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Gauri Lankesh Murder Case Trial: 27 मई से शुरू होगी गौरी लंकेश हत्याकांड की सुनवाई, जानें क्या था मामला?
Gauri Lankesh Murder Case Trial: अब जबकि इस मामले की सुनवाई की तारीख 27 मई 2022 घोषित हुई है तो, गौरी लंकेश को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रहे लोगों में उम्मीद जगी है। देखना होगा कि मामला किस दिशा में आगे बढ़ता है।
Gauri Lankesh Murder Case Trial:पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश हत्याकांड याद है न। इस मामले से जुड़ी बड़ी खबर ये है कि हत्या के 4 साल बाद इस मामले की सुनवाई 27 मई 2022 से शुरू होने वाली है। बता दें कि, कर्नाटक के बेंगलुरु में गौरी लंकेश की हत्या दो बाइक सवारों ने उनके घर के बाहर गोली मारकर कर दी थी।
इस केस के संबंध में ये जानना जरूरी है कि अभी तक इस मामले की सुनवाई शुरू नहीं हुई थी। अब 27 मई से सुनवाई शुरू होगी। वहीं, लोक अभियोजक (Public Prosecutor) ने बताया कि इस हत्याकांड की जांच के लिए गठित एसआईटी (SIT) ने 18 संदिग्धों की पहचान की और आरोप पत्र (charge sheet) दाखिल किए।
बहन और समर्थकों में ख़ुशी
गौरी लंकेश हत्याकांड में मुख्य आरोपी अमोल काले (Amol Kale) और परशुराम वाघमारे (Parshuram Waghmare) समेत 17 की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं, एक आरोपी अब भी फरार बताया जा रहा है। गौरी लंकेश मामले की सुनवाई जल्द शुरू होने की खबर से उनकी बहन कविता लंकेश और उनके समर्थक काफी खुश हैं।
क्या था मामला?
पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश (55 वर्ष) का जन्म कर्नाटक में साल 1962 में हुआ था। 5 सितंबर 2017 को गौरी लंकेश की हत्या उनके घर के बाहर गोली मारकर कर दी गई थी। दरअसल, गौरी लंकेश एक मुखर व्यक्तित्व और खुलकर लिखने वाली महिला के रूप में जानी जाती थीं। कहा जाता है, कि ये महिला पत्रकार किसी खौफनाक साजिश का खुलासा करने वाली थी जिससे पहले उनकी हत्या कर दी गई।
लंबे समय अंधेरे में तीर चलाती रही पुलिस
गौरी लंकेश की हत्या के बाद राज्य पुलिस के अधिकारियों की एक बड़ी टीम करीब डेढ़ साल तक मशक्कत करती रही, मगर कोई सुराग हाथ नहीं लगा था। हालांकि, कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस हत्याकांड की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए थे। हर कोण से जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया था। कई तेजतर्रार अफसरों के बावजूद एसआईटी महीनों तक अंधेरे में तीर चलाती रही। उसे किसी आरोपी का कोई सुराग नहीं मिला। लाखों फोन कॉल की भी जांच की गई। हजारों संदिग्धों से भी पूछताछ हुई, मगर नतीजा सिफर रहा।
पहला सुराग 2018 में हाथ लगा
फिर आया साल 2018 का फरवरी का महीना। इस केस में पहला सुराग मिला। पुलिस ने नवीन कुमार उर्फ हॉटी मंजा नामक एक बदमाश को गिरफ्तार किया। उसके पास से अवैध हथियार बरामद हुआ। सात दिनों की लंबी पूछताछ के बाद उसने गौरी लंकेश के हत्यारों की मदद करने की बात कबूली। इसके बाद मामला आगे बढ़ा और कई अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हुई।
अब जबकि इस मामले की सुनवाई की तारीख 27 मई 2022 घोषित हुई है तो, गौरी लंकेश को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रहे लोगों में एक उम्मीद जगी है। अब देखना होगा कि मामला किस तरह आगे बढ़ता है। क्योंकि, एक लंबा समय बीत चुका है।