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दिल्ली के जाने-माने अस्पताल में नर्सों के लिए जारी हुए आदेश, भाषा पर विवादों से मचा बवाल

दिल्ली के जीबी पंत हास्पिटल में एक ऐलान किया गया, जिसमें सभी नर्सिंग स्टाफ बातचीत के लिए सिर्फ हिंदी या अंग्रेजी में बात करेंगे, बाकी भाषा में बात करने पर वे कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 6 Jun 2021 11:25 AM IST
Nurses in Delhis big hospital banned from speaking Malayalam
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नर्सें (फोटो-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के जीबी पंत हास्पिटल में एक ऐलान किया गया, जिसे लेकर विवादों का सिलसिला तेेज हो गया है। ऐसे में अस्पताल ने ये आदेश दिया है कि सभी नर्सिंग स्टाफ बातचीत के लिए सिर्फ हिंदी या अंग्रेजी में बात करेंगे, बाकी भाषा में बात करने पर वे कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

अस्पताल द्वारा दिए गए इस आदेश में अब इस मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दखल दी है। राहुल ने कहा है कि मलयालम भी उतनी ही भारतीय भाषा है जितनी की कोई भाषा। भाषाओं के नाम पर भेदभाव बंद किया जाना चाहिए।

असल में अस्पताल को एक शिकायत मिली थी कि नर्सिंग स्टाफ अपने राज्य या लोकल भाषा में बात करते हैं। जिसके कारण मरीजों को असुविधा होती है।

मलयालम भाषा का उपयोग

राजधानी के जीबी पंत अस्पताल ने इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए एक सर्कुलर जारी किया है और जिसमें कहा गया है कि ऐसी शिकायत मिली है कि अस्पताल के वर्किंग प्लेस पर कम्युनिकेशन के लिए मलयालम भाषा का उपयोग किया जा रहा है।

इसमें ज्यादातर मरीज और अन्य लोग इस भाषा को नहीं जानते हैं, जिसके कारण वे असहाय और असुविधा महसूस करते हैं। इसलिए अस्पताल की सभी नर्सिंग स्टाफ को निर्देश दिया जाता है कि वे कम्युनिकेशन की भाषा के रूप में सिर्फ और सिर्फ हिंदी और अंग्रेजी भाषा का ही उपयोग करें। नहीं तो उन पर सीरियस एक्शन लिया जा सकता है।

मानवाधिकारों का उल्लंघन है

बता दें, ये सर्कुलर जीबी पन्त अस्पताल की नर्सिंग सुपरिटेंडेंट ने 5 जून मतलब कि कल जारी किया है। इस पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी इस मामले पर गहरी आपत्ति जताई है। उन्होंने ट्विटर पर लिखते हुए कहा है ''ये आश्चर्यजनक है कि भारत जैसे लोकतान्त्रिक देश में एक सरकारी संस्थान अपनी नर्सों से कह सकता है कि वे उन लोगों से भी अपनी मातृभाषा में बात न करें जो उन्हें समझ सकते हैं। ये एकदम अस्वीकार्य है। मानवाधिकारों का उल्लंघन है'' बता दें कि इस अस्पताल में बड़ी संख्या में केरल की नर्सें काम करती है। और इन नर्सों की भाषा मलयालम है।

इसी कड़ी में कांग्रेस सांसद और पार्टी के जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन को एक पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है मलयालम नर्सों के लिए मातृभाषा है और ऐसा सर्कुलर उनके साथ बहुत ही विभेदकारी है। उनके मूलाधिकार का भी उल्लंघन है। इस सर्कुलर को जल्द से जल्द वापस लिया जाए।



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Vidushi Mishra

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