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अब आम आदमी भी खरीद सकेगा इलेक्ट्रिक वाहन, जल्द हो सकता है बड़ा फैसला
Electric Vehicles In Budget: देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के कीमतों में बड़ी कटौती के अनुमान लगाए जा रहे हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ने यह लक्ष्य रखा है कि साल 2030 तक देश की ज्यादातर वाहन इलेक्ट्रिक हो।
Electric Vehicles In Budget: आज के वक्त में पूरी दुनिया तेजी से बढ़ते प्रदूषण को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित है। दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित देशों में भारत प्रमुख देश है। देश के कई शहर दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में शामिल है। देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली जहां वायु प्रदूषण की स्थिति इतनी बुरी है की साल के ज्यादातर महीनों में वायु गुणवत्ता बेहद खतरनाक स्तर पर रहती है। देश की राजधानी दिल्ली समेत पूरे देश में प्रदूषण का बहुत बड़ा कारण है सड़कों पर दौड़ती डीजल और पेट्रोल वाली गाड़ियां। आज के समय में हर रोज सड़कों पर गाड़ियों का बोझ बढ़ता जा रहा है जिसके कारण वायु प्रदूषण में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।
वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर में सुधार लाने के लिए सबसे बड़ा कदम पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधनों से चलने वाले वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक वाहनों को चलन में ज्यादा लाना हो सकता है। प्रदूषण के गंभीर स्तर को कम करने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। सूत्रों के मुताबिक इसी सिलसिले में केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में जल्दी ही 30 फ़ीसदी तक की कमी लाने का फैसला कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो आम आदमी के बजट में भी इलेक्ट्रिक वाहनों का खरीदारी करना आसान हो जाएगा।
इलेक्ट्रिक वाहनों की भागीदारी बढ़ाने का लक्ष्य
हाल ही में वित्तीय बजट 2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर एक ऐलान किया था। आम बजट को पेश करते हुए निर्मला सीतारमण इलेक्ट्रिक वाहनों बैटरी को लेकर फैसला लिया। सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार अब जल्दी ही इलेक्ट्रिक वाहनों के कर में छूट देने की तैयारी कर रही है। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की भागीदारी रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ाया जाए। जिसमें निजी वाहन 30 फ़ीसदी तक इलेक्ट्रिक हो जाएं, तो वहीं कमर्शियल वाहनों में भी 70 फ़ीसदी वाहन इलेक्ट्रिक हो जाए। इन सबके अलावा सरकार ने यह भी लक्ष्य रखा है कि देश में दो-पहिया और तीन-पहिया वाहनों में 2030 तक 80 फ़ीसदी वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन कर लिया जाए।
बैटरी स्वैपिंग
केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के टैक्स में छूट के लिए फिलहाल कोई आधिकारिक घोषणा नहीं किया है। लेकिन सरकार जल्दी ही इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर यह बड़ा फैसला ले सकती है। इलेक्ट्रिक वाहनों की सबसे बड़ी परेशानी उसके बैटरी को लेकर होती है क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहन में वाहन का सबसे महंगा हिस्सा उसका बैटरी होता है। सरकार इन्हीं बैटरियों के स्वैपिंग से संबंधित निर्णय ले सकती है। जिससे ग्राहकों को गाड़ी खरीदते वक्त बैटरी लेना अनिवार्य नहीं होगा। ग्राहक के पास विकल्प रहेगा कि वह बैटरी किस कंपनी की लेगा और कहां से लेगा इसके कारण इलेक्ट्रिक वाहनों के कीमत में कमी आएगी। चुनाव खत्म होने के बाद केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़े इन मुद्दों पर जल्दी ही फैसला ले सकता है।