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हर्ड इम्युनिटी की ओर बढ़ रहा है भारत! जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
आईसीएमआर (ICMR) का मानना है कि देश की एक बड़ी आबादी महामारी के चपेट में आ सकती है।
नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर काफी भयानक होती जा रही है। देश में लगातार संक्रमण बढ़ रहा है, अस्पताल में बेडों की कमी हो रही है, मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है, जिसके कारण कोरोना से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि भारत हर्ड इम्युनिटी (Herd immunity) की ओर बढ़ रहा है। इस हर्ड इम्युनिटी (Herd immunity) के बारे में एक्सपर्ट क्या कहते है, आइए जानते हैं...
एम्स (AIIMS) के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) ने बताया कि कोरोना ने दिल्ली पर सबसे बुरा असर डाला है। यहां बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोग मानने लगे हैं कि भारत हर्ड इम्युनिटी के स्टेज में प्रवेश कर चुका है। उन्होंने आगे कहा, "सीरो सर्वे में भी देखा गया कि 50 से 60 प्रतिशत लोगों के अंदर एंटीबॉडी थी। उन आंकड़ों को देख तो कहा जा सकता था कि दिल्ली में हर्ड इम्युनिटी हो गया है. लेकिन अब स्थिति बिल्कुल बदल गई है।"
महामारी के चपेट में आ सकती है देश की आबादी
हर्ड इम्युनिटी पर आईसीएमआर (ICMR) की ओर से स्टेटमेंट आया है। आईसीएमआर (ICMR) का मानना है कि देश की एक बड़ी आबादी महामारी के चपेट में आ सकती है। एक्सपर्ट का कहना है, "हर्ड इम्युनिटी के जरिए किसी देश को महामारी से नहीं बचाया जा सकता है। ऐसे में सारा फोकस वैक्सीनेशन पर होना चाहिए, जिससे हम उस वायरस के खिलाफ जंग लड़ सके। क्योंकि वायरस अपना रूप लगातार बदल रहा है, कई तरह के म्यूटेशन होते दिख रहे हैं इसीलिए हम हर्ड इम्युनिटी के सहारे नहीं बैठ सकते।"
हर्ड इम्युनिटी
हर्ड इम्युनिटी का मतलब है, किसी देश की एक बड़ी आबादी वायरस के चपेट में आ जाती है। ऐसे में वैक्सीन लगवा चुके इंसानों में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बन जाती है, ये इंसान संक्रमित लोगों की मदद करते है। इसके अलावा बीमारी से ठीक हो चुके लोगों में भी इम्यून सिस्टम बढ़ जाती है। ये प्रक्रिया शुरू होते ही संक्रमण का खतरा कम हो जाता है और महामारी का खतरा कम होने लगता है। अगर बात करें भारत की तो देश में संक्रमण तेजी से फैल रहा है और देश का एक बढ़ा हिस्सा महामारी के चपेट में हैं।