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Exit Poll 2022: कितना सच, कितना myth

Exit Poll 2022: मीडिया संस्थानों के एग्जिट पोल्स ने उत्तर प्रदेश में भाजपा को बड़ी बढ़त दिखते हुए दोबारा सरकार बनाने की उम्मीद जताई है। वहीं, ज्यादातर सर्वे में पंजाब में आप, उत्तराखंड और गोवा में कांग्रेस, मणिपुर में भाजपा को बढ़त ही नहीं बल्कि भारी बहुमत दिखा रहे हैं।

Rakesh Mishra
Written By Rakesh MishraPublished By Deepak Kumar
Published on: 8 March 2022 11:01 AM GMT
Newstrack Exit Poll
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Newstrack Exit Poll

Exit Polls 2022: सोमवार यानी 7 मार्च को उत्तर प्रदेश के आखिरी चरण के चुनावों के बाद पांच राज्यों में चला चुनावी अभियान थम गया। उत्तर प्रदेश सहित चार अन्य राज्य उत्तराखंड (Uttarakhand), पंजाब (Punjab), गोवा (Goa) और मणिपुर (Manipur) में फरवरी के 10 तारीख से चुनाव शुरू हुए थे और उसका समापन 7 मार्च को उत्तर प्रदेश में आखिरी चरण के चुनावों के साथ हुआ।

चुनाव (Election 2022) होने और चुनाव परिणाम आने के बीच जो समय होता है वह ना केवल पार्टी, उम्मीदवारों बल्कि मतदाताओं के लिए भी बेचैनी भरे दिन होते हैं। सभी की धड़कने तेज रहती हैं और बेसब्री से वो चुनाव परिणामों का इंतजार करते हैं। मतदान के बाद वास्तविक परिणाम आने में कुछ समय तो होता ही है। और यही समय काटना सभी के लिए मुश्किल होता है। ऐसे में थोड़ी राहत लेकर आते हैं एग्जिट पोल्स। जो चुनाव परिणाम क्या होंगे यह भले ना बता पाए लेकिन रुख क्या होगा चुनावों का इस ओर इशारा तो कर ही देते हैं।

जैसा की हर चुनाव (Assembly Election 2022) में होता है इस बार भी चुनाव के खत्म होते है एग्जिट पोल्स (Exit Polls) की बहार आ गई। खास बात यह थी कि इक्का-दुक्का छोटे संस्थानों के सर्वे को अपवाद मान लिया जाये तो लगभग सभी बड़े मीडिया संस्थानों के एग्जिट पोल्स (Exit Polls) ने उत्तर प्रदेश में भाजपा (BJP In Uttar Pradesh) को बड़ी बढ़त दिखते हुए दोबारा सरकार बनाने की उम्मीद जताई है। वहीं, ज्यादातर सर्वे में पंजाब में आप, उत्तराखंड में कांग्रेस को बढ़त के साथ हंग असेंबली, गोवा में भी कांग्रेस को बढ़त के साथ त्रिशंकु विधानसभा तो वहीँ मणिपुर विधानसभा सभा चुनाव (Manipur Assembly Election) के लिए एग्जिट पोल (Exit Polls) भाजपा को बढ़त ही नहीं बल्कि भारी बहुमत दिखा रहे हैं।

सबसे चौकाने वाले एग्जिट पोल्स (Exit Polls 2022) के रिजल्ट उत्तर प्रदेश के आ रहे हैं। जहां लगभग सभी एग्जिट पोल्स (Exit Polls) के अनुसार भाजपा (BJP) को सपा (SP) पर भारी बढ़त है। चाणक्य ने अपने एक्जिट पोल में भाजपा को सबसे अधिक 294 सीटें दी हैं। जबकि दूसरे नम्बर पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को पिछली बार से अधिक 105 सीटों की बढ़त लेते हुए दूसरे नम्बर की पार्टी बताया है।

  • India TV-Ground Zero Research एग्जिट पोल के अनुसार योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 180 और 220 के बीच सीटें मिल रही हैं और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेतृत्व वाले गठबंधन को 403 सदस्यीय विधान सभा में 168 से 208 के बीच सीटें मिल सकती हैं।
  • TV 9 ने भाजपा को 211-225, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को 140-160 बसपा 14-24 तथा अन्य को 4-6 सीटों को पाते हुए दिखाया गया है। इसके अलावा इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया ने भाजपा (BJP) को 288-326, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को 71-101 बसपा (BSP) 3-9 तथा अन्य को 1-3 सीटें मिलने के दावे किए हैं।
  • इसी तरह रिपब्लिक टीवी के एक्जिट पोल में भाजपा (BJP) को 240, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को 140, बसपा (BSP) को 17 तथा अन्य के खाते में 6 सीटें दिखाई दी हैं। जबकि मैटराइज एजेंसी ने भाजपा (BJP) को 262-277, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को 119-134, बसपा (BSP) को 7-15 तथा अन्य के खाते में 2-6 सीटें दिखाई गयी हैं।
  • इसी तरह टाइम्स नाउ-नवभारत ने अपने एक्जिट पोल में भाजपा (BJP) को 225, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को 151, बसपा (BSP) को 14 तथा अन्य के खाते में 13 सीटें दी गई हैं।
  • इंडिया न्यूज (India News) के एक्जिट पोल में भाजपा (BJP) को 222-260, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को 135-165, बसपा (BSP) 4-9 तथा अन्य को 5-12 सीटें पाते हुए दिखाया गया है। इसी तरह ईटीजी रिसर्च के एक्जिट पोल में भाजपा (BJP) को 235, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को 156, बसपा को 6 तथा अन्य को 6 सीटे मिलते हुए दिखाया गया है।

क्या होता है EXIT POLL

एग्जिट पोल (Exit Polls) मतदाताओं के मतदान केंद्रों से बाहर निकलने के तुरंत बाद लिया गया उनका मतदान है। एग्जिट पोल आम तौर पर समाचार पत्रों या टीवी चैनलों के लिए काम करने वाली निजी कंपनियां के द्वारा किया जाता है। एग्जिट पोल करवाने का उद्देश्य वास्तविक रिजल्ट आने से पहले जनता के रुझान या प्रारंभिक संकेत को प्राप्त करना होता है। एग्जिट पोल का आविष्कार किसने किया, इस पर अलग-अलग मत हैं। लेकिन माना जाता है कि डच समाजशास्त्री और पूर्व राजनेता मार्सेल वैन डैम ने सबसे पहले 15 फरवरी, 1967 को डच विधायी चुनावों के दौरान इसे आजमाया था।

EXIT POLL के साथ दिक्कतें

ऐसा नहीं है कि सभी एग्जिट पोल्स सही ही साबित होते हैं। हर चुनाव के बाद ऐसा देखा जाता है कि एक-दो को छोड़ कर सभी संस्थान इस मामले में गलत ही साबित होते हैं। हालांकि सभी के एग्जिट पोल्स के नतीजे वास्तविक परिणाम से बहुत दूर होते हैं ऐसा भी नहीं कहा जा सकता। भारत ही नहीं विश्व भर में तमाम एग्जिट पोल कई बार गलत साबित हो चुके हैं। भारत में तमाम चुनाव परिणाम ऐसे आये जो एग्जिट पोल्स के नतीजों के बिलकुल उलट रहे हैं। इसका कारण यह है कि सभी जनमत सर्वेक्षणों की तरह, एग्जिट पोल में भी त्रुटि का एक मार्जिन शामिल होता है।

1992 के यूके आम चुनाव एग्जिट पोल की त्रुटि का एक प्रसिद्ध उदाहरण है। उस चुनाव में दो एग्जिट पोल ने त्रिशंकु संसद की भविष्यवाणी की थी। वास्तविक परिणामों में जॉन मेजर की कंजर्वेटिव पार्टी ने सरकार बनायीं। इस विफलता की जांच ने कई कारणों की पहचान की, जिनमें अंतर प्रतिक्रिया दर, अपर्याप्त जनसांख्यिकीय डेटा का उपयोग और सैंपल का ख़राब चॉइस है। वहीँ बिहार के दो चुनावों में भी एग्जिट पोल का अंदाजा सही नहीं निकला था।

क्या हुआ था पश्चिम बंगाल में?

एग्जिट पोल्स (Exit Polls) को सबसे ज्यादा मुंह की खानी पश्चिम बंगाल में पड़ी थी जब लगभग सभी पोल्स भाजपा और टीएमसी में नजदीकी लड़ाई दिखा रहे थे। लकिन वास्तविक नतीजों में परिणाम कुछ और हुआ। 292 विधान सभा वाली पश्चिम बंगाल में पोल ऑफ़ पोल्स ने TMC को 141 और भाजपा को 138 सीट दिया था। वहीँ टाइम्स नाउ और सी वोटर के सर्वे ने तृणमूल (TMC) को 158 और भाजपा को 115 सीटों का अनुमान लगाया था।

INDIA TODAY- AXIS MY INDIA ने तो दोनों के बीच नजदीकी फाइट दिखते हुए भजपा को बढ़त दिखते हुए 147 सीट दे दी थी। वहीँ इस सर्वे ने तृणमूल को 143 सीटें दी थी। REPUBLIC-CNX ने भी भजपा को तृणमूल पर बढ़त दिखाई थी। इस सर्वे ने भजपा को 143 और तृणमूल को 133 सीटें ही दी थी। INDIA TV ने तो अपने सर्वे में भाजपा को पूर्ण बहुमत दे दिया था। 292 विधान सभा वाली पश्चिम बंगाल में India TV ने भाजपा को 192 और तृणमूल को 88 सीटें ही दी थी। वहीँ ABP-CVOTER ने तृणमूल को 158 और भाजपा को 115 सीटें दी थी।

क्या था वास्तविक परिणाम?

सभी एग्जिट पोल्स द्वारा किये गए नजदीकी लड़ाई की भविष्यवाणी के उलट, ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस सरकार (TMC Government) ने बड़े अंतर से पश्चिम बंगाल का चुनाव जीता। तृणमूल को उस चुनाव में 213 सीटें मिली थी तो वहीँ भाजपा को बड़ी बढ़त के साथ 77 सीटें मिली थी। संजुक्ता मोर्चा ने एक सीट जीती थी और एक सीट निर्दलीय को मिली थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और वामपंथी दलों का उस चुनाव में खाता तक नहीं खुला था।

क्यों गलत साबित हो जातें हैं एग्जिट पोल्स?

आम टायर पर एग्जिट पोल के लिए सर्वे करने वाली कंपनी कुछ विधानसभा से ही सैंपल कलेक्ट करते हैं। जब की किसी बड़े राज्य जैसे 403 विधान सभा वाला उत्तर प्रदेश में मतदाताओं का मूड समझना इतना आसान नहीं होता। एक-एक विधान सभा में डेढ़ से दो लाख तक मतदाता होते हैं। ऐसे में 10000 लोगों का सैंपल उस विधान सभा का रुख कितना प्रदर्शित करेगा इस बात पर एक बड़ा सवाल खड़ा होता है।

इसके अतिरिक्त आम तौर पर चुनावों में जो लोग मुखर होते हैं उनका अंदाजा तो लग जाट अहइ लेकिन साइलेंट वोटर्स के मन को भांपना आसान नहीं होता है। यह देखा गया है कि कई चुनावों में मात्र 2-3 प्रतिशत का स्विंग सरकार बनवाने या गिराने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। दूसरी तरफ महिलाओं के मूड को भांपना भी आसान नहीं होता है। महिलाएं बहुत मुखर नहीं होती है और चुपचाप अपने प्रत्याशी या पार्टी के पक्ष में मतदान कर आती हैं। एग्जिट पोल का परिणाम इस बात पर भी निर्भर करता है कि सैंपल सर्वे में कितने प्रतिशत महिलाओं को चुना गया है।

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Deepak Kumar

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