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PM Modi Red Fort Speech: पीएम मोदी बोले- गुरु नानकदेव ने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोया

Guru Tegh Bahadur PM Narendra Modi Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज इस मौके पर लाल किले से देश को संबोधित करने वाले हैं। इसके लिए भव्य तैयारी की गई है।

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Newstrack NetworkPublished By Shashi kant gautam
Published on: 21 April 2022 9:45 PM IST (Updated on: 21 April 2022 10:29 PM IST)
PM Modi Red Fort Speech LIVE: पीएम मोदी बोले- गुरु नानकदेव ने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोया
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पीएम मोदी (फोटो साभार- ट्विटर)

Guru Tegh Bahadur PM Narendra Modi Speech: सिख धर्म के नौवें गुरू, गुरू तेगबहादुर के 400वें प्रकाश पर्व (guru tegh bahadur prakash parv) के मौके पर लाल किला (Red Fort) में दो दिवसीय समागम का आय़ोजन किया जा रहा है। समागम का आज दूसरा दिन है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज इस मौके पर लाल किले से देश को संबोधित कर रहे हैं। इसके लिए भव्य तैयारी की गई है। इसे ऐतिहासिक लम्हा भी बताया जा रहा है कि क्योंकि पहली बार देश का प्रधानमंत्री सूर्यास्त के बाद लाल किले से देश को संबोधित कर रहा है।

Red Fort PM Narendra Modi Speech LIVE Update

लाल किले पर पीएम मोदी का संबोधन शुरू हो गया है। इस मौके पर पीएम मोदी ने सभी को गुरू तेगबहादुर के 400वें प्रकाश पर्व की बधाई दी और कहा कि गुरु तेगबहादुर साहब के 400वें प्रकाश पर्व को समर्पित इस भव्य आयोजन में मैं आप सभी का हृदय से स्वागत करता हूं। अभी शबद कीर्तन सुनकर जो शांति मिली, वो शब्दों में अभिव्यक्त करना मुश्किल है। आज मुझे गुरू को समर्पित स्मारक डाक टिकट और सिक्के के विमोचन का भी सौभाग्य मिला है। मैं इसे हमारे गुरूओं की विशेष कृपा मानता हूं।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इससे पहले 2019 में हमें गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व और 2017 में गुरु गोबिंद सिंह का 350वां प्रकाश पर्व मनाने का भी अवसर मिला था। मुझे खुशी है कि देश निष्ठा के साथ गुरुओं के आदर्शों पर बढ़ रहा है। आज पूरा एक देश एकजुट होकर इस पर्व पर साथ आया है, सभी एक ही संकल्प को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।

लाल किले ने गुरु तेग बहादुर की शहादत को भी देखा

पीएम मोदी ने आगे कहा ये लालकिला कितने ही अहम कालखण्डों का साक्षी रहा है। इस किले ने गुरु तेग बहादुर की शहादत को भी देखा है और देश के लिए मरने-मिटने वाले लोगों के हौसले को भी परखा है। आजादी के बाद के 75 वर्षों में भारत के कितने ही सपनों की गूंज यहां से प्रतिध्वनित हुई है। इसलिए आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान लाल किले पर हो रहा ये आयोजन बहुत विशेष हो गया है।

प्रधानमंत्री के मुताबिक, सैकड़ों काल की गुलामी से मुक्ति को, भारत की आजादी को, भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक यात्रा से अलग करके नहीं देखा जा सकता। इसलिए आज देश आजादी के अमृत महोत्सव को और गुरु तेग बहादुर साहिब के 400वें प्रकाश पर्व को एक साथ मना रहा है।

गुरुद्वारा शीशगंज साहब भी है गुरु तेग बहादुर के बलिदान का प्रतीक

पीएम ने यह भी कहा कि गुरु तेग बहादुर के अमर बलिदान का प्रतीक गुरुद्वारा शीशगंज साहब भी है। ये पवित्र गुरुद्वारा हमें याद दिलाता है कि हमारी महान संस्कृति की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर का बलिदान कितना बड़ा था। उस समय देश में मजहबी कट्टरता की आंधी आई थी। धर्म को दर्शन, विज्ञान और आत्मशोध का विषय मानने वाले हमारे हिंदुस्तान के सामने ऐसे लोग थे जिन्होंने धर्म के नाम पर हिंसा और अत्याचार की पराकाष्ठा कर दी थी। उस समय भारत को अपनी पहचान बचाने के लिए एक बड़ी उम्मीद गुरु तेग बहादुर के रूप में दिखी थी। औरंगजेब की आततायी सोच के सामने उस समय गुरु तेग बहादुर, 'हिन्द दी चादर' बनकर, एक चट्टान बनकर खड़े हो गए थे।

'एक भारत' के दर्शन

प्रधानमंत्री ने कहा गुरु नानकदेव ने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोया। गुरु तेग बहादुर के अनुयायी हर तरफ हुये। पटना में पटना साहिब और दिल्ली में रकाबगंज साहिब, हमें हर जगह गुरुओं के ज्ञान और आशीर्वाद के रूप में 'एक भारत' के दर्शन होते हैं।

सिख परंपरा के तीर्थों को जोड़ने का प्रयास

पीएम मोदी बोले, पिछले वर्ष ही हमारी सरकार ने, साहिबजादों के महान बलिदान की स्मृति में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने का निर्णय लिया। सिख परंपरा के तीर्थों को जोड़ने के लिए भी हमारी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। श्री गुरुग्रंथ साहिब हमारे लिए आत्मकल्याण के पथप्रदर्शक के साथ साथ भारत की विविधता और एकता का जीवंत स्वरूप भी हैं। इसलिए, जब अफग़ानिस्तान में संकट पैदा होता है, हमारे पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूपों को लाने का प्रश्न खड़ा होता है, तो भारत सरकार पूरी ताकत लगा देती है।

आत्मनिर्भर भारत के निर्माण पर जोर

भारत ने कभी किसी देश या समाज के लिए खतरा नहीं पैदा किया। आज भी हम पूरे विश्व के कल्याण के लिए सोचते हैं। हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो उसमें पूरे विश्व की प्रगति लक्ष्य का सामने रखते हैं। नई सोच, सतत परिश्रम और शत-प्रतिशत समर्पण, ये आज भी हमारे सिख समाज की पहचान है। आजादी के अमृत महोत्सव में आज देश का भी यही संकल्प है। हमें अपनी पहचान पर गर्व करना है। हमें लोकल पर गर्व करना है, आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है। पीएम बोले, हमें ऐसा भारत बनाना है, जिसका सामर्थ्य दुनिया देखे, जो दुनिया को नई ऊंचाई पर ले जाये। देश का विकास और तेज प्रगति हम सबका कर्तव्य है। इसके लिए सबके प्रयास की जरूरत है।



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Shashi kant gautam

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