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कौन है पं. माधवराव सप्रे, जिनकी 150वीं जयंती को राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की उठी मांग
हिंदी पत्रकारिता के यशस्वी हस्ताक्षर पं.माधवराव सप्रे की पुण्यतिथि प्रसंग पर आयोजित आनलाईन कार्यक्रम में उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा की गई।
नई दिल्ली: हिंदी पत्रकारिता (Hindi Journalism) के यशस्वी हस्ताक्षर पं.माधवराव सप्रे (Pt Madhavrao Sapre) की पुण्यतिथि प्रसंग पर आयोजित आनलाईन कार्यक्रम (Online program) में उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (Indira Gandhi National Center for the Arts) के अध्यक्ष रामबहादुर राय ने की। इस अवसर पर कला केंद्र के सदस्य सचिव डा.सच्चिदानंद जोशी, पद्मश्री से अलंकृत वरिष्ठ पत्रकार विजयदत्त श्रीधर, छत्तीसगढ़ के पूर्व निर्वाचन आयुक्त डा.सुशील त्रिवेदी, भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक प्रो.संजय द्विवेदी, छत्तीसगढ़ मित्र के प्रबंध संपादक डा. सुधीर शर्मा उपस्थित रहे।
इस अवसर रामबहादुर राय ने कहा कि श्री सप्रे का 150 वां जयंती वर्ष दो वर्ष मनाया जाना चाहिए। ताकि नई पीढ़ी को उनके योगदान से भलीभांति परिचय कराया जा सके। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाना चाहिए। इसके लिए एक राष्ट्रीय समिति भी बननी चाहिए।
भारतबोध और राष्ट्रीयता की भावनाओं के सच्चे संचारक
विजयदत्त श्रीधर ने कहा कि हिंदी साहित्य, पत्रकारिता, अनुवाद, कोश निर्माण हर क्षेत्र में सप्रे जी का कार्य स्तुत्य है। डा. सुशील त्रिवेदी का कहना था कि सप्रे जी भारतबोध और राष्ट्रीयता की भावनाओं के सच्चे संचारक थे। डा. सच्चिदानंद जोशी ने सप्रे जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे हिंदी नवजागरण के पुरोधा थे। प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि 'छत्तीसगढ़ मित्र' और 'हिंदी केसरी' के संपादक के रुप में सप्रे जी ने हिंदी पत्रकारिता को समृद्ध किया। डा. सुधीर शर्मा ने इस अवसर पर सप्रे जी की 150 वीं जयंती वर्ष के निमित्त विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की, जिसके तहत दिल्ली, भोपाल, रायपुर, दमोह, पेंड्रा तथा नागपुर में विविध आयोजन किए जाएंगे।