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Gauhati University: कश्मीर फाइल्स देखने के लिए यूनिवर्सिटी ने घोषित की छुट्टी, छात्र संगठनों ने किया सख्त विरोध
The Kashmir Files: गुवाहाटी यूनिवर्सिटी ने अधिकारियों, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को द कश्मीर फाइल्स देखने के लिए छुट्टी की अनुमति दे दी है।
The Kashmir Files: फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर गुवाहाटी यूनिवर्सिटी (Gauhati University) में एक विवाद खड़ा हो गया है। हुआ ये कि गुवाहाटी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अपने अधिकारियों, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को द कश्मीर फाइल्स (Film The Kashmir Files) देखने के लिए आधे दिन की छुट्टी की अनुमति दे दी है। जिसपर जिसे दो छात्र संघों ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि यह एक गलत फैसला है जो पूर्वोत्तर के सबसे पुराने विश्वविद्यालय की "छवि को प्रभावित" करता है।
गुवाहाटी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है- 'सिनेमा देखने के लिए कर्मचारियों को संबंधित रिपोर्टिंग अधिकारी से पूर्व अनुमति लेनी होगी और अगले कार्य दिवस पर अपने संबंधित कार्यालयों में सिनेमा टिकट जमा करना होगा।" अधिसूचना में कहा गया है कि छुट्टी अन्य सामान्य रूप से मिलने वाली छुट्टी के अतिरिक्त होगी और इसे कुलपति पीजे हांडिक की मंजूरी प्राप्त है।
26 जनवरी 1948 को स्थापित गुवाहाटी यूनिवर्सिटी में 340 से अधिक संबद्ध कॉलेज, 1,100 कर्मचारी और 5,400 छात्र हैं। यूनिवर्सिटी को अन्य एजेंसियों के अलावा राज्य सरकार से वित्तीय सहायता और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से विकास अनुदान प्राप्त होता है।
दो प्रमुख छात्र संघों ने की फैसले की अलोचना
यूनिवर्सिटी प्रशासन के फैसले की दो प्रमुख छात्र संघों ने आलोचना की है और कहा कि उन्होंने ऐसा आदेश जारी करने वाले किसी अन्य राज्य विश्वविद्यालय के बारे में नहीं सुना है। ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (All Assam Students Union) की अध्यक्ष दीपंका नाथ ने बताया कि यूनिवर्सिटी में कक्षाएं कोविड लॉकडाउन (Covid-19 Lockdown) के बाद शुरू हुई थीं और विश्वविद्यालय ने कक्षाओं, परीक्षाओं और परिणामों की घोषणा के समय पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय सिनेमा सम्बन्धी ऐसा आदेश पारित किया है जो कतई सही कदम नहीं है।
यह उन छात्रों के साथ अनुचित है जो महामारी के कारण लगभग दो वर्षों से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि ये फैसला गुवाहाटी यूनिवर्सिटी (Gauhati University Latest News) के स्वायत्त चरित्र पर आघात भी है। फिल्म छात्रों के मुद्दों से जुड़ी होती या ऑस्कर की तरह वर्ल्ड क्लास होती तो ऐसा फैसला जायज होता। इस समय यूनिवर्सिटी का ये कदम उचित नहीं है।
इस संगठन ने निर्णय को रद्द करने का किया आह्वान
एक अन्य संगठन 'सत्र मुक्ति संग्राम समिति' ने यूनिवर्सिटी से "गलत" निर्णय को रद्द करने का आह्वान किया। संगठन के महासचिव प्रांजल कलिता ने कहा - यह गलत फैसला है। इसे रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि इससे विश्वविद्यालय की छवि प्रभावित हुई है। इस कदम से यूनिवर्सिटी फिल्म के लिए सत्तारूढ़ भाजपा के प्रचार का हिस्सा बन गयी है। विश्वविद्यालय को कक्षाओं को समय पर पूरा करने, परीक्षा आयोजित करने और परिणाम घोषित करने पर ध्यान देना चाहिए। यह फैसला विश्वविद्यालय के स्वस्थ वातावरण को नष्ट करने वाला है।
सीएम सरमा ने की थी छुट्टी की घोषणा
बता दें कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने 16 मार्च को विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) द्वारा निर्देशित फिल्म देखने के लिए सरकारी कर्मचारियों के लिए आधे दिन की छुट्टी की घोषणा की थी। सरमा ने ट्वीट किया था - कश्मीरी पंडितों का नरसंहार और उनका पलायन मानवता पर एक धब्बा है। द कश्मीर फाइल्स में उनकी दुर्दशा के दिल दहला देने वाले चित्रण से प्रभावित हुआ, जिसे मैंने अपने कैबिनेट सहयोगियों और विधायकों और असम भाजपा और सहयोगियों के साथ देखा।
सरमा ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा, जिन्होंने फिल्म के प्रचार के लिए सत्तारूढ़ भाजपा की आलोचना की थी। उन्होंने कहा - यदि आप कश्मीर फाइल्स को कर-मुक्त नहीं बनाना चाहते हैं, तो ऐसा न करें। लेकिन कश्मीरी पंडितों का यह लगातार मजाक बंद करो। उनकी पीड़ा धर्मनिरपेक्षतावादियों के इस तरह के रवैये और तुष्टीकरण की राजनीति का परिणाम है। हिंदुओं के जख्मों पर नमक छिड़कने के लिए विधानसभा का इस्तेमाल करना मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता।
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