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निजीकरण वाले बैंकों के स्टाफ के लिए बड़ी खबर, मिल सकती है एक साल की जाॅब गारंटी

Government Bank : सरकारी बैंकों के निजीकरण के एलान के बाद कर्मचारियों को नौकरी की सुरक्षा देने के लिए एक साल की जाॅब गारंटी पर विचार किया जा रहा है।

Ramkrishna Vajpei
Written By Ramkrishna VajpeiPublished By Shivani
Published on: 12 Jun 2021 5:01 AM GMT
निजीकरण वाले बैंकों के स्टाफ के लिए बड़ी खबर, मिल सकती है एक साल की जाॅब गारंटी
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Government Bank : नीति आयोग द्वारा विनिवेश प्रक्रिया के तहत चालू वित्त वर्ष में निजीकरण के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के नामों को अंतिम रूप देने के बाद, अब सरकार के थिंक टैंक ने सुझाव दिया है कि इन राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्मचारियों को एक साल के लिए नौकरी की सुरक्षा दी जानी चाहिए। इस बात का खुलासा ब्लूमबर्गक्विंट की एक विशेष रिपोर्ट में किया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि निजीकरण की प्रक्रिया में सूचीबद्ध किये गए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों को नौकरी की सुरक्षा देने का प्रस्ताव केंद्रीय वित्त मंत्रालय को भेजा जा चुका है। इस पर अब मंत्रालय को अंतिम फैसला करना है।

दो सरकारी बैंकों के निजीकरण की घोषणाः

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के अपने केंद्रीय बजट भाषण में कहा था कि सरकार दो सरकारी बैंकों का निजीकरण करेगी। इसके बाद, बैंक यूनियनों ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में हिस्सेदारी बेचने की सरकार की योजना का विरोध किया था। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन ने इस घोषणा के खिलाफ इस साल मार्च में दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल और प्रदर्शन भी किया था।


केंद्र सरकार चाहती है कि वह वर्तमान में बड़े गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के बोझ वाले राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए उपयोग की जाने वाली धनराशि का उपयोग लोक कल्याण और ढांचागत विकास के लिए करे। हालांकि, निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा था कि जिन बैंकों के कर्मचारियों के निजीकरण की संभावना है, उनके हितों की "पूरी तरह से रक्षा की जाएगी।" लेकिन बैंक यूनियनें इससे संतुष्ट नहीं है। उन्हें इस आशंका है कि इस बहाने बड़ी संख्या में बैंक कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। इसी आशंका को देखते हुए न्यूनतम एक साल की नौकरी की गारंटी का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

बैंक कर्मचारियों पर नौकरी का संकट

इस बीच, फिच रेटिंग्स ने भी आशंका जताई है कि बैंकों के निजीकरण की सरकार की योजना को कोविड महामारी के कारण बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। गौरतलब है कि जिन बैंकों के निजीकरण की संभावना है, उनके नामों का खुलासा सरकार की ओर से अभी नहीं किया गया है।

कहा जा रहा है कि सरकार एयर इंडिया (एआई) के कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए भी इसी तरह की योजना लेकर आई थी, जिसे निजीकरण के लिए भी रखा गया है। रिपोर्टों के मुताबिक, सरकार नए एआई मालिक के लिए बिक्री पूरी होने के बाद एक साल के लिए राष्ट्रीय वाहक के सभी कर्मचारियों को बनाए रखने के लिए अनिवार्य बनाने वाला एक खंड जोड़ने की संभावना पर विचार कर रही है।


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