रदर्शन किया। पुलिस की ओर से सख्ती किए जाने के बाद प्रदर्शनकारियों की पुलिस से हिंसक झड़प हुई और नाराज लोगों ने एक बस फूंक डाली। झड़प में 10 लोगों के घायल होने की खबर है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में लोगों का गुस्सा और बढ़ सकता है।
श्रीलंका में भारी अव्यवस्था
श्रीलंका में आर्थिक संकट बढ़ने के साथ ईंधन और गैस का जबर्दस्त संकट पैदा हो गया है। देश में भारी बिजली संकट के कारण विभिन्न इलाकों में कई-कई घंटे की कटौती की जा रही है। कागज और स्याही खत्म होने के कारण स्कूलों और कालेजों में परीक्षाओं को बेमियादी स्थगित कर दिया गया है। गुरुवार की शाम डीजल खत्म हो जाने के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में परिवहन व्यवस्था भी पूरी तरह ठप हो गई।
महंगाई इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है कि लोगों के लिए आटा, चावल, दाल, दूध और सब्जी खरीदना भी कठिन हो गया है। देश के पेट्रोल पंपों पर लोगों की लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं। देश में हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं मगर श्रीलंका के सरकार लोगों की समस्या सुलझाने में पूरी तरह अक्षम साबित हो रही है। ऐसे में लोगों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है।
भारी पथराव के बाद पुलिस की बस फूंकी
देश में लोगों की नाराजगी इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है कि गुरुवार की रात हजारों लोगों ने राष्ट्रपति राजपक्षे के आवास पर धावा बोल दिया। लोगों ने हाथों में पोस्टर ले रखे थे और उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पुलिस कर्मियों के रोकने पर प्रदर्शनकारी भिड़ गए। इस झड़प के दौरान 10 लोगों के घायल होने की खबर है।
लोगों के गुस्से के कारण हालात इतने बेकाबू हो गए कि स्पेशल टास्क फोर्स की मदद लेनी पड़ी। पुलिस कर्मियों के प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने पर जमकर पथराव किया गया। नाराज लोगों को काबू में करने के लिए पुलिसकर्मियों ने जमकर लाठियां बरसाईं। पुलिसिया दमन से नाराज लोगों ने पुलिस कर्मियों की एक बस भी फूंक डाली। जानकारों का कहना है कि लोगों में इतना ज्यादा गुस्सा दिख रहा है जिसका असर आने वाले दिनों में दिख सकता है।
श्रीलंका में बैठ चुकी है टूरिज्म इंडस्ट्री
श्रीलंका में अर्थव्यवस्था की बदहाली के कारण विदेशी मुद्रा भंडार लगभग पूरी तरह खाली हो चुका है। देश में विदेशी मुद्रा के स्रोत के रूप में टूरिज्म इंडस्ट्री की बड़ी भूमिका मानी जाती है मगर कोरोना महामारी के बाद देश का टूरिज्म उद्योग पूरी तरह बैठ चुका है। श्रीलंका की जीडीपी में टूरिज्म का 10 फ़ीसदी से ज्यादा योगदान माना जाता है मगर इस इंडस्ट्री के बैठने से देश की अर्थव्यवस्था को करारा झटका लगा है।
आर्थिक मोर्चे पर सरकार की गलत नीतियों के कारण भी देश के लोगों की दिक्कतें बढ़ी हैं। श्रीलंका चीन समेत दूसरे देशों से कर्ज लेकर आर्थिक दिक्कतें दूर करने की कोशिश में जुटा हुआ है मगर हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं।
स्टालिन ने की पीएम मोदी से मुलाकात
इस बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक मुखिया एम के स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात में राज्य सरकार की ओर से श्रीलंका के तमिलों को मानवीय सहायता मुहैया कराने के लिए अनुमति मांगी है। पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान स्टालिन ने उन्हें एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है जिसमें श्रीलंका के आर्थिक संकट से जुड़ा मुद्दा भी शामिल है।
मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि मानवीय आधार पर पीएम मोदी इसकी अनुमति प्रदान करेंगे। पीएम मोदी के अलावा स्टालिन ने संसद भवन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की। स्टालिन तीन दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुंचे हैं और इस दौरान उनकी कई और प्रमुख नेताओं से मुलाकात की संभावना है।