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Farmer Movement: आंदोलन में फूकेंगे नई जान, ममता से मिलेंगे टिकैत, इन मुद्दों पर होगी बात
कमजोर पड़ चुके किसान आन्दोलन में नई जान फूंकने के लिए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कोलकाता में मुलाकात करेंगे।
Farmer Movement: केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि बिल के विरोध में किसान धरने पर हैं, कमजोर पड़ चुके किसान आन्दोलन में नई जान फूंकने के लिए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कोलकाता में मुलाकात करेंगे। बता दें कि दोनों नेताओं के बीच केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को तेज करने और सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा होगी।
मुलाकात से पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात के दौरान उनकी बात कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और स्थानीय किसानों के मुद्दे पर होगी। भारतीय किसान यूनियन के नेता ने कहा कि बंगाल सरकार को राज्य के किसानों से नियमित तौर पर बात करनी चाहिए। टिकैत ने यूपी में किसानों की हर महीने जिलाधिकारियों के साथ होने वाली बैठक की चर्चा करते हुए कहा कि यह नीति पूरे देश में लागू होनी चाहिए।
ममता बनर्जी के साथ बैठक कर आगे की रणनीति पर होगी चर्चा
कमजोर पड़ चुके किसान आन्दोलन को और मजबूती देने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं से मिल रहे हैं। इसी कड़ी में राकेश टिकैत बुधवार को ममता बनर्जी के साथ बैठक कर आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे। इससे पहले इसी साल मार्च-अप्रैल में बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान किसान नेता टिकैत ने तृणमूल कांग्रेस के लिए प्रचार किया था। इसके साथ ही ममता बनर्जी भी समय समय पर किसान आंदोलन के समर्थन में आवाज उठाती रही हैं। टीएमसी के कई सांसद भी दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन के मंचों पर पहुंचे थे।
2024 में मोदी के खिलाफ लड़ने पर टिकैत कहा
2024 लोकसभा चुनाव में वाराणसी संसदीय सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ममता बनर्जी के चुनाव लड़ने की अटकलों के बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि वे स्वयं चुनाव नहीं लडे़ंगे , लेकिन लोगों को जागरूक जरूर करेंगे। टिकैत ने कहा कि नौ जून को बंगाल में किसानों की बैठक है। इसी दौरान बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे।
ट्रैक्टर ही इस आंदोलन की जान
टिकैत ने कहा कि पहले टोहाना के विधायक को जिताने के लिए ट्रैक्टर पर लोग जाते थे , लेकिन अबकी बार लोग ट्रैक्टर पर उनके खिलाफ आ रहे हैं इसलिए ट्रैक्टर ही इस आंदोलन की जान बन गया है।