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धर्मांतरण से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने दिल्ली-यूपी में छह जगहों पर की छापेमारी

देश भर में फैले धर्मांतरण कराने वाले रैकेट के जाल को तोड़ने में अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी उतर चुका है।

Raghvendra Prasad Mishra
Published on: 3 July 2021 10:23 AM GMT
ED Raids
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ईडी की छापेमारी की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: देश भर में फैले धर्मांतरण कराने वाले रैकेट के जाल को तोड़ने में अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी उतर चुका है। इसी क्रम में ईडी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश में कुछ मूक-बधिर छात्रों और गरीब लोगों के कथित तौर पर धर्मांतरण एवं विदेश से धन मिलने के खुलासे के बाद दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर शनिवार को छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों की माने तो ईडी की यह छापेमारी दिल्ली और उत्तर प्रदेश के छह स्थानों पर अभी भी चल रही है।

बता दें कि धर्मांतरण के मामले में केन्द्रीय जांच एजेंसी ने गत माह मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेंशन एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत अपराधिक मामला दर्ज किया था। उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक स्क्वाड (एटीएस) ने धर्मांतरण कराए जाने के रैकेट का भंडाफोड़ किया था। इस मामले यूपी एटीएस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए गए दोनों मौलाना दिल्ली के जामिया नगर के रहने वाले हैं। एटीएस ने मामले का खुलासा करते हुए दावा किया था कि दोनों इस्लामी दावा केंद्र नाम से संगठन चलाते हैं। इन लोगों को कथित तौर पर गैर कानूनी गतिविधियां संचालित करने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई तथा अन्य विदेशी एजेंसियों से धन उपलब्ध कराया जाता है। गिरफ्तार मौलानाओं की पहचान मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम के रूप में हुई थी।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में कुछ मूक-बधिर छात्रों और गरीब लोगों के इस्लाम में कथित तौर पर धर्मांतरण कराने के संबंध में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से वित्त पोषण के मामले में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का एक आपराधिक मामला दर्ज किया है। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक गत शुक्रवार को को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया गया था कि पुलिस एफआईआर के समानांतर मानी जाने वाली प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) में मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेंशन एक्ट (पीएमएलए) के तहत दर्ज की गई है।

Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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