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GOA Election 2022: गोवा भाजपा का एक और बड़ा विकेट गिरा, चुनाव से पहले बीजेपी में संकट गहराया

GOA Election 2022: अभी पर्ऱिकर परिवार के बागी तेवर के झटके से बीजेपी उबरी भी नहीं थी कि गोवा बीजेपी के एक औऱ दिग्गज नेता ने पार्टी का साथ छोड़ने का ऐलान कर दिया।

Krishna Chaudhary
Published on: 22 Jan 2022 2:32 PM GMT
lakshmikant parsekar
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Lakshmijant Parsekar

GOA Election 2022: विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Chunav) को लेकर इन दिनों चुनावी राज्यों में जबरदस्त सियासी उठापटक चल रही है। आए दिन किसी दल का बड़ा नेता या तो दूसरे दल में शामिल हो रहा है या अकेले ताल ठोंकने की बात कर रहा है। देश के सबसे छोटे राज्य गोवा में भी इनदिनों यही स्थिति देखने को मिल रही है। यहां हैट्रिक लगाने का सपना संजोए रही सत्तारूढ़ बीजेपी की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। दिग्गजों का पार्टी छोडऩे का सिलसिला जारी है। अभी पर्ऱिकर परिवार के बागी तेवर के झटके से बीजेपी उबरी भी नहीं थी कि गोवा बीजेपी के एक औऱ दिग्गज नेता ने पार्टी का साथ छोड़ने का ऐलान कर दिया।

पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज भाजपा नेता लक्ष्मीकांत पारसेकर ने दिवंगत मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर के नक्शेकदम पर चलते हुए बगावत का झंडा बुलंद कर दिया है। पारसेकर ने अपनी पारंपरिक सीट मंडरेम से टिकट न मिलने से निराश होकर पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। दरअसल वो इस सीट से 2002 से लेकर 2017 तक लगातार चुनाव जीतते रहे हैं। हालांकि पारसेकर 2017 में कांग्रेस उम्मीदवार दयानंद सोपते के हाथों ये सीट गंवा बैठे, उस समय वो राज्य के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। सोपते 2019 में अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ भाजपा में शामिल हो गए और बीजेपी ने उन्हें फिर से इस सीट से चुनाव में उतारा है। जिससे पारसेकर नाराज हो गए।


नेताओं की नाराजगी बीजेपी को पड़ेगी भारी


बीते दो दिनों में गोवा में पार्टी को ये दूसरा बड़ा झटका लगा है। मनोहर पर्रिकर की तरह लक्ष्मीकांत पारसेकर भी राज्य में जमीनी नेता की छवि रखते हैं। दोनों ने मिलकर राज्य में पार्टी को इस मुकाम पर पहुंचाया। 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद जब पर्रिकर गोवा की गद्दी छोड़ रक्षा मंत्री बनने दिल्ली गए तब उनकी जगह राज्य की कमान लक्ष्मीकांत पारसेकर के हाथों में ही दी गई। हालांकि वो पार्टी को दोबारा चुनाव नहीं जीतवा सके और खुद भी अपनी सीट हार गए। इन सबके बावजूद पारसेकर भाजपा के कार्य़कताओं में पकड़ रखते हैं। यही वजह है कि पार्टी ने उन्हें घोषणा पत्र समिति का अध्यक्ष बनाया। इसके अलावा वो पार्टी के कोर ग्रुप के मेंबर भी थे। वहीं आपको बता दें अब तक कई बीजेपी विधायक औऱ मंत्री पार्टी छोड़ कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों में शामिल हो चुके हैं। ऐसी स्थिति में चुनाव से ऐन पहले एक जमीनी नेता की नाराजगी बीजेपी को भारी पड़ सकती है।

Krishna Chaudhary

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Content Writer

Krishna Chaudhary having four year experience of working in different positions during his Journalism. Having Expertise to create content in Politics, Crime, National and International Affiars.

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