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राहुल के चीन-पाक संबंधी बयान पर नटवर की तीखी प्रतिक्रिया, बोले- उनके परदादा के समय ही बढ़ने लगी थी दोनों देशों की दोस्ती
पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी की ओर से संसद में दिया गया बयान सही नहीं है और मुझे इस बात पर हैरानी हो रही है कि सरकार की ओर से किसी ने राहुल गांधी को इस बात की याद क्यों नहीं दिलाई।
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बुधवार को संसद में दिए गए चीन और पाक संबंधी बयान पर पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को शायद मालूम नहीं है मगर सच्चाई यह है कि 1960 के दशक से ही चीन और पाकिस्तान एक-दूसरे के सहयोगी रहे हैं। इसकी शुरुआत राहुल गांधी के परदादा के समय ही हो गई थी।
पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी की ओर से संसद में दिया गया बयान सही नहीं है और मुझे इस बात पर हैरानी हो रही है कि सरकार की ओर से किसी ने राहुल गांधी को इस बात की याद क्यों नहीं दिलाई।
मोदी सरकार की नीतियों को लेकर बड़ा हमला
राहुल गांधी ने बुधवार को संसद में मोदी सरकार की नीतियों को लेकर बड़ा हमला बोला था। इसी दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण ही पाकिस्तान और चीन एकजुट हो गए हैं।
उन्होंने पाकिस्तान और चीन की एकजुटता को देश के लिए गंभीर खतरा बताया था। उनका कहना था कि इस खतरे को पैदा करने के लिए सरकार की गलत नीतियां ही जिम्मेदार हैं। राहुल के इस बयान पर अमेरिका ने भी प्रतिक्रिया जताई है और अब नटवर सिंह ने इस बयान को लेकर राहुल को कटघरे में खड़ा किया है।
1960 के दशक में ही हो गई थी शुरुआत
पाकिस्तान और चीन की एकजुटता के संबंध में दिए गए इस बयान को लेकर राहुल की आलोचना की जा रही है। नटवर सिंह ने इस मुद्दे पर राहुल गांधी को घेरते हुए कहा कि शायद उन्हें इस बाबत इतिहास की सही जानकारी नहीं है।
चीन और पाकिस्तान के बीच दोस्ती की शुरुआत 1960 के दशक में ही हो गई थी। उनका इस बाबत बुधवार को संसद में दिया गया बयान सही नहीं है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के संबोधन के बाद सत्ता पक्ष की ओर से उन्हें वास्तविकता की याद दिलाई जानी चाहिए थी।
नटवर सिंह ने कहा कि हमारी विदेश नीति को गलत बताना सही नहीं है क्योंकि मौजूदा समय में हमारी विदेश नीति को विफल नहीं कहा जा सकता। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हम अब अलग-थलग नहीं हैं और हमने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने में कामयाबी पाई है। हमें एक ऐसा विदेश मंत्री मिला है जो दिन-रात अपने काम में ही जुटा रहता है और विदेश नीति से जुड़े मुद्दों को निपटाने में ही पूरा समय व्यतीत करता है।
पूर्व विदेश सचिव ने भी बयान को गलत बताया
पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने भी नटवर सिंह से मिलता-जुलता बयान ही दिया है। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान और चीन की नजदीकियां बढ़ीं। दोनों देश काफी पहले ही एक-दूसरे के नजदीक आ चुके थे।
1962 के युद्ध के बाद ही दोनों देशों के बीच दोस्ती बढ़ने लगी थी। इस युद्ध के बाद के समय को दोनों देशों ने दोस्ती बढ़ाने के मौके के रूप में देखा और एक दूसरे की मदद करते रहे। परमाणु क्षेत्र में भी दोनों देशों ने एक-दूसरे की भरपूर मदद की है। इसलिए यह कहना सही नहीं होगा कि मोदी सरकार बनने के बाद भारत की गलत नीतियों के कारण दोनों देशों में नजदीकी बढ़ी है।
इससे पहले अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने राहुल गांधी के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि उनकी बातों का समर्थन नहीं किया जा सकता। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेट प्राइस ने कहा कि यह पाकिस्तान और चीन से जुड़ा हुआ मुद्दा है और इसे इन दोनों देशों के लिए ही छोड़ दिया जाना चाहिए।