मोदी सरकार को परेशान कर सकता राफेल , फ्रांस सरकार ने जांच के आदेश दिए

राफेल का जिन्न एक बार फिर बाहर आ रहा है, फ्रांस की सरकार ने पहले से तो इस मामले कोई दम नहीं है की बात करती आई है लेकिन जब एक एनजीओं के द्वार सरकारी शिकायत दर्ज कराई गई तो वहां की सरकार ने एक जज के नेतृत्व में इसके जांच के आदेश जारी कर दिया है। अगर इस केस में कुछ भी दाए-बाएं जैसी स्थिती सामने आई तो पीएम मोदी सरकार की किरकिरी होने से कोई रोक नहीं सकता, वही विपक्ष को मैका मिल जाएगा सरकार के उपर हमला करने का और सरकार के उपर दबाव बनाने का।

Deepak Raj
Published By Deepak Raj
Published on: 3 July 2021 9:56 AM GMT
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लखनऊ डेस्क। राफेल का जिन्न एक बार फिर बाहर आ रहा है, फ्रांस की सरकार ने पहले से तो इस मामले कोई दम नहीं है की बात करती आई है लेकिन जब एक एनजीओं के द्वार सरकारी शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद फ्रांसीसी जज ने एक जज के नेतृत्व में इसके जांच के आदेश जारी कर दिए। अगर इस केस में कुछ भी दाए-बाएं जैसी स्थिती सामने आई तो पीएम मोदी सरकार की किरकिरी होने से कोई रोक नहीं सकता, वहीं विपक्ष को मौका मिल जाएगा सरकार के उपर हमला करने का।

राहुल ने राफेल डील पर मोदी सरकार को घेरा था


File photo of Rahul Gandhi


राफेल की जांच रिपोर्ट में अगर खबर सब सही आई तो सरकार के सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन अगर नाकारात्मक खबर आई तो सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ भ्रष्टाचार के भी दाग लग जाएंगे जिसकी मोदी सरकार व उनके मंत्रीमंडल के सदस्यों ने हमेशा खंड़न किया है। राफेल डील को लेकर राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सितारमण ने लोकसभा में लगातार दो घंटे तक भाषण दी थी।

भारत के साथ 36 फाइटर जेट की डील फ्रांस के सरकार के साथ हुई थी



PM Modi with our France counterpart(file photo)


आपको बता दें की फ्रांस ने भारत के साथ वर्ष 2016 में हुए अरबों डॉलर के विवादित राफेल फाइटर जेट डील की जांच के आदेश दिए हैं। देश के नैशनल फाइनेंशियल प्रॉसिक्यूटर्स ऑफिस ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। इसके लिए एक जज की नियुक्ति के आदेश दिए गए हैं। करीब 9.3 अरब डॉलर के इस समझौते के तहत भारत को 36 फाइटर जेट दिया जाना है। यह समझौता भारत सरकार और फ्रांसीसी विमान निर्माता कंपनी डसाल्‍ट के बीच हुआ था और इसमें लंबे समय से भ्रष्‍टाचार के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने अपनी जांच में इन आरोपों में कोई दम नहीं पाया था।

खोजी वेबसाइट मीडियापार्ट ने राफेल सौदा पर गंभीर आरोप लगाए

इससे पहले नैशनल फाइनेंशियल प्रॉसिक्यूटर्स ने राफेल सौदे की जांच करने से इंकार कर दिया था। इसके बाद फ्रांसीसी खोजी वेबसाइट मीडियापार्ट ने उस पर गंभीर आरोप लगाए थे। उसने कहा कि फ्रांसीसी जांच एजेंसी राफेल डील को लेकर जारी संदेहों को दबाना चाहती है। इससे पहले अप्रैल महीने में मीडियापार्ट ने दावा किया था कि राफेल डील में मदद करने वाले लोगों को 'छिपाकर करोड़ों रुपये दलाली' दिया गया।

file photo of Rafale


मीडियापार्ट ने कहा कि इस दलाली में से 'कुछ... हिस्‍सा घूस के रूप में' भारतीय अधिकारियों को दिया गया। दसाल्‍ट ने इन आरोपों का खंडन किया और दावा किया कि राफेल डील में कोई गड़बड़ी नहीं हुई। भारत में भी केंद्र की मोदी सरकार ने इस सौदे में किसी भी प्रकार के भ्रष्‍टाचार का लगातार खंडन किया है। इन खबरों के बाद फ्रांस के एनजीओ शेरपा ने भ्रष्‍टाचार के संबंध में एक आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई थी।

फ्रांसीसी जज ने अब राफेल डील की जांच के आदेश दिए

इसके बाद फ्रांसीसी जज ने अब राफेल डील की जांच के आदेश दिए हैं। इस पूरी डील में अनिल अंबानी के नेतृत्‍व वाली कंपनी रिलायंस विवादों के घेरे में है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कई बार रिलांयस के साथ हुई इस डील को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान भी राहुल ने राफेल डील में भ्रष्‍टाचार के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। फांसीसी कोर्ट के आदेश के बाद एक बार फिर से राफेल का जिन्‍न बाहर आ गया है।

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