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..आ अब लौट चलें : 378 दिनों बाद किसानों की 'घर वापसी' शुरू, खाली होने लगे सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर
कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum support price) या एमएसपी को लेकर कमेटी तथा अन्य मांगें सरकार की ओर से मानने के बाद किसानों ने अपना आंदोलन (Farmers Protest) स्थगित कर दिया है।
Farmers Protest : कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum support price) या एमएसपी (MSP) को लेकर कमेटी तथा अन्य मांगें सरकार की ओर से मानने के बाद किसानों ने अपना आंदोलन (Farmers Protest) स्थगित कर दिया है। आंदोलन कर रहे किसानों ने दिल्ली बॉर्डर को खाली करना शुरू कर दिया है। करीब-करीब 13 महीने बाद किसान दिल्ली बॉर्डर से अपने घरों को लौट रहे हैं। इस वजह से दिल्ली की सीमाओं पर हलचल तेज हो गई है। हालांकि, औपचारिक तौर आज शनिवार 11 दिसंबर 2021 से किसान अपने घर लौट रहे हैं।
दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसान आज से जश्न मनाते हुए अपने घर को लौट रहे हैं। ये किसान दिल्ली की सीमाओं पर 378 दिनों से आंदोलन कर रहे थे। इस दौरान टोल प्लाजा को भी खाली कर दिया जाएगा। इनकी समय सीमा 15 दिसंबर 2021 तय की गई है। आंदोलनरत किसान आज विजय रैलियां निकालकर अपने घर को रवाना होंगे।
गाजीपुर बॉर्डर पर जश्न का माहौल
वहीं, गाजीपुर बॉर्डर से आज किसान अपना सामान पैक कर घरों के लिए रवाना होने को तैयार हैं। इससे पहले गाजीपुर बॉर्डर पर जश्न का माहौल देखा जा रहा है। पंजाबी गानों पर किसान थिरकते हुए दिखाई दिए। इसके अलावा मंच को हटाने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। आज पैकिंग के बाद कल किसानों का पहला जत्था हाईवे से रवाना होगा। जिसके लिए ट्रैफिक व्यवस्था में भी जरूरी बदलाव किए गए हैं। आइए आपको बताते हैं, कि जश्न के साथ घर वापसी की कैसी है, किसानों की तैयारी।
सुबह 9 बजे से लौटने लगे किसान
अधिकतर किसान आज सुबह करीब 9 बजे से अपने घरों की ओर लौटने लगे। इस संदर्भ में किसानों का कहना है, कि यूपी गेट स्थित आंदोलन स्थल को 15 दिसंबर तक पूरी तरह खाली कर दिया जाएगा। जबकि, दिल्ली की सीमाओं टेंट-तंबुओं से ट्रकों को भरा जा रहा है। कुछ ट्रक तो अब तक जा भी चुके हैं। किसानों का कहना है, कि किसी प्रकार की कोई अराजक स्थिति न बने उससे बचने के लिए शनिवार की सुबह सभी एक बार में नहीं निकलेंगे। एक समय अंतराल के बाद वो प्रस्थान करेंगे।
ट्रैक्टर में बजाया जा रहा डीजे, जश्न जारी
गाजीपुर बॉर्डर पर बीती रात से ही जश्न शुरू हो गया है। कई ट्रैक्टरों में डीजे इंस्टॉल किया गया है। इन डीजे को ऊंचे वॉल्यूम में बजाकर किसान हाईवे किनारे डांस करते हुए दिखाई दिए।इसके अलावा बीती रात से ही हाईवे पर लगा हुआ मंच हटाने की कवायद शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि शनिवार शाम तक मंच को पूरी तरह से हटा दिया जाएगा। जिसके बाद नेशनल हाईवे 9 के खुलने का रास्ता साफ हो जाएगा। मंच के हिस्से पार्ट्स अलग-अलग किए जा रहे हैं। जिनको ट्रैक्टर और दूसरे ट्रांसपोर्ट में लोड किया जा रहा है। सैकड़ों की संख्या में किसान हाईवे किनारे डांस करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था
किसान नेता राकेश टिकैत के मुताबिक, आज पैकिंग करके सभी ट्रैक्टर एक जगह खड़े कर दिए जाएंगे। इसके बाद रविवार को किसानों का एक जत्था ट्रैक्टर समेत रवाना होगा। पूरा जुलूस निकाला जाएगा। इस जुलूस में जश्न भी शामिल होगा। हालांकि सब कुछ शांतिपूर्ण रखने की अपील की गई है। लेकिन ट्रैफिक पुलिस ने भी इसके लिए अतिरिक्त व्यवस्था की है। नेशनल हाईवे 9 पर जगह-जगह ट्रैफिक पुलिसकर्मी बढ़ाए गए हैं। वहीं माना जा रहा है कि ट्रैफिक पुलिस ट्रैक्टरों के निकलने के लिए कुछ देर के लिए एक लेन पूरी तरह से अलग कर देगी। जिससे हाईवे का बाकी ट्रैफिक बाधित ना हो। किसानों से भी कहा गया है कि अगर वह इन रास्तों से पैदल गुजर रहे हैं, तो सेफ्टी के साथ अपनी लेन में ही रहे।
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे, हापुड़ से मेरठ को कनेक्ट करता है। तो वहीं नेशनल हाईवे 9 के बीच से होकर पेरीफेरल के माध्यम से किसान हरियाणा की तरफ जाएंगे।इस दौरान यूपी, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान जैसे राज्यों पर हाईवे के ट्रैफिक पर काफी दबाव देखने को मिल सकता है। जिसके लिए सुचारू व्यवस्था जरूरी है।
ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के आने का इंतजार
कई किसानों का कहना है, कि कुछ आंदोलन स्थल को खाली करने के लिए रुके रहेंगे। इस बीच वहां मौजूद अन्य किसानों और उनके साथियों को ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के आने का इंतजार है। किसान बताते हैं, कि आंदोलन स्थल पर बड़े टेंटों को हटाने में एक से दो दिन का समय लगेगा। साथ ही, इतने सामान को ले जाने के लिए और ट्रकों की जरूरत होगी, जिसका वो इंतजार कर रहे हैं। वैसे बहुत किसान पहले ही घरों को लौट चुके हैं।
अधिकतर सामान शुक्रवार को ही भेजे गए
इस संबंध में सिंघु बॉर्डर पर प्रबंधक समिति के सदस्य भजन सिंह का कहना है, कि 'किसानों को निर्देश दिया गया था, कि वे शुक्रवार को ही ट्रकों में अपना अधिकतर सामान भेजने की कोशिश की। ताकि, शनिवार की सुबह ट्रैक्टर और ट्रकों पर एक संयुक्त मार्च निकाला जा सकेगा। बताते हैं, 'अपना सामान बांधने, तंबुओं को हटाने आदि की तैयारी के उनके पास एक अतिरिक्त दिन था। उन्होंने कहा, कि इस क्षेत्र को पूरी तरह से साफ करने में एक से दो दिन का समय लग सकता है।'
..ताकि अराजक न हो स्थिति
किसानों का कहना है, कि हम सभी एक साथ यहां से नहीं जाएंगे। संभव है कि उससे अराजकता स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ट्रक नियमित अंतराल पर निकलते रहेंगे। भजन सिंह कहते हैं, हमारा अंतिम लक्ष्य 13 दिसंबर 2021 को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पहुंचना है।
गौरतलब है, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 19 नवंबर 2021 को घोषणा की थी, कि उनकी सरकार विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेगी। इसके बाद संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही 29 नवंबर को इसे निरस्त कर दिया गया। जिसके बाद आज से किसानों की घर वापसी हो रही है।