पाक सीमा पर पहली हवाई पट्टी का उद्घाटन करेंगे राजनाथ सिंह व नितिन गडकरी, जानिए देश में कितने इमरजेंसी लैंडिंग स्ट्रिप

पहली बार होगा जब भारतीय वायु सेना द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग का इस्तेमाल आपात स्थिति में विमान उतारने के लिए किया जाएगा। इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड को 19 महीनों के भीतर तैयार किया गया।

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Newstrack NetworkPublished By Deepak Kumar
Published on: 9 Sep 2021 4:43 AM GMT (Updated on: 9 Sep 2021 6:34 AM GMT)
Rajnath Singh and Nitin Gatkari to inaugurate first airstrip on Pakistan border
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पाक सीमा पर बने पहली हवाई पट्टी का उद्घाटन करेंगे राजनाथ सिंह व नितिन गटकरी। (Social Media)

राजस्थान के बाड़मेर के एनएच-925 पर बने देश के पहले इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड (ईएलएफ) का केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने उद्घाटन किया। उद्घाटन के बाद वायुसेना के लड़ाकू विमान सीधे हाइवे पर उतरे। सुखोई, जगुआर और हरक्यूलिस ने आसमान में अपना दम दिखाया और फिर हाइवे पर लैंडिंग की। भारत-पाक सीमा से महज 40 किमी दूरी पर बाड़मेर-जालोर बॉर्डर के अड़गावा में बनी इमरजेंसी हाइवे हवाई पट्टी का उद्घाटन करने के लिए दोनों केंद्रीय मंत्री एक साथ दिल्ली से हरक्यूलिस विमान में सवार होकर बाड़मेर पहुंचे।

करीब डेढ़ घंटे चलेगा कार्यक्रम

कार्यक्रम के दौरान सुखोई एसयू-30, मिग और जगुआर जैसे लड़ाकू विमान तेज गर्जना के साथ आपातकालीन हवाई पट्टी पर लैंडिंग करेंगे। यह कार्यक्रम दोपहर 11 बजे से 12:30 बजे तक चलेगा। इस कार्यक्रम के बाद राजनाथ और गडकरी हवाई पट्टी से रवाना होकर दोपहर 1.15 बजे जैसलमेर एयरपोर्ट पहुंचेंगे।

मात्र 19 महीनों में तैयार हुआ यह प्रोजेक्ट

बुधवार को वायुसेना ने इस हवाई पट्टी पर अपनी पहली रिहर्सल की। इस दौरान तीन फाइटर विमान उतारे। सबसे पहले हरक्यूलिस प्लेन को लैंड कराया गया। इसके बाद सुखोई, मिग और अगस्ता हेलिकॉप्टर की लैंडिंग कराई गई। देश में यह पहली बार होगा जब किसी नेशनल हाइवे का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना के विमानों की आपातकालीन लैंडिंग के लिए किया जा रहा है। इस दौरान एसयू-30 एमकेआई, सुपर हरक्यूलिस एंड जगुआर फाइटर विमानों का फ्लाईपास्ट होगा। इस प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए 24 महीने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड का निर्माण 19 महीनों के भीतर ही कर लिया गया। जुलाई 2019 में इसकी शुरुआत की गई थी और इसी साल जनवरी में पूरा कर लिया गया।

पाकिस्तान से सटी सीमा के पास पट्टी का रणनीतिक महत्व

यह परियोजना अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित बाड़मेर और जालौर जिलों के गांवों के बीच सम्पर्क में सुधार करेगी। इसके पश्चिमी सीमा क्षेत्र में स्थित होने से भारतीय सेना को निगरानी करने में मदद के साथ-साथ बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में भी सहायता मिलेगी। ऐसा पहली बार होगा जब भारतीय वायु सेना (आईएएफ) द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग का इस्तेमाल आपात स्थिति में विमान उतारने के लिए किया जाएगा।

12 हाईवे तैयार किए जा रहे

इस हवाई पट्‌टी को बनाने में 33 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। एयरपोर्ट के अलावा पहली बार देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी किसी हवाई पट्टी पर उतरने वाले प्लेन में मौजूद रहेंगे। रक्षा और ट्रांसपोर्ट मंत्रालय के सहयोग से देश में इस तरह के करीब 12 हाईवे तैयार किए जा रहे हैं।

राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी एक साथ दिल्ली से रवाना होकर अगड़वा-जालोर इमरजेंसी हवाई पट्टी पर उतरेंगे। इसके बाद दोनों मंत्री इमरजेंसी हवाई पट्टी पर एयरक्राफ्ट ऑपरेशन और फाइटर विमानों का फ्लाईपास्ट देखेंगे। यह कार्यक्रम दोपहर में होना है।

रक्षा और परिवहन मंत्रालय के सहयोग से देश में इस तरह के 12 हाईवे तैयार किए जा रहे हैं, जहां विमानों की लैंडिंग कराई जा सके। इससे पहले वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा कि भारतीय वायुसेना अगले दो दशक में 350 विमान खरीदने की योजना बना रही है। उन्होंने चीन और पाकिस्तान की चुनौतियों को देखते हुए भारतीय वायुसेना की समग्र ताकत को बढ़ाने के लिए विषम क्षमताओं को विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

इन देशों में भी हैं हाईवे इमरजेंसी हवाई पट्‌टी

जर्मनी, स्वीडन, दक्षिण कोरिया, ताइवान, फिनलैंड, स्विटजरलैंड और सिंगापुर सहित कई देशों ने अपने राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे पर विमानों के उतरने और आपात स्थिति में उड़ान भरने के लिए ऐसी हवाई पट्टी बनाई हैं। भारत में यह पहली इमरजेंसी हवाई पट्टी है, जो बनकर तैयार हो चुकी है। जबकि आंध्र प्रदेश में ऐसी दो, जबकि पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक-एक और हवाई पट्टी बनाई जा रही है।

दो हवाई पट्टी वाला भारत का पहला राज्य बना उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर कुरीभर के पास एक नई 3,300 मीटर लंबी हवाई पट्टी का निर्माण किया गया है. इस नई हवाई पट्टी के साथ, उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे पर दो हवाई पट्टी वाला भारत का पहला राज्य बन गया है। उत्तर प्रदेश में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर भी एक हवाई पट्टी है, जिस पर 2017 में वायुसेना ने ट्रायल किया था। एक्सप्रेसवे पर हवाई पट्टी आपातकालीन लैंडिंग और लड़ाकू विमानों के टेक-ऑफ की सुविधा के लिए डिजाइन की गई हैं. भारत में ऐसे राजमार्ग पर करीब 12 जगह हवाई पट्टी बनाया जाना प्रस्तावित है, जिसमें कई जगह काम चल रहा है और कुछ जगह शुरू होना है।

Deepak Kumar

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