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मनमोहन सिंह ने कहा था, मैं 'एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' ही नहीं 'एक्सीडेंटल वित्त मंत्री' भी था
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Former PM Dr Manmohan Singh) ने मीडिया के लगातार सवालों पर कहा था कि वह सिर्फ भारत के 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' ही नहीं थे, बल्कि देश के 'एक्सीडेंटल वित्त मंत्री' भी थे।
Manmohan Singh Accidental Prime Minister: साल 2018 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Former PM Dr Manmohan Singh) ने अपने भाषणों के संग्रह को पांच वॉल्यूम में रिलीज किया था। जब इस भाषण संग्रह को रिलीज किया जा रहा था तब उस कार्यक्रम में वहां डॉ. मनमोहन सिंह (Former PM Dr Manmohan Singh) के अलावा बड़े पैमाने पर शिक्षाविद और उनके करीबी दोस्त मौजूद थे। हालांकि यह कार्यक्रम पूरी तरह व्यक्तिगत था, तो वहां इस दौरान महज आधा दर्जन ही कांग्रेसी नेता मौजूद थे।
Manmohan Singh Accidental Prime Minister - एक राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक में छपे कूमी कपूर के लेख के अनुसार, इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. सिंह (Former PM Dr Manmohan Singh) ने एक किस्सा सुनाया। यह बात तब की थी, जब उन्हें अचानक तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा प्रधानमंत्री घोषित किया गया था। मनमोहन सिंह कहते हैं ये उनके लिए ठीक वैसे ही था जैसे वित्त मंत्री बनाए जाने के वक्त था। उन्होंने बताया कि जब आई.जी. पटेल ने वित्त मंत्री बनने की पेशकश को ठुकरा दिया, तब पी.सी.अलेक्जेंडर ने मनमोहन सिंह के चुने जाने की संभावना का उल्लेख किया।
राव ने कहा- 'अपने आप को तैयार कर लें'
Manmohan Singh Accidental Prime Minister - चूंकि तब तक कुछ भी निश्चित नहीं था तो मनमोहन सिंह (Former PM Dr Manmohan Singh) एक कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने जिनेवा रवाना हो गए। कॉन्फ्रेंस से जब वापसी की तैयारी कर रहे थे, तभी उन्हें कांग्रेस के दिग्गज नेता और तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव (PV Narasimha Rao) का फोन आया। फोन पर उन्होंने कहा कि वह शपथ समारोह के लिए अपने आप को तैयार कर लें। दरअसल, नरसिम्हा राव की डॉ. सिंह को यह गुप्त सलाह थी। तब नरसिम्हा राव के अचानक फोन से मनमोहन सिंह दंग रह गए थे।
डॉ. सिंह को सुरक्षित नौकरी ज्यादा सहज लगती रही
Manmohan Singh Accidental Prime Minister - यहां उल्लेखनीय है, कि डॉ. मनमोहन सिंह (Former PM Dr Manmohan Singh) एक विनम्र पृष्ठभूमि से आते हैं। राजनीतिक सत्ता में एक अस्थायी स्थिति की तुलना में एक सुरक्षित सरकारी नौकरी में स्वभाव से अधिक सहज महसूस करते रहे हैं। इसे उस उदाहरण से समझ सकते हैं कि जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था, तब डॉ. सिंह ने आपत्ति की, क्योंकि वह अपनी नौकरी और पेंशन की सुरक्षा खो देंगे। शायद इसके पीछे की वजह उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि और हालात रहे होंगे। जिसने उन्हें एक सुरक्षित नौकरी के लिए ज्यादा सहज बना दिया था।
'एक्सीडेंटल वित्त मंत्री' भी था
Manmohan Singh Accidental Prime Minister - गौरतलब है कि मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू ने बाद में एक किताब लिखी जिसका नाम था 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टिर'। हाल में इस किताब पर एक फिल्म भी बनी। जिस पर सियासत खासी गरमा गई थी। फिल्म में मनमोहन सिंह (Former PM Dr Manmohan Singh) का किरदार अभिनेता अनुपम खेर ने निभाया है। जब से इस फिल्म के बनने की चर्चा तेज हुई, अक्सर मौन रहने वाले मनमोहन सिंह ने बिलकुल ही चुप्पी साध ली थी, लेकिन मीडिया के लगातार सवालों पर आखिरकार उन्होंने एक दिन जवाब दे ही दिया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Former PM Dr Manmohan Singh) ने तब कहा था कि वह सिर्फ भारत के 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' ही नहीं थे, बल्कि देश के 'एक्सीडेंटल वित्त मंत्री' भी थे। अपनी पुस्तक 'चेंजिंग इंडिया' के विमोचन के दौरान मनमोहन सिंह ने खुद को देश का 'एक्सीडेंटल वित्त मंत्री' भी बताया था।