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Independence Day: गोवा के साओ जैसिंटो द्वीप पर नौसेना को तिरंगा फहराने से स्थानीय लोगों ने रोका, सीएम बोलें देश विरोधी है यह गतिविधि
Independence Day: गोवा से एक चौकाने वाली खबर सामने आयी है. साओ जैसिंटो द्वीप पर रहने वाले लोगो ने नौसेना को स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर तिरंगा फहराने से मना कर दिया। जिसके बाद नौसेना ने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया है.
Independence Day: पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन इस बार दक्षिण गोवा से एक ऐसी खबर सामने आ रही है जो स्तब्ध कर देने वाली है। दरअसल दक्षिण गोवा के साओ जैसिंटो द्वीप (sao jacinto island) के लोगों ने तिरंगा फहराने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। यहां के निवासियों ने कहा है कि वह नहीं चाहते कि केंद्रीय अथवा राज्य सरकार का कोई भी अधिकारी यहाँ झंडा फहराए। वहीं भारतीय नौसेना ने विवाद के चलते कल के कार्यक्रम को रद्द कर दिया है। दरअसल लोगों का कहना है कि उन्हें सरकारी अधिकारियों पर विश्वास नहीं है। वहीं इस पूरे मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इसे भारत विरोधी गतिविधि ही करार दिया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि भारत विरोधी तत्वों के इन प्रयासों से सख्ती से निपटा जाएगा।
नौसेना से सीएम का अनुरोध
लोगों के विरोध के बाद नौसेना के द्वारा कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया। वहीं गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए नौसेना से अनुरोध किया है कि वह अपने तय कार्यक्रम के हिसाब से ही वहां झंडा रोहण करें। साथ ही मुख्यमंत्री ने गोवा पुलिस से पूर्ण सहयोग का आश्वासन भी दिया है। उन्होंने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक घटना है कि साओ जैसिंटो द्वीप पर रहने वाले कुछ व्यक्तियों ने नौसेना को स्वतंत्रता दिवस के दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराने से आपत्ति जताई है। वहीं मुख्यमंत्री ने इसकी निंदा करते हुए कहा है कि सरकार किसी भी तरह की देश विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगी।
क्यों लोग कर रहे विरोध
साओ जैसिंटो में रहने वाले लोगों का कहना है कि वे लोग हर साल परंपरागत रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराते आए हैं। हालांकि यहां लोग संसद से पारित तटीय क्षेत्र प्रबंधन योजना और बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक 2020 को लेकर चिंतित है। उन्हें लगता है कि द्वीप पर होने वाली राजनीतिक गतिविधियां द्वीप के लोगों और पारंपरिक मछुआरों के खिलाफ होंगी। लोगों को डर है कि द्वीप पर बंदरगाह बन जाने से सरकारी अधिकारी उसे अपने कब्जे में लेकर निजी कंपनी को सौंप देंगे।