×

Farmers Protest: किसान आंदोलन में बड़ी फूट, चढूनी ने खुद को मोर्चे से किया अलग, इन नेताओं पर किया वार

Farmers Protest: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर किसान पिछले करीब 8 महीनों के ज्यादा समय से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं।

Network
Newstrack NetworkPublished By Divyanshu Rao
Published on: 8 Aug 2021 10:03 AM IST (Updated on: 8 Aug 2021 10:06 AM IST)
Farmers Protest: किसान आंदोलन में बड़ी फूट, चढूनी ने खुद को मोर्चे से किया अलग, इन नेताओं पर किया वार
X

संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतीक चिन्ह और गुरनाम सिंह चढूनी की तस्वीर (डिजाइन फोटो:सोशल मीडिया)

Farmers Protest: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर किसान (Farmer) पिछले करीब 8 महीनों के ज्यादा समय से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबित किसानों के आंदोनल में फूट हो गई है। संयुक्त किसान मोर्चा में किसान नेताओं में टकराव की खबरें हैं।

हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chaduni) ने संयुक्त किसान मोर्चा से किनारा कर लिया है। और मोर्चे से अलग होने का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही चढूंनी ने किसान नेता योग्रेंद्र यादव और शिवकुमार कक्का पर भी निशाना साधा है। संयुक्त किसान मोर्चा ने पंजाब के चार संगठनों के खिलाफ कार्यवाई की है।

संयुक्त किसान मोर्चे से अलग हुए किसान नेता चढूनी

भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष किसान नेता गुरनाम सिंह चढूंनी हरियाणा से किसान आंदोलन की अग्रणी भूमिका निभा रहे थे। लेकिन अब चढूंनी संयुक्त किसान मोर्चे से अलग होने के साथ ही अपने साथ भेवभाव करने का आरोप भी लगाया। मिली जानाकारी के मुताबित पंजाब के चार संगठनों द्वारा किसान नेता चढूंनी के नेतृत्व मं सक्रियता दिखाने पर संयुक्त किसान मोर्चे को ये रास नहीं आया।

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी (फोटो:सोशल मीडिया)

जिसके बाद मोर्चे ने इन चारों संगठनों के खिलाफ कार्यवाई की और किसान नेता चढूंनी बिफर गए। उन्होंने अपने फेसबुक पेज के जरिए बयान में संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं की तीखी अलोचना की। किसान नेता चढूंनी के निशाने पर पंजाब के संगठन भी रहें।

किसान नेता चढूनी ने मोर्च पर भेवभाव का लगाया आरोप

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूंनी ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा में पहले दिन से भेदभाव हो रहा है। कई घटनाएं ऐसी हुई हैं,जब मुझे बाहर करने की कोशिश की गई। लेकिन जब वहीं गतिविधि किसी और ने की तो मोर्चे ने उनके खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं की है। पंजाब की जत्थेबंदी हमारे साथ जुड़ी थी। जो डेरा बाबा नानक से बड़ा जत्था लेकर आए थे।

गुरनाम सिंह चढूनी की तस्वीर (फाइल फोटो:सोशल मीडिया)


किसान नेता चढूंनी ने आगे कहाकि इनकी गलती सिर्फ इतनी थी कि ये चारों संगठन मेरे नेतृत्व में जत्था लेकर आए थे। और आज चारों को मीटिंग से बाहर निकाल दिया गया। इनमें से पगड़ी संभाला लहर से सतनाम सिंह, किसान यूनियन संर्घश कमेटी से गुरप्रीत सिंह ,पंजाब फेडरेशन से इंद्रपाल सिंह किसान यूनियन गुरमुख सिंह शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि वहीं मेरे ऊपर दो बार कार्यवाई की गई। अब इन चारों को मेरे साथ जुड़ने पर इनके खिलाफ कार्यवाई हुई। यहां तक कि हमारे जत्थे का स्वागत करने वालों को भी 15 दिनों के लिए निकाल दिया गया था।

चढूनी ने कहा हम इसलिए बर्दाश्त कर रहे ताकि आंदोलन न टूटे

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हम इसलिए बर्दाश्त कर रहे हैं क्योंकि आंदोलन व संयुक्त किसान मोर्चा न टूटे। चढ़ूनी ने किसान नेता शिव कुमार कक्का का नाम लिया और कहा कि मेरे ऊपर उन्होंने आरोप लगाए थे। जब हमने शिकायत की तो उनके खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं हुई। मोर्चे के नेता केवल टरकाते रहे। टोहाना मामले को भी इसी तरह दबाया गया।

चढूनी ने योगेंद्र यादव पर राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप लगाया

चढूनी ने किसान नेता योगेंद्र यादव पर आरोप लगाया कि वह कई राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं। संसद के बाहर जंतर-मंतर पर भी बिहार के नेताओं को शामिल किया गया। उस पर कोई कार्यवाई नहीं हुई। उस नेता ने राकेश टिकैत ने यूनियन के आंदोलन में इंट्री की।

आज जब चार संगठनों के खिलाफ कार्यवाई हुई तो मैं भी मोर्चे की बैठक छोड़कर बाहर आ गया। और संयुक्त किसान मोर्चा की जनरल और नौ सदस्यीय कमेटी से खुद को अलग कर लिया हूं। लेकिन आंदोलन में हम शामिल रहेंगे। वहीं उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को कुछ लोग तोड़ना चाहते हैं। हम इसे टूटने नहीं देंगे। पंजाब की 32 जत्थेबंदियों को मुझसे ज्यादा तकलीफ है। मगर हम फिर भी अनुशासन में रहेंगे।



Divyanshu Rao

Divyanshu Rao

Next Story