TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

कृषि कानून वापस लेने के फैसले पर कृषि मंत्री तोमर का बयान, इस कानून में थी क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता

पीएम संसद से पास हुए तीन बिल लाए थे। इन कानूनों से किसानों को फायदा होता। इस कानून को लाने के पीछे किसानों के जीवन में 'क्रांतिकारी बदलाव' लाने की प्रधानमंत्री की साफ मंशा थी।

aman
By aman
Published on: 19 Nov 2021 3:53 PM IST (Updated on: 19 Nov 2021 3:55 PM IST)
Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar
X

नरेंद्र सिंह तोमर (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कृषि कानूनों (Farm Law) को वापस लेने का ऐलान किया। इन कृषि कानूनों को लेकर सरकार का दावा था, कि ये कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए लाए गए हैं। वहीं, कई किसान संगठन इसे काला कानून बताकर बीते एक साल से आंदोलन कर रहे हैं। अब इस मुद्दे पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने प्रतिक्रिया दी है।

केंद्र सरकार की तरफ से कृषि कानून (Farm Law) वापस लेने के फैसले के बाद कृषि मंत्री ने कहा, 'पीएम संसद से पास हुए तीन बिल लाए थे। इन कानूनों से किसानों को फायदा होता। इस कानून को लाने के पीछे किसानों के जीवन में 'क्रांतिकारी बदलाव' लाने की प्रधानमंत्री की साफ मंशा थी। लेकिन, मुझे दुख है कि हम देश के कुछ किसानों को इस नए कानून का लाभ बताने-समझाने में विफल रहे। '

किसानों के लिए कई नई योजनाएं शुरू की

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, साल 2014 में केंद्र सरकार की बागडोर पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों आई थी। तब से हमारी सरकार की प्रतिबद्धता किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए रही है। फलस्वरूप हमने पिछले सात सालों में कृषि को लाभ पहुंचाने वाली कई नई योजनाएं शुरू की। केन्द्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा, कि केंद्र सरकार ने हमेशा किसानों के कल्याण के लिए कार्य किए हैं। कई जगह इसका फायदा भी मिला। और कई किसानों को इसका फायदा मिल भी रहा है।

बंदिशें खोलने के लिए लाए थे कानून

नरेंद्र सिंह तोमर ने आगे कहा, कि 'प्रधानमंत्री जी चाहते थे कि हमारे देश में किसानों के लिए जो बंदिशे हैं उनको खोला जाए। इसलिए हम कृषि कानून लेकर आए थे। लेकिन, हम इन कानूनों को कुछ किसानों को समझाने में सफल नही हो पाए। आज इन्हें रद्द करना पड़ा'





\
aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story